पठार किसे कहते है? पठारों के प्रकार एवं महत्व (pathar)

पठार किसे कहते हैं (Pathar kise kahate hain) –

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वह भूखंड जो आसपास की भूमि से एकाएक उभरे होते हैं तथा जिनके ऊपरी भाग लगभग समतल होते हैं, उन्हें पठार (Pathar) कहा जाता है!

पठार उठी हुई एवं सपाट भूमि होती है! यह आसपास के क्षेत्रों से अधिक उठा हुआ होता है तथा इसका ऊपरी भाग मेज के समान सपाट होता है! किसी पठार के एक या एक से अधिक किनारे होते हैं जिनके ढाल खड़े होते हैं! पठारों की ऊंचाई प्रायः कुछ सौ मीटर से लेकर कई हजार मीटर तक हो सकती है! पर्वतों की तरह पठार भी नये या पुराने हो सकते हैं!

सामान्यतः पठार पर्वतों से कम ऊंचे होते हैं परंतु कुछ पठार पर्वतों से भी ऊंचे होते हैं जैसे – तिब्बत का पठार, बोलीविया का पठार ,कोलंबिया का पठार आदि ! संपूर्ण धरातल के 33% भाग पर पठार पाए जाते हैं।

Plateau Pathar  पठार

पठारों के प्रकार (patharo ke prakar in hindi)-

अंतर्जात बलो से उत्पन्न पठार निम्न प्रकार के होते हैं!

अंतरापर्वतीय पठार किसे कहते हैं (Antar parvatiya Pathar in hindi) –

वह पठार जो पर्वतों के मध्य स्थित होते हैं उन्हें अंतरापर्वतीय पठार कहा जाता है ! इस प्रकार के पठारों की उत्पत्ति संबंधित पर्वतों के साथ हुई होती है! भूपटल के सर्वोच्च, सर्वाधिक विस्तृत एवं अत्याधिक जटिल पठार किस श्रेणी में आते हैं !

उदाहरण– तिब्बत का पठार,पेरू व बोलीविया का पठार , कोलंबिया का पठार, मेक्सिको का पठार आदि!

गिरिपद पठार किसे कहते हैं (Giripad Pathar in hindi)-

वह पठार जिनके एक ओर पर्वत और दूसरी और सागर अथवा मैदान स्थित होते हैं तथा जिनकी उत्पत्ति निकटवर्ती पर्वतों के निर्माण के समय हुई थी उन्हें गिरीपद पठार कहा जाता है ! ये पठार पर्वतों के आधार पर स्थित होते हैं! यह किसी समय बहुत ऊंचे थे ,परंतु अब अपरदन के बहुत से कारकों के द्वारा घिस दिए गए हैं,इस कारण ही इन्हैं अपरदन के पठार भी कहा जाता है !

उदाहरण – मालवा का पठार ,पेटागोनिया का पठार (दक्षिण अमेरिका ), एप्लेसियन का पठार (दक्षिण अमेरिका) आदि!

महाद्वीपीय पठार किसे कहते हैं (Mahadvipiya pathar in hindi) –

महाद्वीपीय पठार सागर तटों तथा मैदानों के समीप तथा पर्वतों से दूर स्थित होते हैं! इनकी उत्पत्ति धरातल के ऊपर उठने या लावा के अपरिमित निक्षेप से होती है ! इन पठारों को शील्ड पठार भी कहा जाता है! इनका किसी पर्वत निर्माणकारी प्रक्रिया से कोई संबंध नहीं होता है!

उदाहरण – अरब और फिनलैंड के पठार, प्रायद्वीपीय पठार , ब्राजील पठार, अफ्रीका तथा आस्ट्रेलिया के पठार आदि!

गुंबादार पठार किसे कहते हैं (Gumbadar Pathar in hindi) –

domed plateau  गुम्बदाकार पठार

भूपटल मैं वलन की क्रिया द्वारा गुंबदनुमा उत्थान के कारण इस प्रकार के पठार बनते हैं! संयुक्त राज्य अमेरिका का औजार्क का पठार , भारत का छोटा नागपुर पठार, रामगढ़ पठार आदि इसके उदाहरण है!

तटीय पठार किसे कहते हैं (Coastal plateau in hindi)

तटीय पठार किसे कहते हैं (Coastal plateau in hindi)-

ऐसे पठार जो समुद्र तट पर स्थित होते हैं तटीय पठार कहलाते हैं !भारत का कोरोमंडल तट इसका उदाहरण है! इसका निर्माण नदियों के अवसादन किया के निम्नजन तथा उन्मज्जन क्रिया के परिणामस्वरुप हुआ है!

