मुख्यमंत्री (Cheif minister in hindi) –
भारत में सरकार की संसदीय व्यवस्था को अपनाया गया है! संविधान द्वारा सरकार की संसदीय व्यवस्था में राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, जबकि मुख्यमंत्री (Cheif minister) वास्तविक! दूसरे शब्दों में राज्यपाल राज्य का मुखिया होता है जबकि मुख्यमंत्री सरकार का! इस तरह राज्य में मुख्य मंत्री की वही स्थिति है जो केंद्र में प्रधानमंत्री को प्राप्त होती है!
मुख्यमंत्री का चयन एवं नियुक्ति (Selection and appointment of Chief Minister in hindi) –
मुख्यमंत्री के चयन तथा नियुक्ति के संबंध में संविधान का अनुच्छेद 164 में केवल यह प्रावधान किया गया कि चीफ मिनिस्टर की नियुक्ति राज्यपाल करेगा! संसदीय व्यवस्था के अनुसार राज्यपाल उस व्यक्ति को चीफ मिनिस्टर नियुक्त करता है,
जो विधानसभा के बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है. जो व्यक्ति विधानसभा में बहुमत दल का नेता चुना जाता है, वह राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा करता है इसके बाद राज्यपाल उस व्यक्ति को मुख्यमंत्री पद पर नियुक्त करता है!
यदि आम चुनाव में किसी भी दल को बहुमत प्राप्त नहीं होता तो ऐसी स्थिति में राज्यपाल अपने विवेकाधीन शक्ति का प्रयोग करता है! वह विधानसभा के सबसे बड़े दल के नेता या किसी ऐसे व्यक्ति, जिसे कई दलों का समर्थन प्राप्त हो, को चीफ मिनिस्टर के पद पर नियुक्त करता है तथा उससे यह अपेक्षा करता है कि वह 1 माह के भीतर विधानसभा में अपना बहुमत साबित करें!
मुख्यमंत्री का कार्यकाल (Mukhyamantri ka Karyakal) –
चीफ मिनिस्टर का कार्यकाल निश्चित नहीं है वह राज्यपाल के प्रसादपर्यंत अपने पद पर रहता है! यद्यपि इसका तात्पर्य यह नहीं है कि राज्यपाल उसे किसी भी समय बर्खास्त कर सकता है! राज्यपाल द्वारा उसे तब तक बर्खास्त नहीं किया जाता, जब तक कि उसे विधानसभा में बहुमत प्राप्त है, लेकिन यदि वह विधानसभा में विश्वास खो देता है तो उसे त्याग पत्र दे देना चाहिए अन्यथा राज्यपाल से बर्खास्त कर सकता है!
मुख्यमंत्री से संबंधित आर्टिकल (mukhyamantri se sambandhit article) –
अनुच्छेद | विषय वस्तु |
163 | मंत्रीपरिषद द्वारा राज्यपाल को सहायता एवं सलाह देना |
164 | मंत्रियों से संबंधित अन्य प्रावधान |
166 | राज्य सरकार द्वारा कार्यवाही संचालन |
167 | राज्यपाल को सूचना प्रदान करने से संबंधित मुख्यमंत्री के दायित्व |
मुख्यमंत्री के कार्य एवं शक्तियां (Mukhyamantri ke karya avam Shaktiyan) –
चीफ मिनिस्टर के कार्य एवं शक्तियों का विवेचन हम निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर कर सकते हैं! जिनके आधार पर मुख्य मंत्री के प्रमुख कार्य इस प्रकार है –
मंत्रीपरिषद का संबंध में –
मंत्रीपरिषद के अध्यक्ष के रूप में Cheif minister निम्न कार्य करता है-
(1) राज्यपाल उन्हीं लोगों को मंत्री नियुक्त करता है, जिनकी सिफारिश मुख्यमंत्री द्वारा की जाती है!
(2) चीफ मिनिस्टर मंत्रियों के विभागों का वितरण एवं उनमें फेरबदल करता है!
(3) वह किसी मंत्री को त्यागपत्र देने या राज्यपाल को उसे बर्खास्त करने का परामर्श दे सकता है!
(4) मुख्यमंत्री(Cheif minister) सभी मंत्रियों की गतिविधियों को नियंत्रित एवं निर्देशित करता है तथा विभिन्न मंत्रालयों में समन्वय स्थापित करता है!
