अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं? परिभाषा (arthvyavastha kise kahate hain) –
अर्थव्यवस्था (Economy) एक अधूरा शब्द है, अगर इसके पूर्व किसी देश या किसी क्षेत्र-विशेष का नाम न जोड़ा जाए! वास्तव में जब हम किसी देश को उसके समस्त आर्थिक क्रियाओं के संदर्भ में परिभाषित करते हैं, तो उसे अर्थव्यवस्था कहते हैं! अकुशल व्यक्ति अर्थव्यवस्था के लिए बोझ होते हैं! अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सिद्धांतों को अपनाने के बाद की वास्तविक तस्वीर होती है!
अर्थव्यवस्था की परिभाषा (arthvyavastha ki paribhasha) –
ए. जे. ब्राउन – अर्थव्यवस्था एक ऐसी पद्धति है जिसके द्वारा लोग जीविका प्राप्त करते है तथा अपना जीवन व्यतीत करते है।’’
अर्थव्यवस्था उत्पादन इकाइयों का समूह होती है जो कि एक निर्धारित भौगोलिक क्षेत्र में स्थित है।”
अर्थव्यवस्था अंतर-संबंधित उत्पादन और उपभोग की गतिविधियों का एक बड़ा समूह होता है जो यह निर्धारित करने में सहायता करती है कि दुर्लभ संसाधनों का आवंटन कैसे किया जाता है।
अर्थव्यवस्था के प्रकार (Types of Economy in hindi) –
संगठन के आधार पर अर्थव्यवस्था के प्रकार (sangathan ke aadhar arthvyavastha ke prakar)-
संगठन के आधार पर अर्थव्यवस्था तीन प्रकार की होती है –
(1) पूंजीवादी अर्थव्यवस्था क्या है (Capital Economy in hindi) –
1776 में स्कॉटलैंड के अर्थशास्त्री द्वारा रचित किताब “द वेल्थ ऑफ नेशन” को पूंजीवादी अर्थव्यवस्था का उद्गम स्त्रोत माना जाता है! पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में क्या उत्पादन करना है, कितना उत्पादन करना है और उसे किस कीमत पर बेचना है. यह सब बाजार तय करता है, इसमें सरकार की कोई भूमिका (आर्थिक) नहीं होती है! पूंजीवादी अर्थव्यवस्था लाभ के सिद्धांत पर आधारित है!
(2) राज्य अर्थव्यवस्था क्या है (State Economy in hindi) –
इसकी उत्पत्ति पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की लोकप्रियता के विरोध स्वरूप हुई! इसका सिद्धांत जर्मन दार्शनिक कार्ल मार्क्स ने दिया था! इसमें उत्पादन, आपूर्ति और कीमत सबका फैसला सरकार द्वारा लिया जाता है! ऐसी अर्थव्यवस्था को केंद्रीय नियोजित अर्थव्यवस्था कहते हैं, जो गैर बाजार अर्थव्यवस्था होती है!
राज्य अर्थव्यवस्था की दो अलग-अलग शैली नजर आती है! सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था को समाजवादी अर्थव्यवस्था कहते हैं जबकि 1985 ई. से पहले चीन की अर्थव्यवस्था को साम्यवादी अर्थव्यवस्था कहते हैं!
समाजवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन के साधनों पर सामूहिक नियंत्रण के बात शामिल थी और अर्थव्यवस्था को चलाने में सरकार की बड़ी भूमिका थी, वही साम्यवादी अर्थव्यवस्था में सभी संपत्तियों पर सरकार का नियंत्रण था और श्रम संसाधन भी सरकार के अधीन थे!
(3) मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या हैं (Mix Economy in hindi) –
मिश्रित अर्थव्यवस्था में कुछ लक्षण राज्य अर्थव्यवस्था के तथा कुछ लक्षण पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के विद्वान होते हैं इसका प्रतिपादन “द जर्नल थ्योरी ऑफ एंप्लॉयमेंट इंटरेस्ट एंड मनी” 1936 के लेखक ब्रिटिश अर्थशास्त्री जॉन मेनार्ड केंस ने किया था! द्वितीय विश्वयुद्ध के समाप्ति के पश्चात उपनिवेशवाद के चंगुल से निकले दुनिया के कई देशों ने मिश्रित अर्थव्यवस्था को अपनाया है! भारतीय अर्थव्यवस्था भी मिश्रित अर्थव्यवस्था है!
