संघ लोक सेवा आयोग (UPSC in hindi)-
संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission भारत का केंद्रीय भर्ती अभिकरण है! यह एक स्वतंत्र संविधान निकाय है, क्योंकि इसका गठन संवैधानिक प्रावधानों के आधार पर किया गया है! संविधान के अनुच्छेद 315 से 320 में संघ लोक सेवा आयोग का प्रावधान किया गया है
संघ लोक सेवा आयोग की सरंचना एवं कार्यकाल –
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) में एक अध्यक्ष एवं कुछ अन्य सदस्य होते हैं, जो भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्ति किए जाते हैं! संविधान में आयोग की संख्या का कोई उल्लेख नहीं है! राष्ट्रपति आयोग की संरचना निर्धारित करते हैं!
साधारणतया आयोग में अध्यक्ष समेत नौ से ग्यारह सदस्य होते हैं! वर्तमान में संघ लोक सेवा आयोग में 10 सदस्य है !संविधान में आयोग के सदस्यों की योग्यता का उल्लेख नहीं है!
हालांकि यह आवश्यक है कि आयोग के आधे सदस्यों को भारत या राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष से काम करने का अनुभव हो! सविधान में राष्ट्रपति को अध्यक्ष तथा सदस्यों की सेवा शर्तें निर्धारित करने तथा उन्हें समय पूर्व हटाने का अधिकार प्राप्त है!
आयोग के सदस्य पद ग्रहण करने की तारीख से 6 वर्ष की अवधि तक या 65 वर्ष की आयु तक पद ग्रहण कर सकता है वह कभी भी राष्ट्रपति को संबोधित कर सकता त्याग पत्र दे सकता है!
स्वतंत्रता –
(1) UPSC के अध्यक्ष या सदस्यों को राष्ट्रपति संविधान में वर्णित आधारों पर हटा सकते हैं इसलिए उन्हें पदावली की सुरक्षा प्राप्त होती है!
(2) अध्यक्ष या सदस्य की सेवा शर्ते राष्ट्रपति द्वारा तय की जाती है, लेकिन नियुक्ति के बाद उनमें कोई वाला परी परिवर्तन नहीं किया जा सकता!
(3) UPSC के अध्यक्ष या सदस्यों को वेतन, भत्ते एवं पेंशन सहित सभी खर्चे भारत की संचित निधि से प्राप्त होते हैं! इसलिए इस पर संसद में मतदान नहीं होता!
(4) UPSC का अध्यक्ष या सदस्य को कार्यकाल के बाद पुनः नियुक्त नहीं किया जा सकता!
(5) UPSC का सदस्य कार्यकाल के बाद यूपीएससी का अध्यक्ष या किसी राज्य के PSC अध्यक्ष के रूप में नियुक्त होने का पात्र होगा, लेकिन भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन किसी अन्य नियोजन का पात्र नहीं होगा!
(6) UPSC का अध्यक्ष कार्यकाल के बाद भारत सरकार या किसी राज्य सरकार के अधीन किसी और नियोजन का पात्र नहीं होगा!
संघ लोक सेवा आयोग के कार्य (Functions of Union Public Service Commission in hindi) –
(1) यह अखिल भारतीय सेवाओं, केंद्रीय सेवाओं एवं केंद्र प्रशासित क्षेत्रों की लोक सेवाओं में नियुक्ति के लिए परीक्षा का आयोजन करता है!
(2) UPSC राज्य (दो या दो से अधिक राज्यों के अनुरोध पर) किसी ऐसी सेवाओं के लिए जिसके लिए विशेष अहर्ता वाले अभ्यर्थी की आवश्यकता है, उनके लिए संयुक्त भर्ती की योजना व प्रवर्तन करने में सहायता करता है!
(3) यह किसी राज्यपाल के अनुरोध पर, राष्ट्रपति की स्वीकृति के पश्चात सभी या किन्हीं मामलों पर राज्य को सलाह प्रदान करता है!
(4) सिविल सेवक द्वारा अपने कर्तव्य के निष्पादन के अंतर्गत उसके विरुद्ध विधिक कार्यवाहियों की प्रतिरक्षा में उसके द्वारा खर्च की गई राशि की अदायगी का दावा करना!
(5) सेवा के विस्तार एवं कुछ सेवानिवृत्त नौकरशाह को पुनः नियुक्ति से संबंधित मामले!
(6) अल्पकालीन नियुक्ति, एक वर्ष से अधिक तक एवं नियुक्तियों की नियमितीकरण से संबंधित विषय!