(5) मुख्यमंत्री मंत्रीपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करता है तथा उनके निर्णय को प्रभावित करता है!
(6) चीफ मिनिस्टर अपने कार्य से त्यागपत्र देकर और पूरी मंत्री परिषद को समाप्त कर सकता है! चूकिं मुख्यमंत्री मंत्रिपरिषद का मुखिया होता है, उसके इस्तीफे या मौत के कारण मंत्रिपरिषद अपने आप की भी विघटित हो जाती है!
राज्यपाल के संबंध –
राज्यपाल के संबंध में (Cheif minister) निम्नलिखित कर्तव्यों का निर्माण करता है –
(1) चीफ मिनिस्टर का यह कर्तव्य है कि वह केंद्र सरकार के प्रशासन से संबंधित सभी निर्णयों तथा प्रस्तावित विदेश की जानकारी राज्यपाल को प्रेषित करें!
(2) राज्यपाल द्वारा राज्य सरकार के प्रशासन या किसी प्रस्तावित विधेयक से संबंधित जानकारी मांगी जाती है, तो मुख्यमंत्री का कर्तव्य होगा कि ऐसी जानकारी दें!
(3) यदि किसी मंत्री ने किसी विषय पर कोई निर्णय लिया है, किंतु मंत्रिपरिषद ने उस पर विचार नहीं किया है, तो राज्यपाल की अपेक्षा करने पर चीफ मिनिस्टर का कर्तव्य होगा कि उक्त निर्णय को मंत्रिपरिषद के समक्ष विचार के लिए रखें!
(4) वह महत्वपूर्ण अधिकारियों, जैसे – महाधिवक्ता, राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों और राज्य निर्वाचन आयुक्त आदि की नियुक्ति के संबंध में राज्यपाल को परामर्श देता है!
विधानमंडल के संबंध में –
विधानमंडल के संबंध में मुख्यमंत्री के निम्नलिखित कार्य होते हैं-
(1) मुख्यमंत्री राज्यपाल को विधानमंडल का सत्र आहूत करने एवं सत्रावसान करने की सलाह देता है!
(2) चीफ मिनिस्टर सरकार के मुख्य प्रवक्ता के रूप में कार्य करता है, वह विधानमंडल के समक्ष सरकार की नीतियों को स्पष्ट करता है और विपक्षियों के प्रश्नों का उत्तर भी देता है!
(3) वह किसी भी समय विधानसभा विघटित करने की सिफारिश राज्यपाल से कर सकता है!
मुख्यमंत्री के अन्य कार्य एवं शक्तियां –
उपरोक्त शक्तियों एवं कार्यों के अलावा चीफ मिनिस्टर के निम्नलिखित कार्य भी होते हैं –
(1) वह राज्य योजना बोर्ड का अध्यक्ष होता है!
(2) वह अंतरराज्यीय परिषद और राष्ट्रीय विकास परिषद का सदस्य होता है! इन दोनों परिषदों की अध्यक्षता प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है!
(3) वह राज्य सरकार का मुख्य प्रवक्ता होता है!
(4) आपातकाल के दौरान राजनीतिक स्तर पर चीफ मिनिस्टर मुख्य प्रबंधक होता है!
मुख्यमंत्री की स्थिति (mukhyamantri ki sthiti ) –
संविधान द्वारा सरकार की संसदीय व्यवस्था में राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है, जबकि मुख्यमंत्री वास्तविक प्रमुख होता है! इस तरह राज्य में चीफ मिनिस्टर की स्थिति वही होती है, जो केंद्र में प्रधानमंत्री की! मुख्यमंत्री राज्यपाल और मंत्रिपरिषद के बीच सेतु का कार्य करता हैं!
प्रश्न :- मुख्यमंत्री की नियुक्ति कौन करता है
उत्तर :- चीफ मिनिस्टर के चयन तथा नियुक्ति के संबंध में संविधान का अनुच्छेद 164 में यह प्रावधान किया गया कि चीफ मिनिस्टर की नियुक्ति राज्यपाल करेगा! संसदीय व्यवस्था के अनुसार राज्यपाल उस व्यक्ति को चीफ मिनिस्टर नियुक्त करता है, जो विधानसभा के बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है या जो व्यक्ति विधानसभा में बहुमत दल का नेता चुना जाता है!
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