परिवहन क्या हैं? (Transport) परिवहन के साधनों का महत्व

परिवहन क्या हैं (Transport kya hai) –

परिवहन‘ (Transport) शब्द का प्रयोग बहुधा मनुष्यों, माल और विचारों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए किया जाता है। आधुनिक सन्दर्भों में ‘परिवहन’ शब्द का प्रयोग सारे परिवहन तन्त्र और उस तन्त्र द्वारा की जाने वाली सेवा के लिए होता है। यह तन्त्र एवं व्यवस्था मनुष्य और माल के बीच की दूरी को कम करती है। अमेरिकी विद्वान फेयर एवं विलियम के अनुसार परिवहन का अर्थ मनुष्यों अथवा सम्पत्ति का एक स्थान से दूसरे स्थान को संचालन अथवा गमनागमन है।

परिवहन के साधनों का महत्व (Importance of means of transport) –

मानव की आधारभूत आवश्यकताएँ रोटी, कपड़ा और मकान है। प्राचीनकाल में मानव का जीवन सरल था। अधिकांशतः समाज आत्मनिर्भर होते थे, अतः मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति स्वयं कर लेता था। जैसे-जैसे जनसंख्या में वृद्धि हुई, आवश्यकताएँ बढ़ने लगी, जिसके फलस्वरूप आत्मनिर्भरता समाप्त होती गई। आर्थिक क्रियाओं में विशिष्टीकरण होने लगा जिससे मनुष्य का एक स्थान से दूसरे स्थान पर आना-जाना अनिवार्य हो गया। 

मानव सभ्यता के विकास के तथा मानव के प्रारम्भिक आवागमन के इतिहास का निकट संबंध है। मनुष्य ने पशुओं को पालतू बनाया और तब पशु ही परिवहन के प्रमुख माध्यम हो गए। तत्पश्चात् बैलगाड़ीया, घोड़ागाड़ी द्वारा परिवहन होने लगा। थल मार्गों का विकास पगडन्डियों के रूप में होने लगा तथा इन मार्गों का प्रयोग जंगल से लकड़ी बाहर ले जाने के लिए उष्ण कटिबन्धीय भागों में हाथी का उपयोग होने लगा। 

मरुस्थलीय क्षेत्रों में आज भी ऊँट का प्रयोग होता है तथा बीहड़ पर्वतीय क्षेत्रों में टट्टू व खच्चर आज भी प्रमुख परिवहन के साधन हैं। मार्गों का विकास पगडन्डियों के रूप में होने लगा तथा साथ ही नदियों द्वारा आवागमन भी होने लगा। सभ्यता में वृद्धि के साथ आवश्यकताओं में भी वृद्धि होती चली गई। यान्त्रिक परिवहन साधनों की अनिवार्यता अनुभव की जाने लगी, अंततः परिवहन के आधुनिक साधन विशाल पोत, रेलगाड़ियाँ, मोटर गाड़ियों, वायुयानों आदि का उपयोग होने लगा! 

परिवहन का इन आधुनिक साधनों द्वारा परिवहन किए गए भार परिवहन गति तथा परिवहन लागत एवं व्यय की तुलना में परम्परागत परिवहन के साधन बहुत पीछे रह गए। परम्परागत परिवहन के साधनों का महत्व केवल उन स्थानों में रह गया है जहाँ आधुनिक परिवहन के साधनों का विकास सम्भव नहीं हो पाया। आज भी कुछ स्थानों पर आधुनिक परिवहन के साधनों का विकास नहीं हुआ है।

इस प्रकार औद्योगिक क्रान्ति के पश्चात् आधुनिक परिवहन का विकास हुआ जिसने आर्थिक क्रियाओं एवं मानव जीवन को एक नया रूप प्रदान किया है। आज भी इस क्षेत्र में नवीन अनुसंधान का विकास हो रहा है, जिससे आवागमन अधिक सुविधाजनक, अधिक नियमित अधिक गतिशील और सस्ता बना दिया है। परिवहन के आधुनिक साधनों को तीन प्रमुख भागों में बाँटा जा सकता है–

1. थल परिवहन (land transport) – (i) सड़क परिवहन (ii) रेल परिवहन

2. जल परिवहन (water transport) – (i) आन्तरिक नदी परिवहन (ii) नहर परिवहन

(iii) समुद्री या महासागरीय जल परिवहन

3. वायु परिवहन (air transportation)

परिवहन के माध्यमों का सापेक्षिक महत्वं विभिन्न प्रादेशिक, प्राकृतिक एवं आर्थि परिस्थितियों के अनुसार बदलता रहता है। स्थानीय एवं कम दूरी के परिवहन में मुख्य सड़कों व रेलों का प्रयोग होता है। जिन देशों में नौगम्य नदियों है वहाँ जल परिवहन का बहुत महत्व है। जल परिवहन में सबसे कम खर्चा होता है, परन्तु इसमें अपेक्षाकृत कम समय लगता है। नौगम्य नदियाँ बहुत कम देशों में उपलब्ध है।

(1) सड़क परिवहन का महत्व (importance of land transport in hindi) –

सामान को ढोने तथा यात्रियों के आवागमन के सड़कें एक महत्वपूर्ण साधन हैं। छोटी दूरियों के लिये सड़कें परिवहन का सस्ता माध्यम है। सड़कों द्वारा विभिन्न सामानों व यात्रियों को उनके घर के द्वार तक सुगमता से प जा सकता है, जबकि यह कार्य परिवहन के किसी अन्य माध्यम द्वारा सम्भव नहीं कारण है कि रेलमार्ग व जलमार्ग की तरह सड़क परिवहन में माल के बार-बार चढ़ाने की आवश्यकता नहीं होती है।

रेलमार्गों की तुलना में सड़क मार्गों को आसानी से व शीघ्रता से कम व्यय निर्मित किया जा सकता है, लेकिन रेलमार्गों की तुलना में सड़क मार्गों के रख रखाव करना होता है। सड़कों का निर्माण विविध उच्चावचन वाले ऐसे क्षेत्रों में भी कर लिया जाता हैं जहाँ रेलमार्गों का निर्माण असंभव होता है! यही कारण हैं कि विश्व के अधिकांश देशों में रेलमार्गों की तुलना में सड़क मार्गों का सघन जाल मिलता हैं! 

