आर्थिक नियोजन क्या है? आर्थिक नियोजन प्रकार एवं विशेषताएं

आर्थिक नियोजन क्या है (Economic Planing in hindi)- 

नियोजन की ऐसी अवधारणा है जिसका आज विभिन्न क्षेत्र में प्रयोग किया जाता है! प्रत्येक क्षेत्र में इसका मूल अर्थ है एक जैसा है! पूर्ण परिभाषित आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उपलब्ध संसाधनों का इष्टतम दोहन करने की प्रक्रिया ही आर्थिक नियोजन (Economic Planing) है! 

एक आर्थिक योजना सामान्यतः एक व्यक्त कार्य नीति के साथ दिए गए समय में निश्चित आर्थिक लक्ष्य को पाना है! आर्थिक योजनाएं Economic Planing) व्यापक या आंशिक हो सकती हैं! एक विस्तृत योजना अर्थव्यवस्था के सभी बड़े पहलुओं को समाहित करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करती है! वही एक हिस्से (कृषि, उद्योग, निजी क्षेत्र आदि) के लिए लक्ष्य निर्धारित करती है! 

आर्थिक नियोजन के उद्देश्य (Aarthik niyojan ke uddeshya) – 

(1) निर्धनता एवं बेरोजगारी को दूर करना! 

(2) आत्मनिर्भरता की प्राप्ति एवं आधुनिकीकरण को प्रोत्साहन देना! 

(3) सामाजिक न्याय और विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करना! 

(4) तीव्र आर्थिक विकास के साथ-साथ समावेशी विकास पर बल देना! 

(5) कृषि एवं उद्योगों का समन्वित विकास करना! 

आर्थिक नियोजन की विशेषताएं (aarthik niyojan ki visheshta) –

(1) केंद्रीय नियोजन व्यवस्था –

आर्थिक नियोजन के अंतर्गत नियोजन का कार्य एक केंद्रीय नियोजन संस्था को सौंप दिया जाता है! यही संस्था या संगठन योजनाएं बनाता है एवं उनमें समन्वय करता है तथा उनकों कार्य रूप में परिणित करने की व्यवस्था करता है! 

(2) लक्ष्यों एवं प्राथमिकताओं का निर्धारण –

आर्थिक नियोजन की प्रमुख विशेषता निश्चित लक्ष्यों का निर्धारण हैं! यह लक्ष्य पहले से ही सोच समझकर निर्धारित किए जाते हैं! फिर उन लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु विकास की प्राथमिकताएं एवं उनका क्रम निश्चित किया जाता है! 

(3) राज्य द्वारा हस्तक्षेप –

आर्थिक नियोजन में राज्य द्वारा हस्तक्षेप किया जाता है और निजी उद्योगों एवं संस्थाओं को भी निर्देशों का पालन करना पड़ता है कभी-कभी स्वयं राज्य में नए नए उद्योगों एवं संस्थाएं स्थापित कर देता है! 

(4) सरकारी कार्यक्रम-

आर्थिक नियोजन सरकारी रणनीति का एक भाग होता है इसका अर्थ यह है कि इसको सरकारी कार्यक्रम के रूप में ही अपनाया जाता है! 

(5) सामाजिक उत्थान – 

आर्थिक नियोजन का उद्देश्य सामाजिक उत्थान करना है जिसमें समाज का विकास हो, रहन सहन का स्तर ऊपर उठे, उसकी आय में वृद्धि हो तथा सामाजिक बुराइयों का अंत हो! 

(6) निश्चित अवधि –

आर्थिक नियोजन एक निश्चित अवधि के लिए होता है, इसमें निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के प्रयास किए जाते हैं

आर्थिक नियोजन के प्रकार (Types of economic planning in hindi) –

योजना निर्माण की प्रक्रिया के आधार पर –

(1) केंद्रीकृत नियोजन 

(2) विकेंद्रित नियोजन

राज्य के हस्तक्षेप के आधार पर –

आर्थिक प्रणाली के प्रकार के आधार पर विकास क्रम में आर्थिक नियोजन (Economic Planing) दो प्रकार का होता है – 

(1) आदेशात्मक नियोजन (Prescriptive planning in hindi) – 

वह नियोजन प्रक्रिया जो राज्य नियंत्रित अर्थव्यवस्था के अनुसार होती है, उन्हें आदेशात्मक नियोजन कहा जाता है! ऐसे नियोजन को निर्देशात्मक या लक्ष्य आधारित नियोजन कहते हैं! यह दो प्रकार का होता है!

समाजवादी प्रणाली में सभी आर्थिक फैसले सरकार के हाथ में केंद्रित होते हैं इसमें संसाधनों पर सामूहिक स्वामित्व होता है! साम्यवादी प्रणाली में सभी संसाधनों पर सरकार का कब्जा होता है और वही प्रयोग करती है!

आदेशात्मक नियोजन की विशेषताएं –

आदेशात्मक नियोजन की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार है –

(1) नियोजन में विकास और वृद्धि के संख्यात्मक मात्रात्मक लक्ष्य तय कर दिए जाते हैं (जैसे 4,00,000 टन सीमेंट, 5000 प्राथमिक स्कूल आदि) 

(2) बाजार मूल्य प्रणाली की इसमें करीब पर कोई भूमिका नहीं होती क्योंकि सभी आर्थिक निर्णय केंद्रीकृत ढंग से राज्य सरकार द्वारा ले जाते हैं!

(2) निर्देशात्मक नियोजन (Instructional planning in hindi) – 

सोवियत संघ में नियोजन शुरू होने के बाद के दो दशकों में नियोजन के विचार पर लोकतांत्रिक दुनिया का ध्यान गया! फिर ऐसा समय आया जब ऐसी कुछ अर्थव्यवस्थाओं ने राष्ट्रीय नियोजन शुरू किया! क्योंकि न तो यह वह राज्य नियंत्रित अर्थव्यवस्था थी न हि उनकी राजनीतिक प्रणाली साम्यवादी/समाजवादी थी, इसलिए उनके नियोजन को आदेशात्मक अर्थव्यवस्था से अलग होना था! ऐसे नियोजन का अर्थशास्त्रीयो और विशेषज्ञों ने निर्देशात्मक नियोजन कहा!

आदेशात्मक नियोजन की विशेषताएं –

आदेशात्मक नियोजन की विशेषताएं इस प्रकार है-

(1) निर्देशात्मक नियोजन का पालन करने वाली सभी अर्थव्यवस्था मिश्रित अर्थव्यवस्था थी! 

(2) एक केंद्र नियोजित अर्थव्यवस्था के विपरीत (देश आदेशात्मक निवेदन का पालन कर रहे थे) निर्देशात्मक नियोजन बाजार (मूल्य प्रणाली) की जगह लेने के बजाय इसके जरिए काम करता है! 

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