बहिर्जात बलों से उत्पन्न पठारे निम्न प्रकार के होते हैं-

(1) जलीय! (2) वायव्य (3) हिमानी (4) उस्यंत!

जलवायु के आधार पर पठार निम्न प्रकार के होते हैं –

(1) शुष्क पठार (2) आर्द्र पठार (3) हिम पठार !

पठारों का महत्व या लाभ (pathar ka mahatva) –

(1) खनिजों के भंडार –

विश्व के अधिकांश खनिज पठार से ही प्राप्त होते हैं , जिन खनिजों पर हमारे उद्योग कच्चे माल के लिए निर्भर है! अफ्रीका का पठार सोना एवं हीरो के खनन के लिए प्रसिद्ध है इसी प्रकार भारत में छोटा नागपुर के पठार लोहा, कोयला तथा मैगनीज के बहुत बड़े भंडार पाए जाते हैं

(2) जलविद्युत का उत्पादन –

पठारोंं के ढालो पर नदियां जलप्रपात बनाती है, यह जलप्रपात जल विद्युत उत्पादन के आदर्श स्थल है! भारत में छोटा नागपुर के पठार पर स्वर्णरेखा नदी पर स्थित हुंडरू जलप्रपात तथा कर्नाटक में जोग जलप्रपात इस प्रकार के जलप्रपात अच्छे के उदाहरण है!

(3) पशु चारण –

पठारी भाग पशु चारण के लिए बहुत उपयोगी हैं! पठार भेड़ बकरी आदि पालने के लिए उपयुक्त स्थान हैं!

(4) अनुकूल जलवायु –

उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पठारी ऊंचे भागों पर ठंडी जलवायु के कारण यूरोपवासियों को आकर्षित करते रहे हैं , यहां रहकर उन्होंने अर्थव्यवस्था का विकास किया है!

(5) पर्यटन –

पठारों पर कई रमणीय स्थल होते हैं, जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं!

विश्व के प्रमुख पठार (Vishwa ke pramukh pathar) –

(1) तिब्बत का पठार (tibet ka pathar) –

यह दुनिया का सबसे ऊंचा और सबसे बड़ा पठार है, इसलिए इसे दुनिया की छत कहा जाता है! इसका निर्माण इंडो-ऑस्ट्रेलिया और यूरोपियन टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने से हुआ है! यह दक्षिण-मध्य एशिया में स्थित है और चीन, तिब्बत और भारत आदि देशों में फैला है!

(2) कोलंबिया का पठार (columbia ka pathar) –

इस पठार का निर्माण ज्वालामुखी विस्फोटों के परिणामस्वरूप निकलने वाले बेसाल्ट लावा के जमने से हुआ है! यह संयुक्त राज्य अमेरिका के ओरगन, वाशिंगटन और इडाहो राज्यों के मध्य 4,62,500 वर्ग किमी क्षेत्र में विस्तृत रूप से फैला है!

(3) कोलोरेडो का पठार (colorado ka pathar) –

यह अमेरिका का सबसे बड़ा पठार है! यह अमेरिका के पश्चिमी भाग में स्थित है! इसका विस्तार यूटाह और एरीजोना राज्यों में है! यह अतंपर्वतीय पठार का उदाहरण है, जो कोलोरेडो नदी और ग्रांड केनियन द्वारा

(4) मेक्सिको का पठार (mexico ka pathar) –

यह पठार पश्चिमी सियारामामाद्रे और पूर्व सियारामामाद्रे पर्वत-श्रेणियों के मध्य स्थित है! यहां से विभिन्न प्रकार के धात्विक खनिज जैसे चांदी, सोना आदि प्राप्त होते हैं! विश्व की सबसे बड़ी चांदी की खान यहीं पर है! यह एक अंतःपर्वतीय पठार है!

(5) दक्कन का पठार (dakan ka pathar) –

यह पठार दक्षिण भारत में स्थित है! यह पठार तीनी ओर से  पर्वत श्रेणियों से घिरा है! इसके पूर्व में पूर्वी घाट, पश्चिम में पश्चिमी घाट तथा उत्तर में विंध्याचल एवं सतपुड़ा की श्रेणियां हैं! यह पठार खनिज पदार्थों की दृष्टि से समृद्ध है!

(6) अलास्का का पठार (alaska ka pathar) –

अलास्का के पठार का निर्माण यूकन और उसकी सहायक नदियों द्वारा हुआ है, अतः यूकन का पठार भी कहा जाता है! कनाडा की ओर इसकी ऊंचाई लगभग 900 मीटर है!
 

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