चट्टान किसे कहते हैं? Rocks परिभाषा, प्रकार,शैल चक्र

 

चट्टान किसे कहते हैं (chattan kise kahate hain) –

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पृथ्वी के क्रस्ट में मिलने वाले सभी प्रकार के मुलायम व कठोर पदार्थ जो विभिन्न प्रकार के खनिज तत्वों से बने होते हैं , चट्टान (chattan) कहलाते हैं! चट्टानों (Rocks)में खनिज घटकों का कोई निश्चित संगठन नहीं होता है!

भू वैज्ञानिकों के अनुसार 2,000 खनिजों का पता लगाया जा चुका है किंतु केवल 24 खनिजों को ही चट्टान निर्माता खनिज की संज्ञा दी जाती है ! चटटान निर्माण में 8 प्रमुख तत्वों का सर्वाधिक योगदान होता है!

ऑक्सीजन(47%), सिलिकॉन(28%), एल्यूमिनियम(8%), लोहा(5%), कैल्शियम(3.5%), सोडियम(3%), पोटैशियम(2.5%), मैग्निशियम(2%), कुछ चट्टाने एक ही खनिजों से निर्मित होती है , जैसे चूना पत्थर ! जबकी कुछ चट्टाने अन्य खनिजों के सम्मिश्रण से निर्मित होती है, जैसे – ग्रेनाइट, माइका आदि!

चट्टान की परिभाषा (chattan ki paribhasha) –

आर्थर होम्स के अनुसार, अधिकांश चट्टानें खनिजों का सम्मिश्रण हैं! 

चटटानो के प्रकार / वर्गीकरण (Type of Rocks in hindi) –

(1) आग्नेय चटटान किसे कहते हैं (Igneous Rocks in hindi) –

आग्नेय चट्टानों को प्रारंभिक चट्टाने या मूल चट्टानने भी कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी की उत्पत्ति के पश्चात सर्वप्रथम इन्हीं का निर्माण हुआ ! इनका निर्माण ज्वालामुखी उद्गार के समय वह भूगर्भ से निकलने वाले लावा के ठंडे होने से हुआ!

पृथ्वी का आंतरिक भाग गर्म है, जहां अत्याधिक ताप के कारण सभी तत्व पिघली अवस्था में रहते है! लावा में खनिज एवं अन्य तत्व पिघली अवस्था में रहते हैं इसलिए लावा से बनने वाली इन चटटानो में अनेक खनिज मिलते हैं, जैसे – ग्रेनाइट एवं बेसाल्ट की चट्टाने! स्थिति एवं संरचना के दृष्टिकोण से आग्नेय चटटान दो प्रकार की होती है – अंतः निर्मित एवं बाहय निर्मित !

(A) अंतः निर्मित आग्नेय चटटाने –

जब पृथ्वी के अंदर स्थित मेग्मा सतह के नीचे ठंडा होकर ठोस रूप धारण कर लेता है तो इससे अंतर्निर्मित आग्नेय चट्टानों का निर्माण होता है ! इसके भी दो उपवर्ग है – (1) पातालीय चट्टाने (2) मध्यवर्ती चट्टानेे

(a) पातालीय चट्टाने –

इस प्रकार की आग्नेय चट्टानों का निर्माण पृथ्वी के अधिक गहराई में होता है! इसका नामकरण प्लूटो (यूनानी देवता) के नाम पर किया गया है जो पाताली देवता माने जाते हैं! अत्याधिक धीमी गति से ठंडा होने के कारण इसके रवे बड़े-बड़े होते हैं!  ग्रेनाइट चट्टान इसी का उदाहरण हैं! 

(b) मध्यवर्ती चट्टानेे –

भूगर्भ से निकलने वाला मैग्मा जब धरातल पर न पहुंचकर मार्ग में मिलने वाली दरारों में ही जमकर ठोस हो जाता हैं, तो ऐसी चट्टानों को मध्यवर्ती चट्टान कहा जाता है! कालांतर में अपरदन की क्रिया के फलस्वरुप ये चट्टानें पृथ्वी के धरातल पर दिखाई देने लगती है! ये चट्टानें जमने के आकार के दृष्टिकोण से कई तरह की होती है, जैसे – लैकोलिथ, फैकोलिथ, लेपोलिथ, बेथोलिथ, डाइक आदि

(B) बाहय निर्मित आग्नेय चट्टानने –

ज्वालामुखी के उदभेदन के समय मेग्मा धरातल पर फैल जाता है तथा इस मेग्मा के धरातल पर आकर ठंडा होने से जिन चट्टानों का निर्माण होता है उन्हें बाहय निर्मित आग्नेय चट्टानने कहा जाता है इन्हें ज्वालामुखी चट्टाने भी कहते हैं – जैसे बेसाल्ट!

