आपदा प्रबंधन क्या है (aapda prabandhan kya hai) –
आपदा प्रबंधन की अवधारणा का प्रादुर्भाव विश्व में प्राकृतिक आपदाओं (भूकंप, बाढ़, चक्रवात, भूस्खलन आदि) से उत्पन्न विपत्तिकारी परिस्थितियों में बचाव तथा सहायता पहुंचाने के कार्यों को नियोजित तरीकों से निष्पादित करने के लिए हुआ, जिससे प्राकृतिक आपदा के परिणामस्वरुप होने वाली क्षति को कम से कम किया जा सके!
वास्तव में यह मानवीय प्रवृत्ति है कि प्राकृतिक आपदा के समय मानव एक-दूसरे को सहयोग देने के लिए सदैव तत्पर रहता है, परंतु आपदा प्रभावित क्षेत्रों की परिस्थितियों के कारण सहायता देने वालों तथा प्रभावित जनमानस के मध्य अफरा-तफरी एवं अव्यवस्था का माहौल उत्पन्न हो जाता है, जिसके कारण और अधिक जनहानि होने की प्रबल संभावना होती है! अतः आपदा के समय प्रभावित जनों को समुचित राहत सामग्री पहुंचाने, आपदा प्रभावित क्षेत्र से निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने आदि कार्यों को पूर्व नियोजित तरीके से करना ही आपदा प्रबंधन कहलाता हैं!
वर्तमान में विश्व में आपदाओं की संख्या बढ़ती जा रही है एवं इसका प्रभाव व्यापक होता जा रहा है! ऐसी स्थिति में आपदा प्रबंधन वास्तव में एक प्रमुख मंथन का विषय बन गया है! आपदा प्रबंधन में आपदा पूर्व और आपदा पश्चात दोनों कार्यवाहियों सहित आपदाओं के निम्नीकरण के सभी पहलु शामिल होते हैं!
आपदा प्रबंधन के चरण (aapda prabandhan ke charan) –
सामान्यता किसी आपदा के घटित होने एवं उससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं का 3 चरणों में अध्ययन किया जाता है –
(1) आपदा पूर्व/पूर्वानुमान अवस्था
(2) आपदा के समय/ सहभागिता अवस्था
(3) आपदाओं उपरांत/ पुनर्प्राप्ति अवस्था
आपदा प्रबंधन की आवश्यकता (aapda prabandhan ki avashyakta) –
आपदा एक आकस्मिक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है जो मानव जीवन के साथ-साथ संपत्ति को भी बड़ी क्षति पहुँचती हैं, विनाश और तबाही लेकर आती है! प्राकृतिक या मानव निर्मित आपदा की स्थिति में जीवित रहने के लिए आपदा प्रबंधन बहुत आवश्यक हो जाता है! आपदा प्रबंधन गतिविधियों का उद्देश्य आपदा की स्थिति में जीवन के नुकसान और क्षति को कम करना है!
आपदा प्रबंधन उपाय. आपदा के स्थान पर, समय पर और प्रभावी बचाव, राहत और पुनर्वास की सुविधा देकर लोगों और संपत्ति को खतरे वाले स्थान से हटाने में मदद कर सकते हैं, जिससे संपत्ति के नुकसान को कम किया जा सकता है, लोगों की रक्षा की जा सकती है और लोगों के बीच नुकसान को कम किया जा सकता है!
आपदा प्रबंधन योजना (aapda prabandhan yojana) –
इसके अंतर्गत राहत कार्य, पुनः प्राप्ति एवं पुनर्वास कार्यो के लिए ऐसी ढांचागत सुविधाओं का निर्माण करना शामिल है, जिनका आपदा के उपरांत समुचित ढंग से उपयोग किया जा सके! आवश्यक ढांचागत सुविधाओं के अंतर्गत त्वरित बचाव कार्यक्रम, भोजन एवं आवास की व्यवस्था, स्वच्छ जल की उपलब्धता, परिवहन एवं संचार व्यवस्था घोषित किए जाते हैं!
आपदा प्रबंधन के बचाव के उपाय (aapda prabandhan ke bachav ke upay) –
आपदा न्यूनीकरण का मुख्य उद्देश्य मनुष्य के जान की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी संपत्ति को बचाने या आर्थिक क्षति को कम करना होता है! आपदा न्यूनीकरण को स्वरूप आपदा की प्रकृति तथा आपदा से प्रभावित होने वाले क्षेत्र की पर्यावरणीय दशाओं पर निर्भर करता है! प्राकृतिक आपदाओं द्वारा होने वाले प्रतिकूल प्रभावों विशेषकर आर्थिक क्षति को कम करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं –
(1) आपदा से प्रभावित क्षेत्र का सर्वेक्षण एवं मानचित्रण तथा आपदामंडल मानचित्र का निर्माण!
(2) आपदा प्रभावित क्षेत्रों में समुचित भूमि उपयोग, नियोजन तथा आपदा को और अधिक सक्रिय करने वाले भूमि उपयोग को रोकना!
(3) सागरीय दीवार के निर्माण एवं मैंग्रोव के रोपण द्वारा तटीय रक्षण की व्यवस्था करना!
(4) भवनों की संरचना में सुधार तथा आपदाओं के सुरक्षित भवनों के डिजाइन कोट का अनुकरण करना!
आपदा न्यूनीकरण का कोई भी कार्यक्रम या उपाय तब तक सफल नहीं हो सकता, जब तक कि पर्याप्त धन एवं ढांचागत सुविधाएं सुलभ नहीं हो पाती! अत: आपदा न्यूनीकरण कार्यक्रमों में सरकारी सहायता अत्यंत आवश्यक है! इनमें स्थानीय जनता विभिन्न समुदाय एवं संगठनों को सक्रिय भागीदारी भी अपेक्षित हैं ताकि आपदा न्यूनीकरण के कार्यक्रमों एवं उपायों का लाभ आपदा से प्रभावित लोगों तक आसानी से पहुंच सके!
आपदा प्रबंधन के अंतर्राष्ट्रीय संगठन (aapda prabandhan ka antarrashtriya prayas) –
आपदाओं के कारण विश्वभर में तेजी से बढ़ रही मानवीय और आर्थिक क्षति को समझते हुए विगत वर्षों में कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों का आविर्भाव हुआ है! इनमें से कुछ संगठन पहले से स्थापित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अंतर्गत स्थापित किए गए हैं तो कुछ का गठन को स्वतंत्र रूप से हुआ है!
ये संगठन किसी भी आपदाग्रस्त देश या देशों के अनुरोध पर विभिन्न तरीकों से विभिन्न मुद्दों पर उनकी सहायता करते हैं! इनमें से कुछ महत्वपूर्ण संगठन इस प्रकार है – अंतरराष्ट्रीय पुनरुत्थान मंच, रेडक्रॉस, संयुक्त राष्ट्र संघ, विश्वबैंक, यूरोपीय संघ, इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ इमरजेंसी मैनेजमेंट!
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