सौरमंडल किसे कहते हैं? सौरमंडल की संरचना को समझाइए

सौरमंडल किसे कहते हैं (What is the solar system called in hindi)-

Table of Contents show

सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले विभिन्न ग्रहों, छुद्रग्रहों, धूमकेतुओं, उल्काओं तथा अन्य आकाशीय पिंडों के समूह को सौरमंडल (Solar System) कहते हैं! सौरमंडल में सूर्य का प्रभुत्व है, क्योंकि सौरमंडल का निकाय के द्रव्य का लगभग 99. 99 द्रव्य सूर्य में निहित हैं! सौरमंडल (sauramandal) के समस्त ऊर्जा का स्रोत हो रही हैं ! 

सौरमंडल का चित्र (Sauramandal ka chitr) –

सौरमंडल के ग्रह (Planets of solar system in hindi) –

ग्रह किसे कहते हैं (grah kise kahte hai) –

ग्रहों वे खगोलीय पिंड है जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं, (1) जो सूर्य की परिक्रमा करता हो (2) उसमें पर्याप्त गुरुत्वाकर्षण बल हो जिससे वह गोल स्वरूप धारण कर सके! (3) उसके आसपास का क्षेत्र साफ हो यानि उसके आसपास अन्य खगोलीय पिंडों की भीड़ ना हो! 

ग्रहों की उपयुक्त परिभाषा आई. एन. यू. के प्राग सम्मेलन (अगस्त 2006) में तय की गई थी! ग्रह की इस परिभाषा के आधार पर यम को ग्रह की श्रेणी से निकाल दिया गया फलस्वरूप परंपरागत ग्रहों की संख्या 9 से घटकर 8 रह गई! यम को बौने ग्रह की श्रेणी में रखा गया है! ग्रहों को दो भागों में विभाजित किया जाता है!  

ग्रहों का क्रम (sequence of planets in solar system in hindi) –

सूर्य से दूरी के अनुसार –

बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण एवं वरुण

द्रव्यमान के अनुसार –

बुध, मंगल, शुक्र, पृथ्वी, अरुण, वरुण, शनि एवं बृहस्पति

परिक्रमण काल के अनुसार (बढ़ते क्रम)

बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण एवं वरुण!

(1) बुध (Mercury in hindi) – 

बुध सूर्य का सबसे नजदीकी ग्रह है, जो सूर्य निकलने के दो घंटे पहले दिखाई पड़ता है! यही सबसे छोटा ग्रह है,जिसके पास कोई उपग्रह नहीं है! इसमें चुंबक क्षेत्र का होना, इसका सबसे विशिष्ट गुण है! यह सूर्य की परिक्रमा सबसे कम समय में पूरी करता है! अर्थात यह सौरमंडल का सर्वाधिक कक्षीय गति वाला ग्रह है!

यहां दिन अति गर्म एवं राते बर्फीली होती है. इसका तापांतर सभी ग्रहों में सबसे अधिक है! इसका तापमान रात में 173 डिग्री और दिन में 4 सप्ताह तक होता है! 

(2) शुक्र (Venus in hindi)- 

यह पृथ्वी का निकटतम, सबसे चमकीला एवं सबसे गर्म ग्रह है! शुक्र को सॉंझ का तारा या भोर का तारा कहा जाता है, क्योंकि यह शाम में पश्चिम दिशा में तथा सुबह पूरब की दिशा में आकाश में दिखाई पड़ता है! 

यह अन्य ग्रहों के विपरीत दक्षिणावर्त चक्रण करता है! यह घनत्व, आकार एवं व्यास में पृथ्वी के समान है इसे पृथ्वी का भगिनी ग्रह कहते हैं! इसका कोई उपग्रह नहीं है! 

(3) सौरमंडल में पृथ्वी (Earth in hindi) – 

पृथ्वी earth

पृथ्वी आकार में पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है! पृथ्वी का अक्ष उसकी कक्षा तल से बने लंब से  (23°30) झुका हुआ है! अर्थात पृथ्वी का अक्ष पृथ्वी की कक्षा तल से (66°30) का कोण बनाता है! पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवन संभव है. चंद्रमा पृथ्वी का उपग्रह है!

इसका विषुवतीय व्यास 12,756 किमी और ध्रुवीय व्यास 12,714 किमी. है! यह अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1,610 किमी प्रति घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकेंड में एक चक्र पूरा करती है! पृथ्वी की इस गति को घूर्णन गति या दैनिक गति कहते हैं! इस गति के कारण ही पृथ्वी पर दिन रात होते हैं जल की उपस्थिति के कारण से नीला ग्रह भी कहा जाता हैं!  

(4) मंगल ग्रह (Mars planet in hindi) – 

मंगल को लाल ग्रह भी कहा जाता है, इसका लाल रंग आयरन ऑक्साइड कारण होता है! इसके भी पृथ्वी के समान दो ध्रुव है तथा इसका कक्षातली 25° कोण पर झुका हुआ है जिसके कारण यहां पृथ्वी के समान ऋतु परिवर्तन होता है! यह अपनी धुरी पर 24 घंटे में चक्कर पूरा करता है! यह सूर्य की परिक्रमा करने में 687 दिन समय लेता है! फोबोस और डिमोस इसके दो उपग्रह है! 

