क्लोनिंग क्या है (What is Cloning in hindi) –
क्लोनिंग (Cloning) या प्रतिरूपण का सामान्य अर्थ हमशक्ल तैयार करना! क्लोन एक ऐसी जैविक रचना है जो एकमात्र जनक(माता/पिता) से अलैंगिक विधि द्वारा उत्पन्न होती है! उत्पादित क्लोन अपने जनक से शारीरिक और अनुवांशिक रूप से पूर्णत: समरूप होता है! अतः किसी भी जीव का प्रतिरूप तैयार करना ही क्लोनिंग है!
क्लोन का अर्थ टि्वन या समरूप होता है! क्लोन एक ऑर्गेनिज्म है, जो एकमात्र जनक से गैर-लैगिंक विधि से उत्पादित होता है! क्लोन अपने जनक से बौद्धिक एवं अनुवांशिक रूप से बिल्कुल समान होता है! क्लोनिंग में नाभिक स्थानांतरण तकनीक द्वारा केंद्रक रहित डिम्ब में समाविष्ट कर समरूप क्लोन प्राप्त किए जाते हैं! इस तकनीक के अंतर्गत प्रायः नाभिकीय अंतरण विधि का प्रयोग किया जाता है!
कृषि और बागवानी के क्षेत्र में क्लोनिंग की प्रक्रिया प्राचीन काल से ही चली आ रही है परंतु जंतुओं के निर्माण में क्लोनिंग का उपयोग हाल के वर्षों में होने लगा है!
क्लोनिंग का इतिहास (History of Cloning in hindi) –
वर्ष 1996 में डॉ. इयान विल्मुट और उनके सहयोगियों ने सोमेटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर ”डाॅली” नामक भेड़ का क्लोन तैयार किया, परंतु इसकी जानकारी वर्ष 1997 में सार्वजनिक की गई! वर्ष 1998 में हवाई में अनुसंधानकर्ताओं ने एक चूहे के 50 क्लोन बनाएं गए! इसी प्रकार 1999 में सांड के क्लोन ने क्लोनों से प्राप्त दूध व मांस के सुरक्षित होने संबंधित चर्चा की शुरुआत की! भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विश्व में प्रथम बार भैंस का क्लोन 2009 में बनाया गया!

क्लोनिंग के प्रकार (Types of Cloning in hindi) –
(1) जीन क्लोनिंग या आणविक क्लोनिंग (Gen or Molecular Cloning)
(2) रीप्रोडक्टिव क्लोनिंग (Reproductive Cloning)
(3) थेराप्यूटिक क्लोनिंग ( Therapeutic Cloning)
जीन क्लोनिंग के अंतर्गत पहले जीन अभियांत्रिकी का प्रयोग कर ट्रांसजेनिक सूक्ष्म जीव, जैसे – ट्रांसजेनिक बैक्टीरिया आदि का निर्माण किया जाता है! फिर उचित वातावरण का निर्माण कर उस जेनेटिकली मॉडिफाइड बैक्टीरिया के क्लोन प्राप्त किए जाते हैं, जिनका उपयोग अनेक कार्यो, जैसे – मानव उपयोगी प्रोटीन (इंसुलिन आदि) के निर्माण में किया जाता है!
(2) रीप्रोडक्टिव क्लोनिंग (Reproductive Cloning in hindi) –
रीप्रोडक्टिव क्लोनिंग विधि में अलैंगिक विधि द्वारा एकल जनक से नया जीव तैयार किया जाता है! इस प्रक्रिया में सोमेटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर (SCNT) तकनीक का प्रयोग किया जाता है! इसमें शारीरिक एवं आनुवांशिक रूप से क्लोन जीव पूर्ण रूप से अपने जनक के समान होता है! इसके तहत नाभिकीय अंतरण विधि का प्रयोग किया जाता है जिसमें कोशिका के नाभिक को यांत्रिक विधि से निकालकर नाभिक रहित अंडाणु में प्रतिस्थापित कर दिया जाता है!
इसके बाद उस निषेचन पर हल्की विद्युत तरंगों को प्रवाहित कर क्रिया कराई जाती है, जिसके पश्चात कोशिका का तीव्र विभाजन प्रारंभ हो जाता है! इस प्रक्रिया के बाद पूर्ण विकसित अंडाणु को प्रतिनियुक्त मां (सरोगेट मदर) के गर्भ में आरोपित कर दिया जाता है! जिसके साथ ही गर्भाधान, बच्चे का विकास तथा उसका जन्म होता है!
(3) थेराप्यूटिक क्लोनिंग (Therapeutic Cloning in hindi) –
थैरेप्यूटिक क्लोनिंग में क्षतिग्रस्त ऊतकों या अंगों को स्थानांतरित करने या उनमें सुधार करने के लिए भ्रूणीय स्टेम सेल का उत्पादन किया जाता है! जिसके लिए किसी युग्मित नाभिक को शरीर की एक कोशिका से नाभिक रहित अंडाणु में स्थानांतरित किया जाता है! इस विधि से मानवीय अनुसंधान हेतु मानव भ्रूण तैयार किया जाता है! भ्रूण के तैयार होने की आरंभिक अवस्था में उससे स्टेम सेल को अलग कर लिया जाता है! बाद में इस सेल से आवश्यक मानवीय कोशिकाओं का विकास किया जाता है!
