भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक (sectors of economy in hindi) –
मानव द्वारा संपन्न वैसी सारी गतिविधियां जिनमें आर्थिक लाभ या हानि का तत्व विद्यमान हो, आर्थिक गतिविधियां (economic activities) कही जाती है! अर्थव्यवस्था की आर्थिक गतिविधियों को निम्नलिखित पांच श्रेणियों में बांटा गया है जिन्हें अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक (sectors of the economy) कहा जाता है!
(1) प्राथमिक क्षेत्र क्या है (Primary Sector in hindi)-
अर्थव्यवस्था का यह क्षेत्र प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण पर निर्भर होता है! इन गतिविधियों का संबंध भूमि, जल, वनस्पति और खनिज जैसे प्राकृतिक संसाधनों से कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, खनन और उनसे संबंधित गतिविधियों को इसके अंतर्गत रखा जाता है! इसमें संलग्न श्रम की प्रकृति को रेड कलर जॉब के जरिया संकेतित किया जाता है! भारतीय अर्थव्यवस्था में प्राथमिक क्षेत्र सबसे अधिक श्रमिक को समहित किए हुए हैं!
(2) द्वितीयक क्षेत्र क्या है (Secondary Sector in hindi) –
अर्थव्यवस्था का वह क्षेत्र जो प्राथमिक क्षेत्र के उत्पादों को अपनी गतिविधियों में कच्चे माल की तरह उपयोग करता है! द्वितीयक क्षेत्र कहलाता है! जैसे – लोहा इस्पात उद्योग वस्त्र उद्योग वाहन, इलेक्ट्रॉनिकी आदि! वास्तव में इस क्षेत्र में विनिर्माण का कार्य होता है, इस कारण से इसे औद्योगिक क्षेत्र भी कहा जाता है!
(3) तृतीयक क्षेत्र क्या है (Tertiary sector in hindi) –
तृतीयक क्षेत्र में विभिन्न प्रकार की सेवाओं का उत्पादन किया जाता है, इसलिए इसे ‘सेवा क्षेत्र‘ भी कहते हैं! यह क्षेत्र अर्थव्यवस्था के प्राथमिक और द्वितीयक क्षेत्र को अपनी सेवाएं प्रदान करता है! जैसे – बैंकिंग, बीमा, चिकित्सा, पर्यटन, शिक्षा आदि!
(4) चतुर्थक क्षेत्र (Chaturthak kshetra) –
चतुर्थक क्षेत्र को तृतीयक क्षेत्र का उन्नत रूप माना जाता है, क्योंकि इसमें ज्ञान क्षेत्र संबंधित सेवाएं शामिल की जाती है! वर्तमान में सूचना आधारित सेवाओं की मांग में बहुत तेजी से वृद्धि हो रही है! चतुर्थक क्षेत्र से संबंधित गतिविधियों मुख्यतः सूचनाओं का संग्रहण करना, सूचना का अध्ययन और विश्लेषण करना, आवश्यकतानुसार सूचनाओं को प्रस्तुत करना इत्यादि को शामिल किया जाता है!
(5) पंचक क्षेत्र (quinary sectors in hindi) –
पंचक क्षेत्र उच्च किस्म की सेवाओं से संबंधित है! इस क्षेत्र में गोल्ड कॉलर प्रोफेशनल को शामिल किया जाता है, जो अपने-अपने क्षेत्र के उच्च विशेषज्ञ होते हैं! ये अपने से संबंधित क्षेत्रों में नीति निर्माण, निर्णय निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं!
ये नए-नए विचारों, तकनीको, शोध एवं अनुसंधान एवं भविष्य के लिए बेहतर संभावनाओं पर कार्य करते हैं! इनमें मुख्यतया उच्च स्तर के सरकारी अधिकारियों, शोधकर्ता एवं वैज्ञानिकों, वित्तीय प्रबंधकों, कंपनियों एवं व्यवसायों के उच्च प्रबंधकों, कानूनी सलाहकारों इत्यादि को शामिल किया जाता है!
आपने इस आर्टिकल में अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक के बारे में जाना
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