(2) रेल परिवहन का महत्व (importance of rail transport in hindi) –

भारी सामानों तथा बड़ी संख्या में व्यक्तियों के लिए रेल परिवहन सबसे सस्ता तथा उपयोगी है। स्थलीय भागों पर वर्तमान में माल ढुलाई करने में रेल परिवहन सबसे अग्रणी रहा है। सड़कों और नहरों के प्रयोग से उत्पन्न अनेक समस्याओं का निराकरण रेल परिवहन के माध्यम से किया जा सकता है। 

वर्तमान समय में चलने वाली आधुनिक रेलों की गति इतनी अधिक होती है कि उनमें सामान के परिवहन तथा मानव के आवागमन में सड़क मार्ग की तुलना में कम समय लगता है। रेलमार्गों के विद्युतीकरण ने रेल परिवहन को पूर्व की तुलना में और अधिक प्रभावी व आरामदायक बना दिया है। वर्तमान में शीघ्र खराब होने वाली विभिन्न वस्तुओं को बाजारों तक सड़क मार्ग की तुलना में रेलमार्ग के माध्यम से भेजने को वरीयता प्रदान की जाती है। 

(3) सामुद्रिक परिवहन का महत्व (importance of sea transport in hindi) –

सागरीय भागों में विभिन्न प्रकार के जलयानों से किया जाने वाला परिवहन कुछ निश्चित व निर्धारित मार्गों से होकर सम्पन्न होता है। सागरीय भागों में इस प्रकार के निश्चित व निर्धारित मार्ग प्राकृतिक परिवहन मार्ग होते हैं, जिनके द्वारा वस्तुओं का एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप को परिवहन न्यूनतम सम्भव व्यय पर होता है। सामुद्रिक परिवहन मार्गों के निर्माण के लिए मानव को कोई सड़क या रेलमार्ग का न तो निर्माण करना पड़ता है और न ही उनके रख-रखाव के लिये कोई व्यय करना पड़ता है। 

सागर विश्व के सभी देशों को विभिन्न दिशाओं में निःशुल्क परिवहन मार्ग प्रदान करते हैं। शिपिंग कम्पनियों को केवल अपने जलयानों व बन्दरगाहों के रख-रखाव पर व्यय करना पड़ता है। सामुद्रिक परिवहन में जलवानों के आकार में किसी भी सीमा तक वृद्धि की जा सकती है। वस्तुतः सामुद्रिक परिवहन विश्व के अन्य सभी परिवहन माध्यमों की तुलना में सबसे अधिक सस्ता पड़ता है। सस्तेपन के कारण ही अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में सामुद्रिक परिवहन प्रमुखतः स्थान रखता है। सामुद्रिक परिवहन में प्रमुखतः स्थान रखता हैं! 

(4) वायु परिवहन का महत्व (importance of air transport in hindi) –

वायु परिवहन ने परिवहन की गति को अधिकतम, समय कम तथा दूरियों को कम कर दिया है। वायु परिवहन यद्यपि सबसे अधिक महंगा होने के कारण भारी सामान के परिवहन के लिये उपयुक्त नहीं है तथापि यह हल्की तथा बहुमूल्य वस्तुओं के परिवहन के लिये उपयुक्त माना जाता है। समय तथा दूरियों पर विजय प्राप्त करने के कारण वायु परिवहन वर्तमान में मानव के दूरस्थ क्षेत्रों तक आवागमन के लिये अति उपयोगी है।

वायु परिवहन का उपयोग प्रमुख रूप से वहाँ किया जाता है जहाँ कम समय में अधिक दूरी तय करनी होती है। वायु परिवहन प्राकृतिक अवरोधों से मुक्त होता है अतः पर्वतों, महासागरों तथा मरूस्थलीय भागों की उपस्थिति वायु परिवहन में कोई बाधा प्रस्तुत नहीं करती है। प्राकृतिक आपदाओं तथा युद्ध के समय वायु परिवहन शीघ्र सहायता पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

(5) पाइप लाइन का परिवहन  (pipeline transportation in hindi) – 

पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा जल परिवहन के लिये पाइप लाइन एक उपयुक्त एवं सस्ता माध्यम है। एक बार पाइप लाइन डालने के बाद बहुत कम परिवहन मूल्य पर उक्त वस्तुओं को सुगमता से ढोया जा सकता है। पेट्रोलियम खनन क्षेत्रों से पाइपलाइनों द्वारा कच्चे तेल व प्राकृतिक गैस का परिवहन समीपवर्ती बन्दरगाहों पर स्थित तेल शोधनशालाओं तक किया जाता है। पाइप लाइनों में आने वाला परिवहन मूल्य रेलमार्गों की तुलना में एक चौथाई होता है। यह पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस तथा जल के परिवहन का आर्थिक दृष्टि से उपयोगी तथा सुरक्षित माध्यम है।

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