वायुदाबमापी या बैरोमीटर किसे कहते हैं –
वायुदाबमापी या बैरोमीटर वह यंत्र होता है, जिसकी सहायता से वायुमण्डलीय दाब को मापा जाता है।
सामान्यतः बैरोमीटर में पारे का उपयोग किया जाता है। बैरोमीटर की सहायता से वायुमण्डलीय दाब (Atmospheric Pressure) का मापन तथा मौसम संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां भी प्राप्त होती है।

बैरोमीटर के उपयोग (barometer ke upyog) –
वायुदाबमापी के उपयोग निम्नलिखित हैं
1) मौसम की भविष्यवाणी करने में
बैरोमीटर की सहायता से मौसम संबंधी महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त होती हैं, जो निम्नलिखित हैं –
(1) बैरोमीटर के पाठ्यांक में कमी होना यह दर्शाता है कि निकट भविष्य में वर्षा हो सकती है। जल वाष्प का घनत्व वायु के घनत्व से कम होता है। अतः वायु में जल वाष्प मौजूद होने से वायुमण्डलीय दबाव कम हो जाता है। फलस्वरूप बैरोमीटर में पारे का स्तर नीचे गिर जाता है।
(2) बैरोमीटर के पाठ्यांक में एकाएक कमी हो जाना, आंधी या तुफान आने का द्योतक हैं। यदि किसी स्थान पर वायुमण्डलीय दाब अचानक से कम हो जाता है, तो चारों ओर से अत्यधिक वेग से वायु उस स्थान की ओर बहने लगती है। अत: बैरोमीटर में पारे के स्तर का एकाएक गिर जाना आंधी या तूफान आने की सूचना देता है।
(3) बैरोमीटर का पाठ्यांक धीरे-धीरे बढ़ना अथवा अधिक हो जाना मौसम के साफ होने को प्रदर्शित करता है। वायुमण्डल में जल वाष्प की मात्रा कम होने से वायुमण्डलीय दाब धीरे-धीरे बढ़ने लगता है, जो स्पष्टतः मौसम के साफ होने की सूचना देता है।
(2) पृथ्वी तल से किसी स्थान की ऊँचाई ज्ञात करने में
वायुमण्डल में हम ज्यों-ज्यों ऊपर जाने लगते हैं, वायुमण्डलीय दबाव कम होने लगता है। इस आधार पर हम किसी ऊँचाई पर वायुमण्डलीय दबाव ज्ञात करके उस ऊँचाई का अनुमान लगा सकते हैं।
प्रश्न :- बैरोमीटर किसका मापन है
उत्तर :- बैरोमीटर या वायुदाबमापी वह यंत्र होता है, जिसकी सहायता से वायुमण्डलीय दाब को मापा जाता है।
प्रश्न :- बैरोमीटर का आविष्कार कब हुआ?
उत्तर :- बैरोमीटर का आविष्कार 1644 में इटली में हुआ था।
प्रश्न:- बैरोमीटर का आविष्कार किसने किया?
उत्तर :- बैरोमीटर का आविष्कार एवेंजेलिस्टा टोर्रिसेली ने 1644 में किया!
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