आग्नेय चट्टानों की विशेषता/ महत्व (Characteristics / Significance of Igneous Rocks in hindi) –

(1) आग्नेय चटटाने रवेदार होती हैं!(

2) आग्नेय चट्टाननें मेग्मा या लावा के जमने से बनती हैं, इसलिए ये अत्यधिक कठोर एवं ठोस होती हैं

(3) आग्नेय चट्टानों में जीवाश्मविहीन होती हैं !

(4) आग्नेय चट्टाने परत विहीन होती है लेकिन यांत्रिक एवं भौतिक अपक्षय के कारण इनका विघटन एवं वियोजन प्रारंभ हो जाता है!

(5) आग्नेय चट्टानों में रंद्र या छिद्र नहीं पाए जाते हैं जैसे परतदार चट्टानों में होते हैं!

अवसादी चटटाने किसे कहते हैं (avasadi chattan kise kahte hai) –

अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टानों के विघटन,वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणाम-स्वरूप उनके अवशेषों से बने शैल को अवसादी शैल कहा जाता है

भूपटल पर पाई जाने वाली जिन चट्टानों में व्यवस्थित परतें पाई जाती है, उन्हें अवसादी या परतदार चट्टानें कहते हैं

इनका निर्माण आग्नेय या रूपांतरित चट्टानों के अपरदन एवं क्षरण से होता है ! आग्नेय व रूपांतरित चट्टानों का नदियों, हवा, सागरीय जल आदि के द्वारा अपरदन होता रहता है तथा इस अपरदन से प्राप्त अवसादो के जमा होने से कालांतर में अवसादी चट्टानों का निर्माण होता है , जैसे – बलुआ पत्थर ,चूना पत्थर, कोयला, शैल आदि!

अवसादी शैलों की विशेषताएं/ महत्व (avasadi chattan ki visheshtaen ) –

(1) अवसादी चट्टानों का निर्माण नदियों या वायु द्वारा विभिन्न परतों के रूप में निक्षेपण से हुआ है इसलिए इनमें परते पाई जाती है!

(2) अवसादी चट्टाने अन्य चट्टानों के अपेक्षा मुलायम होती है इसलिए इनका अपरदन एवं अपक्षय तीव्र गति से होता है!

(3) अवसादी चट्टानों में जीवाश्म पाए जाते हैं!

(4) अवसादी चट्टाने छिद्रित होती है इसलिए इनमे पानी तथा खनिज तेल भी पाए जाते हैं!

(5) अधिकांश परतदार चट्टानों का निर्माण समुद्र की तली में हुआ है इसलिए इनमें समुद्री तरंगों के चिन्ह पाए जाते हैं!

(6) अधिकांश परतदार चट्टाने क्षैतिज रूप में पाई जाती हैं!

(7) निर्माण पद्धति के आधार पर यह यांत्रिक, कार्बनिक और रासायनिक रूप से निर्मित होती है!

रूपांतरित चट्टानें किसे कहते हैं (rupantarit chattan kya hai) –

जब उच्च तापमान एवं उच्च दबाव के कारण आग्नेय एवं अवसादी चट्टानों के संगठन एवं स्वरूप में परिवर्तन आ जाता है तो इस परिवर्तन के फलस्वरुप जिन चट्टानों का निर्माण होता है उन्हें रूपांतरित या कायांतरित चट्टानने कहा जाता है !

इन चट्टानों में स्थित खनिजों के गुणों में भी परिवर्तन हो जाता है जिससे इन चट्टानों की कठोरता अत्याधिक हो जाती है ,जैसे – चुना पत्थर से संगमरमर , ग्रेनाइट नीस, शैल से स्लेट आदि का निर्माण!

रूपांतरित या कायांतरित चट्टानों की विशेषताएं/ महत्व (rupantarit chattan ki visheshtaen ) –

(1) रूपांतरित चट्टानने अत्याधिक कठोर होती है!

