विज्ञान के प्रमुख मौलिक सिद्धांत Mppsc ( Vigyan ke maulik Sidhant ya Fandamental law of science ) –
भौतिक विज्ञान ( Bhautik Vigyan ke Maulik Sidhant ) –
न्यूटन के नियम –
(1) न्यूटन का प्रथम गति नियम –
यदि कोई वस्तु विराम अवस्था में है तो वह विराम अवस्था में ही रहेगी या यदि वस्तु एक समान चाल से सीधी रेखा में गति कर रही है तो वह गति करती रहेगी, जब तक कि उस पर कोई बाहय बल लगाकर उसकी वर्तमान अवस्था में परिवर्तन ना किया जाए!
Vigyaan ke Molik Sidhant
संवेग संरक्षण का नियम –
ऊर्जा संरक्षण का नियम –
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण नियम –
केपलर के ग्रह से संबंधित नियम –
पास्कल का प्रथम नियम –
यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य माना जाए तो संतुलन की अवस्था में द्रव के भीतर प्रत्येक बिंदु पर दाब का मान समान होता है! Vigyaan ke Molik Sidhant
पास्कल का द्वितीय नियम –
किसी बर्तन में बंद द्रव के किसी भाग पर आरोपित बल,द्रव द्वारा सभी दिशाओं में समान परिमाण के साथ संचारित कर दिया जाता है ! हाइड्रोलिक लिफ्ट, हाइड्रोलिक प्रेस, हाइड्रोलिक ब्रेक आदि पास्कल के नियम पर आधारित है!
आर्कमिडीज का सिद्धांत –
जब कोई वस्तु किसी द्रव में पूरी अथवा आंशिक रूप से डुबाई जाती है, तो उसके भार में कमी का आभास होता है भार में यह आभासी कमी वस्तु द्वारा हटाए गए द्रव के बराबर होती है, इस आर्कमिडीज का सिद्धांत कहते हैं!
प्लवन का नियम –
(1) संतुलन की अवस्था में तैरने पर वस्तु अपने भार के बराबर द्रव विस्थापित करती है!
(2) ठोस का गुरुत्व केंद्र और हटाए गए द्रव का गुरुत्व केंद्र दोनों एक ही ऊर्ध्वाधर रेखा में होने चाहिए !
बरनौली का सिद्वांत –
जब कोई आदर्श द्रव किसी नदी में धारारेखीय प्रवाह में बहता है, तो उसके मार्ग के प्रत्येक बिंदु पर उसकी एकांक आयतन की कुल ऊर्जा का योग नियत होता है! वेण्टुरीमीटर बरनौली प्रमेय पर आधारित है!
हुक का नियम –
प्रत्यास्थता की सीमा में किसी वस्तु में उत्पन्न विकृति उस पर लगाए गए प्रतिबल के समानुपाती होती है!
डॉप्लर प्रभाव –
जब किसी ध्वनि स्त्रोत एवं श्रोता के बीच आपेक्षिक गति होती है तो श्रोता को ध्वनि की आवृत्ति उसकी वास्तविक आवृत्ति से अलग सुनाई पड़ती है इसे डॉप्लर प्रभाव कहते हैं ! Vigyaan ke Molik Sidhant
न्यूटन का शीतलन नियम –
समान अवस्था में रहने पर विकिरण द्वारा किसी वस्तु के ठंडे होने की दर वस्तु द्वारा उसके चारों ओर के माध्यम के तापांतर के अनुक्रमानुपाती होती है! अतः वस्तुओं जैसे जैसे ठंडी होती जाती हैं, उसके ठंडे होने की दर कम होती जाती है! Vigyaan ke Molik Sidhant
जूल थॉमसन प्रभाव –
किरचॉफ का नियम –
किरचॉफ के अनुसार अच्छे अवशोषक ही अच्छे से उत्सर्जक होते हैं! एक अंधेरे कमरे में यदि एक काली वस्तु और एक सफेद वस्तु को समान ताप पर गर्म करके रखा जाता हैै ,तो काली वस्तु अधिक विकिरण उत्सर्जित करेंगी! अत: काली वस्तुु अंधेरे में अधिक चमकेगी! Vigyaan ke Molik Sidhant
स्टीफन का नियम –
किसी वस्तु के उत्सर्जन की क्षमता E उसके परम ताप T के चतुर्थ घात के अनुक्रमानुपाती होती है!
