इलेक्ट्रोनिकी (electronici) Mppsc के लिए
Table of Contents
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- तकनीकी की वह शाखा जिसमें उपकरण कम विभव एवं कम धारा पर आधारित होते इलेक्ट्रॉनिक(Electronici) कहलाते हैं! इसका आधार विद्युत धारा है!
- किसी चालक में विद्युत आवेश के प्रवाह की दर को विद्युत धारा कहते है, विद्युतधारा का SI मात्रक एंपियर (Ampier) है ! यह अदिश राशि हैं
- विद्युत परिपथ में ऊर्जा के क्षय होने की दर को विद्युत शक्ति (Electric power)कहते हैं! इसका एस आई मात्रक वाट है!
- इलेक्ट्रोनिकी(Electronici) में ऊर्जा या विद्युत धारा का प्रयोग सूचनाओं के सम्मान के रूप में होता है!
- इलेक्ट्रॉनिकी(Electronici) का विकास 19वीं सदी के प्रारंभ में हुआ ! इसके विकास में सर्वप्रथम गैस निकास नली का प्रयोग हुआ!
- सर्वप्रथम यह थॉमसन ने बताया था कि कैथोड किरणें ऋणावेश कणों से बनी होती है!
- पहली निर्वात नली आविष्कार जान एम्बुश फ्लेमिंग ने किया था यह दो इलेक्ट्रोड वाली नली थी!
- सर्वप्रथम रेडियो का प्रसारण 1920 में अमेरिका से प्रारंभ हुआ !
- सबसे पहले प्रकाश विद्युत सेल का निर्माण JR र्केरे ने 1875 में किया था ! इसका सर्वप्रथम प्रयोग 1920 में अमेरिका में हुआ था!
- सर्वप्रथम प्रकाश विद्युत सेल को इलेक्ट्रॉनिक गन से जोड़ने में सफलता के ब्लादिमिर ज्वोरोकिन को प्राप्त हुई ,इसी से टीवी की कैमरा ट्यूब बनी!
- मैग्नेट्रॉन निर्वात नली दोलित्र है इसका आविष्कार अल्बर्ट डब्ल्यू हॉल ने किया था!
- मैग्नेट्रॉन वह प्रथम युक्ति है जो सफलतापूर्वक माइक्रो तरंग को उत्पन्न कर सकती है!
- ENIAC निर्वात नली का उपयोग करने वाला पहला कंप्यूटर है!
- वह संख्या परिपथ को लॉजिक गेट कहते हैं जो कि सिग्नल को जाने देता है अथवा रोक देता है !
- लॉजिक गेट्स का निर्माण साधारण स्विचों, अर्धचालकों, ट्रांजिस्टर आदि के संयोग से किया जाता है!
- लॉजिक गेटों को मूलत: 3 वर्गों में विभाजित किया गया है, OR, AND, NOT गेट आदि!
- बूलियन चरों में संबंध दर्शाने वाले व्यंजक को बुलियन व्यंजक कहते हैं !
- अतिचालकता की खोज 1911 में नीदरलैंड के भौतिकशास्त्री केमरलिंग ओंस ने की थी!
- सन 1957 में जाॅन बरडीन, लियोन कूपर और रॉबर्ट ग्रिफर ने अतिचालकता का सिद्धांत दिया!
- अतिचालकों को मे इलेक्ट्रॉन स्वतंत्र गति नहीं करते बल्कि वह जोड़े बनाकर गति करते हैं इसे कूपर बाॅण्ड कहते हैं!
- अतिचालक दो प्रकार के होते हैं टाइप 1 टाइप 2 !
- टाइप वन श्रेणी के अति चालकों को मृदु अतिचालक भी कहते हैं!
- टाइप टू श्रेणी के अतिचालक कठोर अतिचालक भी कहलाते हैं!
- बुलेट ट्रेन माइनर प्रभाव पर काम करती है !
- वह ट्रेन जो मैग्नेटिक लैविटेशन तकनीक पर काम करती है मैग्लेव ट्रेन कहलाती है, इसकी रफ्तार 500 किलोमीटर पर हौर होती है!
- भारत में राष्ट्रीय अतिचालकता कार्यक्रम के पहले चरण में 65 परियोजना को प्रारंभ किया गया !
- भारत में इलेक्ट्रॉनिक(Electronici)की शुरुआत 1950 में हुई इलेक्ट्रॉनिक विभाग (Electronici Department)की स्थापना 1950 में हुई प्रथम अध्यक्ष एमजी के मैनन थे!
