हिमालय पर्वत (Himalaya Parvat) –
हिमालय पर्वत श्रृंखला का विस्तार से वर्णन (Himalaya Parvat Sankhrla ka Vistar Se Varnan) –
(1) ट्रांस हिमालय क्षेत्र (Trans Himalaya parvat) –
(2) हिमाद्री अर्थात सर्वोच्च या वृहद हिमालय क्या हैं (Grater Himalaya parvat) –
(3) लघु या मध्य हिमालय(Mid Himalaya parvat) –
(4) शिवालिका या निम्न या बाहय हिमालय (Shivalika Himalaya parvat) –
हिमालय पर्वत की उत्पत्ति कैसे हुई (himalaya parvat ki utpatti kaise hui) –
हिमालय का प्रादेशिक विभाजन (Himalaya ka Padeshik Vibhajan)-
भाग | लंबाई | विस्तार |
पंजाब हिमालय | 560km | सिंधु एवं सतलज नदियों के मध्य |
कुमायूँ हिमालय | 320km | सतलाज एवं काली नदियों के मध्य |
नेपाल हिमालय | 800km | काली एवं तीस्ता नदियों के मध्य |
असम हिमालय | 720km | तीस्ता एवं ब्रह्मपुत्र नदियों के मध्य |
प्रादेशिक विभाजन के आधार पर हिमालय को चार भागों में बांटा जाता है, हिमालय का प्रादेशिक विभाजन (Himalaya ka Padeshik Vibhajan) इस प्रकार है –
(1) पंजाब हिमालय (Panjab Himalaya) –
पंजाब हिमालय, हिमालय का सबसे पश्चिमी भाग है, जो सिंधु और सतलज नदियों के मध्य में लगभग 560 किमी.लंबाई में विस्तृत पर्वतीय भाग है. यह पर्वतीय भाग कश्मीर तथा हिमाचल हिमालय में विभक्त है. पीरपंजाल, लद्दाख काराकोरम, जास्कर व धोलावीरा पंजाब हिमालय की प्रमुख श्रेणियां हैं!
कश्मीर हिमालय जम्मू कश्मीर राज्य में लगभग 3.5 लाख वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है. कश्मीर हिमालय का लद्दाख प्रदेश एक शीत मरुस्थल है! हिमाचल हिमालय का क्षेत्रफल 4,500 वर्ग किमी है, हिमाचल प्रदेश में दीर्घ हिमालय, लघु हिमालय तथा शिवालिक तीनों को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है!
(2) कुमायूॅं हिमालय (Kumayu Himalaya) –
कुमायूॅं हिमालय सतलज तथा काली नदियों के मध्य में लगभग 320 किमी.की लंबाई में विस्तृत पर्वतीय है, जिसका क्षेत्रफल 38,000 वर्ग किमी. है! नंदादेवी कुमायूॅं हिमालय सर्वोच्च शिखर है.जिसकी ऊंचाई 7,817 किमी. है! सतलज एवं काली नदिया इसकी पश्चिमी तथा पूर्वी सीमाएं बनाती हैं!
मसूरी, नैनीताल, रानीखेत, अल्मोड़ा, बागेश्वर आदि प्रसिद्ध पर्यटन स्थल तथा बद्रीनाथ, केदारनाथ, हरिद्वार तथा हेमकुंड साहिब आदि तीर्थस्थल कुमायूं हिमालय में स्थित है!
(3) नेपाल हिमालय (Nepal Himalaya) –
यह हिमालय का सबसे लंबा भाग है, जो काली एवं तीस्ता नदियों के मध्य में लगभग 800 किमी.की लंबाई में स्थित है. इसका अधिकांश भाग नेपाल देश में विस्तृत है तथा कुछ भाग भारत के सिक्किम राज्य में है तथा कुछ क्षेत्र प. बंगाल में है! विश्व का सबसे ऊंचा पर्वत शिखर माउंट एवरेस्ट नेपाल हिमालय में स्थित है.माउंट एवरेस्ट के अलावा कंचनजंगा, मकालू, धौलागिरि, तथा अन्नपूर्णा यहां की प्रमुख पर्वतीय चोटियां है!
(4) असम हिमालय (Aasam Himalaya) –
हिमालय का सबसे पूर्वी भाग है तथा इसका विस्तार पश्चिम में तिस्ता से लेकर पूर्व में ब्रह्मपुत्र के मध्य में 720 किमी.और क्षेत्रफल 67,500 वर्ग किमी. है.इस भाग में हिमालय की ऊंचाई अन्य भागों से कम है!