क्लोनिंग के लाभ (Benefits of Cloning in hindi) –
क्लोनिंग के लाभ इस प्रकार हैं –
(1) क्लोनिंग की सहायता से विशेषता को एवं अंगों का निर्माण कार्य की असाध्य एवं अनुवांशिक बीमारियों को दूर किया जा सकता है, जो परंपरागत चिकित्सा पद्धतियों से ठीक नहीं हो सकती!
(2) आणविक क्लोनिंग के उपयोग से अनेक मानव उपयोगी प्रोटीन जैसे – इंसुलिन आदि का निर्माण किया जा रहा है!
(3) जेनोट्रांसप्लांटेशन की सफलता को देखते हुए अंग प्रत्यारोपण के क्षेत्र में क्लोनिंग क्रांति ला सकती है!
(4) कैंसर के उपचार में क्लोनिंग का महत्व है क्योंकि कैंसर में कोशिकाएं विभाजित होने लगती हैं इसमें से कुछ कोशिका तो पूरा पुनरचित हो जाती है किंतु अन्य नहीं!
(5) क्लोनिंग के द्वारा विशेष प्रकार की वनस्पतियों एवं जीवों का क्लोन बनाया जा सकता है, जिससे महत्वपूर्ण औषधियों का निर्माण तथा जैव विविधता का भी संरक्षण किया जा सके!
क्लोनिंग के नुकसान (disadvantages of cloning in hindi)-
(1) वर्तमान समाजिक संरचना जैसे – परिवारिक संस्था प्रभावित होगी, क्योंकि क्लोनिंग के लिए एकल जनक ही उत्तरदाई होता है!
(2) क्लोनिंग द्वारा उत्पन्न बच्चे और सेरोगेट मां में क्या रिश्ता होगा, इसका निर्धारण करना मुश्किल होगा!
(3) क्लोनिंग से बड़े पैमाने पर भ्रूण हत्या होगी, क्योंकि इसमें सफलता का प्रतिशत बहुत कम है!
(4) मानव अंगों के व्यापार होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता, परंतु वर्तमान में मानव क्लोनिंग को विश्व में प्रतिबंधित किया गया है
(5) मानव क्लोन से अपराध बढ़ने की आशंका है क्लोन सैनिक तैयार कर पुनः विकसित एवं धनी देश साम्राज्यवाद व उपनिवेशवाद की अवधारणा को जीवित कर सकते हैं!
(6) इसका उपयोग वैश्विक आतंकवाद के लिए में मानव बम के रूप में किया जा सकता है!
मानव क्लोनिंग (Human cloning) का अर्थ है कि मानव की आनुवंशिक रूप से समान प्रति ( प्रतिरूप) तैयार करना. जो मानव कोशिकाओं और ऊतकों का प्रजनन होता है। मानव क्लोनिंग चिकित्सीय क्लोनिंग और प्रजनन क्लोनिंग दो प्रकार की होती है।
मानव क्लोनिंग के निम्नलिखित फायदे हैं
(1) मानव क्लोनिंग से हमें आघातों या बीमारियों से उभरने के नए तरीके खोजने में मदद कर सकता हैं!
(2) यह प्रजनन क्षमता की समस्याओं को हल करने में मदद कर सकता है!
(3) मानव क्लोनिंग से चिकित्सा विज्ञान में नई प्रगति हो सकती है!
(4) मानव क्लोनिंग बीमारियों के प्रभाव को उन तरीकों से कम कर सकता है, जो टीकाकरण से संभव नहीं है!
(5) मानव क्लोनिंग कल की पीढ़ी के लिए आज की परिस्थितियों को ठीक करने में हमारी मदद कर सकता है!
मानव क्लोनिंग के निम्नलिखित नुकसान है
(1) मानव क्लोनिंग हमेशा अपूर्ण विज्ञान हो सकता है!
(2) इंसानों की क्लोनिंग की तकनीक बहुत महंगी होगी!
(3) मानव क्लोनिंग व्यक्तित्व के प्रति हमारी धारणा को बदल सकता है!
(4) मानव की क्लोनिंग से हमारे जेनेटिक मेकअप (अनुवांशिक संरचना) की विविधता कम हो जाएगी!
(5) मानव क्लोनिंग से महिलाओं का शोषण होगा!
(6) इसके गलत उपयोग से मानव सभ्यता के लिए खतरा हो सकता है!
क्लोन किसे कहते हैं?
क्लोन एक ऐसी जैविक रचना है जो एकमात्र जनक(माता/पिता) से अलैंगिक विधि द्वारा उत्पन्न होती है! उत्पादित क्लोन अपने जनक से शारीरिक और अनुवांशिक रूप से पूर्णत: समरूप होता है! अतः किसी भी जीव का प्रतिरूप तैयार करना ही क्लोनिंग है!