(2) रूपांतरित चट्टान में दाब तथा तापमान के कारण इनके भौतिक एवं रासायनिक गुणों में परिवर्तन हो जाता है!

(3) रूपांतरित चट्टान में जीवाश्म नष्ट हो जाते हैं इस कारण में जीवाश्म नहीं पाए जाते हैं !

(4)कई रूपांतरित चट्टानें दानेदार होती हैं जैसे क्वाटऺज तथा फेल्सपार

शैल चक्र क्या है चित्र (Rocks Cycle in hindi)-

चट्टानने अपने मूल स्वरूप में अधिक समय तक नहीं रहती है बल्कि इनके स्वरुप में परिवर्तन होते रहते हैं ! इस परिवर्तन से पुरानी चट्टानें परिवर्तित होकर नवीन रूप ले लेती है! चट्टानों में होने वाला यह परिवर्तन एक चक्र का निर्माण करता है, जिसे शैल चक्र (Rock Cycle) कहा जाता है!

Rocks शैल चक्र

आग्नेय चट्टाने प्रारंभिक चट्टाने हैं जिनसे अन्य चट्टाने निर्मित होती है! आग्नेय चट्टाने रूपांतर चट्टानों में भी परिवर्तित हो जाती है! आग्नेय एवं रूपांतरित चट्टानों से प्राप्त अवसादो से अवसादी चट्टानों का निर्माण होता है! कालांतर में कभी-कभी यही अवसादी चट्टानें ताप और दाब के कारण परिवर्तित होकर रूपांतरित चट्टान में परिवर्तित हो जाती है! रूपांतरित चट्टानें भी पृथ्वी के आंतरिक भाग में तापमान बढ़ने के कारण पिघलकर मेग्मा में परिवर्तित हो जाती है जो आग्नेय चट्टानों का मूल स्रोत है! 

FAQ –

प्रश्न:- चटटान किसे कहा जाता है (chattan kise kahate hain)

उत्तर:- पृथ्वी के क्रस्ट में मिलने वाले सभी प्रकार के मुलायम व कठोर पदार्थ जो विभिन्न प्रकार के खनिज तत्वों से बने होते हैं , चट्टान कहलाते हैं! चट्टानों में खनिज घटकों का कोई निश्चित संगठन नहीं होता है

प्रश्न:- शैल चक्र किसे कहते हैं चित्र

उत्तर :- चट्टाने अपने मूल स्वरूप में अधिक समय तक नहीं रहती है बल्कि इनके स्वरुप में परिवर्तन होते रहते हैं ! इस परिवर्तन से पुरानी चट्टानें परिवर्तित होकर नवीन रूप ले लेती है! चट्टानों में होने वाला यह परिवर्तन एक चक्र का निर्माण करता है, जैसे शैल चक्र (Rock Cycle) कहा जाता है!

प्रश्न:- आग्नेय चटटान किसे कहा जाता है

उत्तर :- आग्नेय चट्टानों को प्रारंभिक चट्टाने या मूल चट्टानने भी कहा जाता है क्योंकि पृथ्वी की उत्पत्ति के पश्चात सर्वप्रथम इन्हीं का निर्माण हुआ ! इनका निर्माण ज्वालामुखी उद्गार के समय वह भूगर्भ से निकलने वाले लावा के ठंडे होने से हुआ!

प्रश्न :- अवसादी चट्टान किसे कहते हैं?

उत्तर :- अपक्षय एवं अपरदन के विभिन्न साधनों द्वारा मौलिक चट्टानों के विघटन,वियोजन और टूटने से परिवहन तथा किसी स्थान पर जमाव के परिणाम-स्वरूप उनके अवशेषों से बने शैल को अवसादी शैल कहा जाता है

प्रश्न :- रूपांतरित या कायांतरित चट्टानने किसे कहते हैं?

उत्तर :- जब उच्च तापमान एवं उच्च दबाव के कारण आग्नेय एवं अवसादी चट्टानों के संगठन एवं स्वरूप में परिवर्तन आ जाता है तो इस परिवर्तन के फलस्वरुप जिन चट्टानों का निर्माण होता है उन्हें रूपांतरित या कायांतरित चट्टानने कहा जाता है !

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