हिमालय पर्वत के प्रमुख ग्लेशियर (himalaya parvat ke pramukh glacieri) –
हिमनद का नाम (name of glacier in hindi) |
स्थिति |
लंबाई ( KM ) |
सियाचिन |
काराकोरम |
75 |
सासैनी |
काराकोरम |
68 |
हिस्पारा |
काराकोरम |
61 |
बियाफो |
काराकोरम |
60 |
बाल्टोरो |
काराकोरम |
58 |
चोगो लूंगमा |
काराकोरम |
50 |
कोडोंपिन |
काराकोरम |
47 |
रिमो |
काराकोरम |
40 |
पिंडारी |
उत्तराखंड |
30 |
पुन्माहा |
कश्मीर |
27 |
गंगोत्री |
उत्तराखंड |
26 |
जेमू |
सिक्किम/नेपाल |
25 |
मिलम |
उत्तराखंड |
16 |
रूपल |
कश्मीर |
16 |
सोना पानी |
हिमाचल प्रदेश |
15 |
यमनोत्री |
उत्तराखंड |
14 |
सतोपंथ |
उत्तराखंड |
13 |
बंदरपूछ |
उत्तराखंड |
12 |
दियामीर |
कश्मीर |
11 |
हिमालय पर्वत का भारत के लिए महत्व या लाभ (Importance of himalaya in hindi) –
आपने इस आर्टिकल में (Himalaya parvat) के बारे में जाना. इसी प्रकार की जानकारी पाने के लिए आप हमारे फेसबुक पेज को लाइक करे
प्रश्न :- हिमालय की सबसे ऊंची चोटी का क्या नाम है
उत्तर :- हिमालय की सबसे ऊंची चोटी का माउंट एवरेस्ट है, जो नेपाल हिमालय में स्थित है.माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 1954 में मापी गई थी. सर्वे ऑफ इंडिया ने 66 साल पहले 1954 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर मापी थी!
प्रश्न :-हिमालय पर्वत की ऊंचाई कितनी है
उत्तर :- माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 1954 में मापी गई थी. सर्वे ऑफ इंडिया (Indian survey) ने 66 साल पहले 1954 में माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर मापी थी!
प्रश्न :-वुग्याल (बुग्याल) किसे कहते हैं?
उत्तर :- उत्तराखंड के गढ़वाल हिमालय में हिमशिखरों की तलहटी में जहाँ टिम्बर रेखा अर्थात पेडों की पंक्तियाँ समाप्त हो जाती हैं, वहाँ से हरे भरे मखमली घास के मैदान आरम्भ होने लगते हैं। आमतौर पर ये 7 से 10 हजार फीट की ऊँचाई पर स्थित होते हैं। गढ़वाल हिमालय में इन मैदानों को बुग्याल कहा जाता है।
प्रश्न :- हिमालय पर्वत के लाभ या फायदे बताइए?
उत्तर :- हिमालय पर्वत श्रेणियां देश की प्रहरी के रूप में खड़ी हैं, जिसके कारण उत्तर की ओर से विदेशी आक्रमण आसान नहीं है! क्षेत्र में पर्याप्त मात्रा में बहुमूल्य वनों, जडी- बुटीया, वन उत्पाद तथा खनिजों के भंडार हैं तथा जल विद्युत उत्पादन की असीम संभावना है!
हिमालय विभिन्न प्रकार के वन्य जीवो का प्राकृतिक शरण स्थल है!
इस पर्वत में अनेक स्थान धार्मिक तथा पर्यटन की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माने जाते हैं. जैसे- कैलाश मानसरोवर, केदारनाथ, बद्रीनाथ आदि!
प्रश्न :- कुमायूं हिमालय की सबसे ऊंची चोटी कौन सी है?
उत्तर :- नंदादेवी कुमायूं हिमालय सर्वोच्च शिखर है, जिसकी ऊंचाई 7,817 किमी. है!
प्रश्न :- पंजाब हिमालय किन दो नदियों के बीच स्थित है
उत्तर :- पंजाब हिमालय, हिमालय का सबसे पश्चिमी भाग है, जो सिंधु और सतलज नदियों के मध्य में लगभग 560 किमी.लंबाई में विस्तृत पर्वतीय भाग है. यह पर्वतीय भाग कश्मीर तथा हिमाचल हिमालय में विभक्त है. पीरपंजाल, लद्दाख काराकोरम, जास्कर व धोलावीरा इसकी प्रमुख श्रेणियां हैं!
सर पर्वत की ऊंचाई तो 2010 की बाद तो कई बार मापी जा चुकी है जिसमें उसकी ऊंचाई को कई बार यह बताया गया कि यह बढ़ चुकी है तो क्या अभी इसकी ऊंचाई 8848 ही मानी जाएगी या फिर कुछ और
हिमालय पर्वत की ऊंचाई तो बढ रही है, परंतु वह बहुत धीमी गति से बढ रही हैं! अभी नयी जानकारी के अनुसार हिमालय की ऊंचाई 8848.86 मी. है