मानव जीवन में पर्यावरण का महत्व स्पष्ट कीजिए

मानव जीवन में पर्यावरण का महत्व (manav jeevan mein paryavaran ka mahatva)

मानव जीवन में पर्यावरण का महत्व (manav jeevan mein paryavaran ka mahatva) – पर्यावरण मानव-जीवन को आधार प्रदान करता है! पर्यावरण के तत्वों की विद्यमानता से ही पृथ्वी तल पर …

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ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र का वर्णन कीजिए

ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र को समझाइए (brahmaputra nadi tantra ko samjhaiye)

ब्रह्मपुत्र नदी तंत्र (brahmaputra nadi tantra) – ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम हिमालय स्थित मानसरोवर झील के निकट चेमयांगडुंग ग्लेशियर से होता है! तिब्बत में ब्रह्मपुत्र को सांगपो के नाम से …

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वायुमंडल के गर्म एवं ठंडे होने की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए

वायुमंडल के गर्म एवं ठंडे होने की प्रक्रिया  (vayumandal ki garm evam thande hone ki prakriya)

वायुमंडल के गर्म एवं ठंडे होने की प्रक्रिया  (vayumandal ki garm evam thande hone ki prakriya) –  कोई भी वस्तु, पदार्थ एवं स्थान निम्न दो विधियों से ताप को प्राप्त …

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सतत पोषणीय विकास क्या है? इसकी परिभाषा, संकल्पना, उद्देश्य, महत्व, उदा.

धारणीय या सतत पोषणीय विकास क्या है (sustainable development in hindi) – सतत पोषणीय विकास एक प्रकार से समाज, पर्यावरण तथा अर्थव्यवस्था का संतुलित एकीकरण है! सतत विकास इस तरह …

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झील किसे कहते हैं? झील (Lakes) की उत्पत्ति एवं वर्गीकरण,महत्व

 

झील, उत्पत्ति एवं वर्गीकरण

 

झील किसे कहते हैं (jhil kise kahate hain ya Lakes in hindi) –

सामान्यता एक झील (lakes) कोई स्थल खंड पर स्थित जल से भरे गर्त के रूप में परिभाषित किया जाता है! झीले (jhil) आंतरिक भूमि के वह भाग होते हैं जहां जल विद्यमान होता है! साधारणत: झीले स्थाई होती है! बढ़ती आबादी तथा जल के अभाव में झील लोगों के लिए जल का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत है! वे अचानक आई बाढ़ तथा सूखे की स्थिति से भी लोगों को बचाती हैं! 

झीलों की उत्पत्ति एवं वर्गीकरण (Origin And Classifications of Lakes in hindi) –

झीले संसार के लगभग सभी भागों में पाई जाती है! परंतु इसका विश्व वितरण एक समान नहीं है! धरातल पर प्राकृतिक गर्तों का होना, इन गर्तो के तल में अपारगम्य चट्टानों का पाया जाना तथा वर्षा अथवा हिम के पिघलने से समुचित मात्रा में जल की आपूर्ति झीलों की उत्पत्ति तथा वितरण को प्रभावित करने वाले कारक है !

झील कौ उनके पानी की प्रकृति के आधार पर स्वच्छ पानी की झीले तथा खारे पानी की झीलों में वर्गीकृत किया जा सकता है! 

मीठे ( स्वच्छ ) पानी की झीलें (Sweat Water Lakes in hindi) –

इन झीलों का पानी मीठा होता है तथा इनमें पानी की आपूर्ति नदियों अथवा हिम के पिघलने से होती है! उच्च तथा मध्य अक्षांशों के आर्द्र क्षेत्रों में इस प्रकार की झीलें अधिक पाई जाती है! बैकाल, मानसरोवर, टिटिकाका, वुलर, डल, आदि स्वच्छ पानी की झीले हैं!

खारे पानी की झीले (Solt Water lakes in hindi)-

ये झीले सामान्यतः कम वर्षा वाले क्षेत्रों, आंतरिक अपवाह वाले क्षेत्रों अथवा उच्च वाष्पीकरण वाले क्षेत्रों में पाई जाती है! इन झीलों से नदियाँ नहीं निकलती तथा इनके पानी का परिवर्तन अथवा नवीनीकरण नहीं होता, जिसे इन झीलों में लवण एकत्र होते रहते हैं और झीले खारी हो जाती है ! 

उत्पत्ति के आधार पर झीलें दो प्रकार की होती हैं (There are two types of lakes on the basis of origin in hindi) –

प्राकृतिक झीलें (Natural Lakes in hindi) –

natural lakes

प्राकृतिक झीले विवर्तनिकी हलचलों, ज्वालामुखी क्रियाओं तथा विभिन्न अपरदन तथा निक्षेपण के कारकों के कार्यों से बनती है! अभिनतियों में निर्मित रिफ्ट घाटियों में बनी झील, अवशिष्ट झीले तथा भूकंप के कारण नीचे धसे क्षेत्रों में बनी झीले विवर्तनिक हलचलो से उत्पन्न झीलों के उदाहरण हैं! 

