भूगर्भ शास्त्र किसे कहते हैं (Geology in hindi ) –
पृथ्वी से संबंधित ज्ञान ही भूविज्ञान (geology) कहलाता है! इसे भूगर्भशास्त्र भी कहते हैं! भूविज्ञान विज्ञान की वह शाखा है जिसमें ठोस पृथ्वी का निर्माण करने वाली शैलों तथा उन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनके कारण भूपर्पटी, स्थलरूपों, और शैलों का विकास होता है!
इसके अंतर्गत पृथ्वी संबंधी अनेकों अनेक विषय आ जाते हैं जैसे खनिज विज्ञान (Minaralogy) , तलछट विज्ञान (Sedimentology) ,खनन इंजीनियरिंग और भूमापन इत्यादि!
भूगर्भ शास्त्र या विज्ञान की शाखाएं (branches of geology in hindi)-
विस्तृत भूवैज्ञानिक विवेचनाओं का सरल रूप में अध्ययन करने हेतु भू विज्ञान को निम्नलिखित शाखाओं में विभक्त किया गया है –
(1) ऐतिहासिक भूविज्ञान (2) भौतिक भूविज्ञान (3) आर्थिक भूविज्ञान (4) संरचनात्मक भूविज्ञान (5) खनिज विज्ञान (6) खनन भू विज्ञान (7) भू आकृति विज्ञान (8) शैल विज्ञान (9) जीवाश्म विज्ञान (10) व्यवहारिक भूविज्ञान
ऐतिहासिक भूविज्ञान –
ऐतिहासिक भूविज्ञान का उद्देश्य हमारे ग्रह पर होने वाले सभी परिवर्तनों का अध्ययन करना है और इसके गठन से लेकर वर्तमान तक। यह उन प्रक्रियाओं पर अपना ध्यान केंद्रित करता है जो पृथ्वी की सतह तथा उपसतह को परिवर्तित करते हैं।
संरचनात्मक भूविज्ञान (Structural geology in hindi) –
संरचनात्मक भूविज्ञान, भू विज्ञान की वह शाखा है जिसमें शैल संरचनाओं की पहचान, निरूपण और उत्पत्ति के आधार पर उनका निर्वचन किया जाता है! कई बार शैलो में विभिन्न प्रकार का विरूपण हो जाता है! भूवैज्ञानिक संरचनाएं जैसे – वलन,भ्रंश, संधि और विभंग पृथ्वी के अंदर कार्य करने वाले बलों के कारण शैलों में विरूपण के फलस्वरूप बनते हैं!
भूविज्ञान या भू गर्भ शास्त्र का महत्व (importance of geology in hindi) –
भूगर्भशास्त्र का महत्व इस प्रकार है –
(1) भूगर्भशास्त्र (bhugarbh shastra) पृथ्वी के इतिहास के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है!
(2) खनिजों तथा हाइड्रोकार्बनों खोज के फलस्वरुप वर्तमान युग में इसका वाणिज्यिक महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है!
(3) जलीय संसाधन के मूल्यांकन में भी इसका महत्व है!
(4) प्राकृतिक आपदाओं को समझने एवं उनकी भविष्यवाणी करने के कारण आम जनता के लिए महत्व रखता है !
(5) यहां पर्यावरणीय समस्याओं का हल सुलजा सकता है तथा भूतकाल के जलवायु परिवर्तनों के संबंध में अंतर्दृष्टि देता है!
(6) भूतकनीकी इंजीनियरिंग में इसकी भूमिका महत्वपूर्ण है!
(7) भूगर्भशास्त्र विज्ञान के उन प्रकरणों पर भी प्रकाश डालता है जिनसे शैलों में परिवर्तन आते रहते हैं !
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भूगर्भशास्त्र से संबंधित प्रश्न उत्तर (geology question)
प्रश्न:- भूगर्भशास्त्र की परिभाषा लिखिए (bhugarbh shastra ki paribhasha)
उत्तर :- पृथ्वी से संबंधित ज्ञान ही भूविज्ञान कहलाता है भूविज्ञान विज्ञान की वह शाखा है जिसमें ठोस पृथ्वी का निर्माण करने वाली शैलों तथा उन प्रक्रियाओं का अध्ययन किया जाता है जिनके कारण भूपर्पटी, स्थलरूपों, और शैलों का विकास होता है! इसके अंतर्गत पृथ्वी संबंधी अनेकों अनेक विषय आ जाते हैं जैसे खनिज विज्ञान (Minaralogy) , तलछट विज्ञान (Sedimentology) ,खनन इंजीनियरिंग और भूमापन श इत्यादि!
प्रश्न:- भूगर्भ शास्त्र या भूविज्ञान की शाखाएं कौन कौन सी है (branches of geology)?
उत्तर :- विस्तृत भूवैज्ञानिक विवेचना ओं का सरल रूप में अध्ययन करने हेतु भू वज्ञान को निम्नलिखित शाखाओं में विभक्त किया गया है -(1) ऐतिहासिक भूविज्ञान (2) भौतिक भूविज्ञान (3) आर्थिक भूविज्ञान (4) संरचनात्मक भूविज्ञान (5) खनिज विज्ञान (6) खनन भू विज्ञान (7) भू आकृति विज्ञान (8) शैल विज्ञान (9) जीवाश्म विज्ञान (10) व्यवहारिक भूविज्ञा
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प्रश्न:- भूगर्भशास्त्र का महत्व बताइए (bhugarbh shastra ka mahatva)
उत्तर :- (1) भूगर्भशास्त्र पृथ्वी के इतिहास के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है! (2) खनिजों तथा हाइड्रोकार्बनों खोज के फलस्वरुप वर्तमान युग में इसका वाणिज्यिक महत्व बहुत अधिक बढ़ गया है! (3) जलीय संसाधन के मूल्यांकन में भी इसका महत्व है! (4) प्राकृतिक आपदाओं को समझने एवं उनकी भविष्यवाणी करने के कारण आम जनता के लिए महत्व रखता है ! (5) यहां पर्यावरणीय समस्याओं का हल सुलजा सकता है तथा भूतकाल के जलवायु परिवर्तनों के संबंध में अंतर्दृष्टि
देता है!
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