भैंस का प्रथम क्लोन –
हरियाणा के करनाल जिले में स्थित राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान के पशु जैव प्रौद्योगिकी केंद्र के वैज्ञानिकों ने भैंस का क्लोन तैयार करने में सफलता प्राप्त की! 6 फरवरी 2009 को जन्मे भैंस के इस क्लोन की एक सप्ताह के भीतर ही मृत्यु हो गई! उल्लेखनीय है कि भैंस का क्लोन बनाने वाला भारत विश्व का प्रथम देश है!
क्लोनिंग से संबंधित प्रश्न उत्तर
प्रश्न :- जीन क्लोनिंग किसे कहते हैं
उत्तर :- जीन क्लोनिंग के अंतर्गत पहले जीन अभियांत्रिकी का प्रयोग कर ट्रांसजेनिक सूक्ष्म जीव, जैसे – ट्रांसजेनिक बैक्टीरिया आदि का निर्माण किया जाता है! फिर उचित वातावरण का निर्माण कर उस जेनेटिकली मॉडिफाइड बैक्टीरिया के क्लोन प्राप्त किए जाते हैं, जिनका उपयोग अनेक कार्यो, जैसे – मानव उपयोगी प्रोटीन (इंसुलिन आदि) के निर्माण में किया जाता है!
प्रश्न :- क्लोनिंग के प्रकार बताइए
उत्तर :- 1) जीन क्लोनिंग या आणविक क्लोनिंग (Gen or Molecular Cloning) (2) रीप्रोडक्टिव क्लोनिंग (Reproductive Cloning) (3) थेराप्यूटिक क्लोनिंग ( Therapeutic Cloning)
प्रश्न :- क्लोनिंग द्वारा निर्मित संसार के पहले जीव का क्या नाम है
उत्तर :- वर्ष 1996 में डॉ. इयान विल्मुट और उनके सहयोगियों ने सोमेटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर ”डाॅली” नामक भेड़ का क्लोन तैयार किया, परंतु इसकी जानकारी वर्ष 1997 में सार्वजनिक की गई!
प्रश्न :- भेड़ का क्लोन की खोज किसने की
उत्तर :- वर्ष 1996 में डॉ. इयान विल्मुट और उनके सहयोगियों ने सोमेटिक सेल न्यूक्लियर ट्रांसफर टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर ”डाॅली” नामक भेड़ का क्लोन तैयार किया, परंतु इसकी जानकारी वर्ष 1997 में सार्वजनिक की गई!
उत्तर :- मानव क्लोनिंग (Human cloning) का अर्थ है कि मानव की आनुवंशिक रूप से समान प्रति ( प्रतिरूप) तैयार करना. जो मानव कोशिकाओं और ऊतकों का प्रजनन होता है। मानव क्लोनिंग चिकित्सीय क्लोनिंग और प्रजनन क्लोनिंग दो प्रकार की होती है।
प्रश्न :- प्रतिरूपण का अर्थ हिंदी में
उत्तर :- क्लोनिंग(Cloning) का सामान्य अर्थ हमशक्ल तैयार करना! क्लोन एक ऐसी जैविक रचना है जो एकमात्र जनक(माता/पिता) से अलैंगिक विधि द्वारा उत्पन्न होती है! उत्पादित क्लोन अपने जनक से शारीरिक और अनुवांशिक रूप से पूर्णत: समरूप होता है! अतः किसी भी जीव का प्रतिरूप तैयार करना ही क्लोनिंग है!
प्रश्न :- क्लोन कैसे बनाया जाता है
उत्तर :- क्लोन का अर्थ टि्वन या समरूप होता है! क्लोन एक ऑर्गेनिज्म है, जो एकमात्र जनक से गैर-लैगिंक विधि से उत्पादित होता है! क्लोन अपने जनक से बौद्धिक एवं अनुवांशिक रूप से बिल्कुल समान होता है! क्लोनिंग में नाभिक स्थानांतरण तकनीक द्वारा केंद्रक रहित डिम्ब में समाविष्ट कर समरूप क्लोन प्राप्त किए जाते हैं! इस तकनीक के अंतर्गत प्रायः नाभिकीय अंतरण विधि का प्रयोग किया जाता है!
प्रश्न :- क्लोनिंग क्या है
उत्तर :- क्लोनिंग(Cloning) या प्रतिरूपण का सामान्य अर्थ हमशक्ल तैयार करना! क्लोन एक ऐसी जैविक रचना है जो एकमात्र जनक(माता/पिता) से अलैंगिक विधि द्वारा उत्पन्न होती है! उत्पादित क्लोन अपने जनक से शारीरिक और अनुवांशिक रूप से पूर्णत: समरूप होता है! अतः किसी भी जीव का प्रतिरूप तैयार करना ही क्लोनिंग है!
इन्हें भी पढ़ें –
जीन मैपिंग क्या है? जीन मैपिंग के प्रकार एवं लाभ
बौद्धिक संपदा अधिकार क्या है? इसके प्रकार एवं विशेषताएं
डीएनए फिंगर प्रिंटिंग क्या है इसकी विधि, सीमाएं, उपयोग
नेटवर्क टोपोलॉजी Network Topology In Hindi
Thanks for the good article, I hope you continue to work as well.