(5) बृहस्पति ग्रह (Jupiter Planet in hindi) – 

बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है! इसे अपनी धुरी पर चक्कर लगाने में मात्र 10 घंटे का समय लगता हैं और सूर्य की परिक्रमा करने में 12 वर्ष का समय लगता है! यह पीले रंग का ग्रह है! इसका उपग्रह ग्यानीमीड में सभी उपग्रहों में सबसे बड़ा है ! 

(6) शनि (saturn in hindi) – 

शनि आकार में दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है इसके तल के चारों और सात वलय पाए जाते हैं! यह आकाश में पीले तारे के समान दिखाई पड़ता है! इसका घनत्व सभी ग्रहों एवं जल से भी कम है अर्थात इसे जल में रखने पर यह तैरने लगेगा! 

शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है जो सौरमंडल का सबसे बड़ा बुरा है यह आकार में बुध के बराबर है! टाइटन की खोज 1665 में डेनमार्क के खगोलशास्त्री क्रिस्चियन हाइजोन ने की थी! यह एकमात्र ऐसा उपग्रह है इसका पृथ्वी जैसा स्वयं का सघन वायुमंडल है!  

(7) अरुण ग्रह (Uranus in hindi) – 

यह आकार में तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है! इसका तापमान लगभग -215 डिग्री सेल्सियस है! इसकी खोज 1781 में विलियम हर्शेल द्वारा की गई थी! इसके चारों ओर नौ वलय पाई जाती है जिसमें प्रमुख अल्फा,बीटा, गामा, डेल्टा एवं इप्सिलॉन है! 

यह अपने अक्ष पर पूर्व से पश्चिम की ओर दक्षिणावर्त घूमता है, जबकि अन्य ग्रह पश्चिम से पूर्व की ओर घूमते हैं! यह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ सा दिखलाई पड़ता है, इसलिए इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है! इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाइटेनिया है! 

(8) वरूण ग्रह (Varun planet in hindi) – 

इसकी खोज 1846 ई. में जर्मन खगोलज्ञ जमीन गाले ने की थी! यह खगोलीय व्यवस्था में सूर्य से सबसे दूर स्थित ग्रह है! यह हरे रंग का ग्रह है, इसके चारों ओर अति शीतल मिथेन का बादल छाये हुए रहते हैं! इसके उपग्रह में ट्रिट्रान का मुख्य है! 

सौरमंडल से संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न :- सौरमंडल में आकार के क्रम में पृथ्वी कौन से स्थान पर है

उत्तर :- सौरमंडल में आकार के क्रम में पृथ्वी पांचवा सबसे बड़ा ग्रह है! पृथ्वी का विषुवतीय व्यास 12,756 किमी और ध्रुवीय व्यास 12,714 किमी. है! पृथ्वी अपने अक्ष पर पश्चिम से पूर्व 1,610 किमी प्रति घंटा की चाल से 23 घंटे 56 मिनट और 4 सेकेंड में एक चक्र पूरा करती है!

प्रश्न :- सौरमंडल में कितने ग्रह है

उत्तर :- सौरमंडल में वर्तमान में 8 ग्रह है, अगस्त 2006 से पहले ग्रहों की संख्या 9 थी परंतु प्लूटो को अब ग्रह नहीं माना जाता है! जिसके कारण ग्रहों की संख्या 8 है!

प्रश्न :- नीला ग्रह किसे कहते हैं?

उत्तर :- नीला ग्रह पृथ्वी को कहा जाता हैं, क्योकिं पृथ्वी के कुल क्षेत्रफल का 71% भाग जल से घिरा है और अत्याधिक जल के कारण अंतरिक्ष से देखने पर पृथ्वी नीले रंग की दिखाई देती हैं!

प्रश्न :- लाल ग्रह किसे कहा जाता है?

उत्तर :- लाल ग्रह मंगल को कहा जाता है! इसका लाल रंग आयरन ऑक्साइड कारण होता है! इसके भी पृथ्वी के समान दो ध्रुव है!

प्रश्न :- लेटा हुआ ग्रह किसे कहते हैं?

उत्तर :- अरूण ग्रह अपनी धुरी पर सूर्य की ओर इतना झुका हुआ है कि लेटा हुआ सा दिखलाई पड़ता है, इसलिए अरूण को लेटा हुआ ग्रह भी कहा जाता है! इसका सबसे बड़ा उपग्रह टाइटेनिया है! 

प्रश्न :- भोर का तारा किसे कहते हैं

उत्तर :- शुक्र को साॉंझ का तारा या भोर का तारा कहा जाता है, क्योंकि यह शाम में पश्चिम दिशा में तथा सुबह पूरब की दिशा में आकाश में दिखाई पड़ता है! 

आपको यह भी पढना चाहिए –

प्लेट विवर्तनिकी सिद्वांत का वर्णन कीजिए

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्वांत क्या हैं? महाद्वीपीय विस्थापन सिद्वांत के पक्ष में तर्क एवं आलोचना

Leave a Comment

error: Content is protected !!