पर्यावरणीय क्षरण क्या है (paryavaran charan kya hai –
जब पर्यावरण की उपयोगिता घट जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है, तब उसे पर्यावरणीय क्षरण कहा जाता है! अर्थात पर्यावरण का प्रदूषण और अति दोहन द्वारा नष्ट होना, पर्यावरणीय क्षरण कहलाता है! विशिष्ट शब्दों में पर्यावरण क्षरण वायु, जल, मृदा और वन जैसे संसाधनों की गुणवत्ता में कमी के द्वारा तथा पारिस्थितिकी तंत्र के नष्ट होने और वन्यजीवों के विलुप्त होने से पर्यावरण की अवनति होता है!
पर्यावरण क्षरण के प्रकार (Prayavaran ksharan ke prakar) –
(1)भुमि और मिट्टी का क्षरण!
(2) वायुमंडलीय क्षरण!
(3) प्रदूषण!
पर्यावरणीय क्षरण के कारण (paryavaran charan ke karan) –
पर्यावरण क्षरण (Prayavaran ksharan)के प्रमुख कारण इस प्रकार है –
(1) जीवन शैली में परिवर्तन –
लोगों की जीवनशैली में परिवर्तन ने संसाधनों के उपभोग का स्तर बहुत बढा दिया है. जिसके परिणामस्वरूप मानवीय अनुक्रियाएं बढ़ गई है इससे पर्यावरण को कई तरह से बहुत नुकसान हो रहा है! इसने हवा, पानी, ध्वनि, वाहनों और औद्योगिक प्रदूषण को बढाया है!
(2) बढ़ती जनसंख्या –
जनसंख्या वृद्धि के तीव्र गति से प्राकृतिक संसाधनों का अत्याधिक दोहन हो रहा है! विशाल जनसंख्या विशाल कचरे का उत्पादन करती है! इसके परिणामस्वरूप ध्वनि, वायु, जल और मिट्टी का प्रदूषण और कृषि योग्य भूमि पर विविध प्रकार का दबाव बढ़ रहा है!
(3) गरीबी –
गरीबी पर्यावरण क्षरण कारण भी है और परिणाम भी! गरीब लोग अमीर लोगों की अपेक्षा अधिक प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हैं! वह अपनी झोपड़ियों का निर्माण, खाना पकाने के लिए, अपने भोजन के लिए और कई अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए इसका उपयोग किया जाता है! संसाधनों का अधिक उपयोग पर्यावरण का अधिक क्षरण का करता है!
(4) नगरीकरण –
नगरीकरण से शहरों का अनियोजित विस्तार हुआ है और मूलभूत सुविधाओं पर अत्यंत दबाव पड़ा है! शहरीकरण की तेज गति, जंगलों के घटने और अन्य संसाधनों के विवेकहीन इस्तेमाल पर्यावरण क्षरण के लिए जिम्मेदार हैं!
(5) औद्योगीकरण –
पर्यावरण का प्रमुख कारण के तीव्र औद्योगिकरण भी है! अधिकतर उद्योगों ने ऐसी प्रौद्योगिकी अपनाई हुई है जिससे परिणाम पर भारी दबाव पड़ता है! औद्योगिकरण की वर्तमान गति से प्राकृतिक संसाधनों की संख्या निरंतर घट रही है और पर्यावरण को प्रदूषित हो रहा है! ये सभी पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं और स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रहे हैं!
पर्यावरणीय क्षरण के परिणाम (environmental degradation effects in hindi) –
पर्यावरणीय क्षरण के परिणाम इस प्रकार हैं –
(1) बढ़ते तापमान से कुछ फसलों का वर्धनकाल लंबा हो रहा है!
(2) हिमालय के हिमनद निकल रहे हैं परिणामस्वरूप हिमालय से निकलने वाली नदियां सूख जाएगी!
(3) वैश्विक तापमान के कारण अनाज का उत्पादन काफी घट जाएगा!
(4) पर्यावरण क्षरण के कारण पारिस्थितिकी तंत्र के स्तर पर जैव विविधता भी नष्ट हो रही है!
(5) जलवायु एवं खाद्य श्रृंखला पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा!
environmental degradation poster –

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