प्राकृतिक झीले के उदाहरण – लोनार (क्रेटर) बैकाल, अरल सागर, मृत सागर, चाड झील आदि ! 

मानव निर्मित या कृत्रिम झीलें (Artificial Lakes in hindi) –

Artificial Lakes

मानव द्वारा निर्मित झीलों को कृत्रिम झील कहते हैं! यद्यपि कृत्रिम झीलों का निर्माण विभिन्न उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है, परंतु सिंचाई तथा जल विद्युत उत्पादन के लिए बनाए गए बांधों से बनी झीलों इनमें सबसे महत्वपूर्ण है! कुछ कृत्रिम झीलों का निर्माण नगरों के लिए जलापूर्ति के लिए तथा प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी किया जाता है! 

मानव निर्मित झीलों के उदाहरण – गोविंद सागर, गांधी सागर, जवाहर सागर आदि! 

झीलों का महत्व या लाभ (jilon ka mahatva ya labhh) – 

झील मानव के लिए अत्यधिक लाभदायक होती है! एक झील नदी के बहाव को सुचारू बनाने में सहायक होती है! अत्याधिक वर्षा के समय यह बाढ़ को रोकती है तथा सूखे के मौसम में यह पानी के बहाव को संतुलित करने में सहायता करती है! झीलों का प्रयोग जलविद्युत उत्पन्न करने में भी किया जा सकता है! 
 
 

झीलों का आर्थिक महत्व (jilon ka arthik mahatva) –

(1) नौकायन के माध्यम से धन या आय की प्राप्ति होती है! 

(2) झीलों में तैराकी प्रतियोगिता होती है! 

(3) झीलों के आसपास बसे शहरों को जलापूर्ति भी झीलों से ही होती है! 

(4) झीलों में कई प्रकार के जलीय खेलों का आयोजन होता है! 

(5) झीलें पर्यटन को बढ़ावा देती हैं! विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करती हैं, जिससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होती हैं! 

भारत की प्रमुख झीले (Indias Important lakes in hindi) –

 भारत में अनेक सुंदर एवं दर्शनीय झीलें हैं  भारत की प्रमुख झीलें (Bharat ki pramukh jhile) इस प्रकार है –
 

(1)चिल्का झील (Chilka Jhil) –

चिल्का भारत की सबसे बड़ी तटीय झील है जो उड़ीसा में स्थित है यहां खारे पानी की एक लैगून झील है!चिल्का झील की लंबाई 65KM चौड़ाई 9 से 20KM.और गहराई लगभग 2 मी.है! इसे दया और भार्गवी नदी से जल प्राप्त होता है यहां पर नौसेना का प्रशिक्षण केंद्र अवस्थित है ! 
 

(2)वुलर झील(Vular Jhil)-

वूलर झील भारत में सबसे मीठे पानी की झील है यह कश्मीर घाटी (जम्मू कश्मीर) में स्थित है! इसका क्षेत्रफल 160 वर्ग किमी.है! इस पर तुलबुल परियोजना संचालित की जा रहीं हैं! झील की उत्पत्ति प्लास्टोसीन युग में विवर्तनिकी क्रियाओं के कारण हुई है ! इसको झेलम नदी से जल की प्राप्ति होती है
 

(3) सांभर झील(Sambhar Jhil)-

यह भारत की सर्वाधिक खारे पानी की झील है! यह जयपुर के समीप (राजस्थान) में स्थित है, इसका क्षेत्रफल 160 वर्ग किलोमीटर है! एजेंसी नमक की प्राप्ति होती है! हजारों साइबेरिया पक्षी जाड़े के मौसम में प्रवास कर इस झील में आते हैं! सांभर झील को रामसर साइट का दर्जा प्राप्त है! 
 

(4) लोकटक झील(Lokatak Jhil) –

लोकतक झील (मणिपुर) पूर्वोत्तर भारत में मीठे पानी की सबसे बड़ी झील है इस झील में केबुललामजाओं नाम का तैरता हुआ राष्ट्रीय पार्क स्थित है! इस झील को विश्व में तैरती द्वीपीय झील के रूप में जाना जाता है, क्योंकि यहां तैरते हुए फुम्डिज होते हैं! 
 

(5) कोलेरु झील(Koleru Jhil) –

यह आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु की सीमा पर स्थित है, इसका 84% भाग आंध्र प्रदेश में एवं 16% भाग तमिलनाडु में पड़ता है! यह कोरोमंडल तट पर स्थित दूसरी सबसे बड़ी खारे पानी की झील है इसे अरानी, कालंजी एवं स्वर्णमुखी नदियों से जल की प्राप्ति होती है! 
 
श्रीहरिकोटा द्वीप से बंगाल की खाड़ी से अलग करता है, श्रीहरिकोटा द्वीप पर ही सतीश धवन उपग्रह प्रक्षेपण केंद्र स्थित है! इस दिल पर एक पक्षी अभ्यारण भी 1980 में स्थापित किया गया था! 
 
 Indias Important lakes in hindi

 

 

(6) डल झील(Dull Jhil)- 

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