- भारत में सर्वप्रथम ट्रांजिस्टर का प्रयोग 1970 में हुआ था
- प्रौद्योगिकी विकास परिषद की स्थापना Oct. 1973 में इलेक्ट्रॉनिकी(Electronici)आयोग द्वारा की गई!
- 1982 में प्रथम बार रंगीन टेलीविजन का उत्पादन प्रारंभ हुआ !
- Electronici Hardware Technology Park योजना 1 April 1993 से प्रारंभ हुई!
- मध्यप्रदेश में भोपाल, इंदौर जबलपुर, ग्वालियर, सागर में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी पार्क बनाए गए हैं!
- इलेक्ट्रॉनिक(Electronici) मैग्नेटिक इंटरफेस तथा इलेक्ट्रॉनिक मैग्नेटिक कैपेबिलिटी नामक राष्ट्रीय सुविधा 15 जुलाई 2005 से प्रारंभ हुई
- राष्ट्रीय राजनीति को 25 अक्टूबर 2012 को स्वीकृति दी गई !
- सूचना प्रौद्योगिकी विभाग का नया नाम इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग है नई राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक नीति 2019 में आई!
- डायोड बाल्व का अविष्कार सर.जे.एस.फ्लेमिंग ने 1904 में की थी!
- ट्रायोड बाल्व का अविष्कार डॉ. ली.डी.फॉरेस्ट ने 1960 में की थी
- विद्युत धारा को एंपियर में मापने के लिए अमीटर यंत्र का प्रयोग किया जाता है! अमीटर(Ameter) को परिपथ में सदैव श्रेणीक्रम में लगाया जाता है ! एक आदर्श अमीटर(Ameter) का प्रतिरोध जीरो होता है!
- वोल्टमीटर(Voltamemer)का प्रयोग परिपथ के किन्हीं दो बिंदुओं के बीच विभवांतर मापने में किया जाता है! वोल्टमीटर(Voltamemer) को परिपथ में सदैव समांतर क्रम में लगाया जाता है !
- एक आदर्श वोल्टमीटर(Voltamemer) का प्रतिरोध अनंत (इंफीनिटी) होता है!
- विद्युत फ्यूज का प्रयोग परिपथ में लगे उपकरणों की सुरक्षा के लिए किया जाता है यह टिन(37℅) व सीसा (37℅) का मिश्रण का बना होता है!
- विद्युत परिपथ में विद्युत धारा की उपस्थिति बताने वाला यंत्र गैल्वेनोमीटर (Gelvonometer )है !
- शंट एक अत्यंत कम प्रतिरोध वाला तार होता है, जिसे गैल्वेनोमीटर के समांतर लगाकर अमीटर(Ameter) बनाया जाता है!
- गैल्वेनोमीटर के श्रेणी क्रम में एक उच्च प्रतिरोध लगाकर वोल्टमीटर(Voltamemer) बनाया जाता है !
- ट्रांसफार्मर एक ऐसा यंत्र है,जो उच्च प्रत्यावर्ती धारा को निम्न प्रत्यावर्ती धारा में एवं निम्न प्रत्यावर्ती धारा को उच्च प्रत्यावर्ती धारा में परिवर्तित कर देता है
- विद्युत मोटर एक ऐसा यंत्र है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा बदल देता है ! यह विद्युत चुंबकीय प्रेरण का सिद्धांत पर कार्य नहीं करता
- माइक्रोफोन ध्वनि ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है माइक्रोफोन विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर आधारित होता है!
- किसी चालक में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर चालक के परमाणुओं तथा अन्य कारकों के द्वारा उत्पन्न किए गए व्यवधान को ही चालक का प्रतिरोध (Resistance) कहते हैं! इसका एस आई मात्रक ओम होता है!
- जिन पदार्थों में से होकर विद्युत आवेश सरलता से प्रभावित होता है उन्हें चालक कहते हैं जैसे चांदी, एल्युमिनियम, तांबा आदि!
- जिन पदार्थों से ऊपर आवेश का प्रवाह नहीं होता हैं,उन्है अचालक कहते हैं जैसे- लकड़ी, रबर, कागज आदि!
- विद्युत विभव एवं विभांतर दोनों का मात्रक वोल्ट है एवं दोनों अदिश राशियां हैं!
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