ऊष्मागतिकी का प्रथम नियम –
इस नियम के अनुसार किसी निकाय को दी जाने वाली उष्मा दो प्रकार के कार्यों में खर्च होती है (1) निकाय की आंतरिक ऊर्जा में वृद्धि करने में, जिससे निकाय का ताप बढ़ता है (2) बाहय कार्य करने में!
ऊष्मागतिकी का दूसरा नियम –
ऊष्मागतिकी का द्वितीय नियम उष्मा के प्रवाहित होने की दिशा को व्यक्त करता है ! केल्विन के अनुसार, उष्मा का पूर्णतया कार्य में परिवर्तन संभव नहीं है! क्लासियस् के अनुसार , उष्मा अपने कम ताप की वस्तु से अधिक ताप की वस्तु की ओर प्रवाहित नहीं हो सकती हैं! Vigyaan ke Molik Sidhant
प्रकाश का फोटाॅन सिद्वांत –
इसके अनुसार प्रकाश ऊर्जा के छोटे-छोटे बंण्डलों हो या पैकिटों के रूप में चलता है, जिसे फोटाॅन कहते हैं!
प्रकाश कुछ घटनाओं में तरंग की भांति तथा कुछ में कण की भांति व्यवहार करता है इसे प्रकाश की दोहरी प्रकृति कहते हैं!
स्नेल का नियम –
किन्हीं दो माध्यमों के लिए आपतन कोण की ज्या तथा अपवर्तन कोण की ज्या का अनुपात एक नियतांक होता है!
कूलाम का नियम –
किन्हीं दो स्थिर विद्युत आवेशों के बीच लगने वाला आकर्षण या प्रतिकर्षण बल दोनों आवेशों की मात्राओं के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है तथा यह बल दोनों आवेंशों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश कार्य करता है!
ओम का नियम –
परिचालक की भौतिक अवस्था में कोई परिवर्तन ना हो तो चालक के सिरों पर लगाया गया विभवांतर उसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है! अर्थात V ∝ I
द्रव्यमान ऊर्जा संबंध –
इसके अनुसार द्रव्यमान एवं ऊर्जा एक दूसरे स्वतंत्र नहीं है, बल्कि दोनों एक दूसरे से संबंधित है तथा प्रत्येक पदार्थ में उसके द्रव्यमान के कारण ऊर्जा भी होती है! इस नियम का प्रतिपादन आइंस्टीन ने 1905 में किया था, इसे सापेक्षता का सिद्धांत भी कहा जाता है! Vigyaan ke Maulik Sidhant
रसायन विज्ञान के मौलिक सिद्धांत (Chemistry Vigyan Ke Maulik Sidhant) –
पाउली का अपवर्जन नियम –
हुण्ड का अधिकतम बहुलता का नियम –
हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता सिद्धांत –
बॉयल का नियम –
स्थिर ताप पर गैस की नियत मात्रा का आयतन उसके दाब के व्युत्क्रमानुपाती होता है !
चार्ल्स का नियम –
नियत दाब पर किसी गैस के नियत मात्रा आयतन उसके परम ताप का सीधा अनुपाती होता है ! V ∝T
आवोगार्ड का नियम –
ग्राहम का गैसीय विसरण –
मेंडलीफ का आवर्त नियम –
आधुनिक आवर्त सारणी –
आरहेनियस का सिद्वांत –
बॉरॉन्सटेड एंव लॉरी सिद्धांत –
लोएस इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत –
जीव विज्ञान के मौलिक सिद्धांत (Biology Vigyan ke Maulik Sidhant) –
लैमार्कवाद (1809) –
मेंडल के नियम –
(1) प्रभाविकता का नियम –
एक जोड़ा में विपर्यायी वाले शुद्व पिता या माता में संकरण करने से प्रथम पीढ़ी में प्रभावी गुुण प्रकट होते हैं, जबकि यह प्रभावी गुण छिप जाते हैं! प्रथम पीढ़ी में केवल प्रभावी गुण दिखाई देता है !लेकिन अप्रभावी गुण उपस्थिति अवश्य रहता है ! यह दूसरी पीढ़ी में प्रकट होता है!