शेष विश्व के साथ अंतर संबंधों के आधार पर अर्थव्यवस्था के प्रकार (Types of Economy Based on Interrelationships with Rest of the World in hindi) –
(1) खुली अर्थव्यवस्था (Open economy in hindi) –
खुली अर्थव्यवस्थाएँ वे अर्थव्यवस्था होती है, जो विश्व के अन्य देशों के साथ वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार और निवेश के लिए स्वतंत्र होती है! वर्तमान में विश्व की लगभग सभी अवस्थाएं खुली अर्थव्यवस्था हैं!
(2) बंद अर्थव्यवस्था (Closed economy in hindi) –
बंद अर्थव्यवस्थाएँ वे अर्थव्यवस्था होती है, जिनका अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ कोई आर्थिक संबंध नहीं होता अर्थात ये अर्थव्यवस्थाएँ विश्व के अन्य देशों के साथ वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार और निवेश के लिए स्वतंत्र नहीं होती हैं!
विकास के आधार पर अर्थव्यवस्था के प्रकार (vikash ke aadhaar par arthvyavastha ke prakar) –
(1) विकसित अर्थव्यवस्था!
(2) अल्पविकसित अर्थव्यवस्था!
(3) अविकसित अर्थव्यवस्था
(1) विकसित अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं (viksit arthvyavastha) –
जिन देशों की अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास का स्तर ऊंचा होता है, उन्हें विकसित अर्थव्यवस्था कहते हैं!विश्व बैंक के अनुसार, वे अर्थव्यवस्थाएं जहां प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय $12,535 या उससे अधिक है उन्हें विकसित अर्थव्यवस्था या उच्च आय वाले वर्ग वाली अर्थव्यवस्था कहा जाता है, जैसे – अमेरिका, स्विजरलैंड, जापान, ब्रिटेन आदि!
(2) विकासशील अर्थव्यवस्था (vikassheel arthvyavastha) –
विकासशील अर्थव्यवस्था के अंतर्गत की अर्थव्यवस्था में शामिल होती है जहां आर्थिक समृद्धि के उच्च स्तर को प्राप्त करने का प्रयास किया जाता है इन देशों में आय की असमानता का अधिक होती है और औद्योगिक विकास कम होता है! विश्व बैंक के अनुसार इन्हें दो वर्गों में विभाजित किया जाता है –
(1) निम्न मध्यम आय वर्ग अर्थव्यवस्था!
(2) उच्च मध्यम आय वर्ग अर्थव्यवस्था!
(3) अल्पविकसित अर्थव्यवस्था क्या है (alp viksit arthvyavastha kya hai) –
जिन अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास या लोगों के रहन-सहन का स्तर काफी निम्न होता है, उसे अल्पविकसित अर्थव्यवस्था कहते हैं! विश्व बैंक के अनुसार ऐसी अर्थव्यवस्था जिनके प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय $1035 या इससे कम है, उन्हें अल्पविकसित अर्थव्यवस्था कहा जाता है! इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में विकास का स्तर पर प्रायः निम्न पाया जाता है, जैसे – सोमालिया, चाड, नाइजर, बुरुंडी आदि!
विभिन्न क्षेत्रों की भूमिका के आधार पर अर्थव्यवस्था का वर्गीकरण –
(1) कृषक अर्थव्यवस्था –
यदि किसी अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में प्राथमिक क्षेत्र अर्थात कृषि एवं संबंधित क्षेत्र का योगदान 50% या उससे अधिक हो एवं लगभग इसी अनुपात में लोग आजीविका के लिए कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों पर निर्भर हो तो उसे ‘कृषक अर्थव्यवस्था‘ कहा जाता है! स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाला देश था!
(2) औद्योगिक अर्थव्यवस्था –
यदि किसी अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में द्वितीय क्षेत्र अर्थात औद्योगिक क्षेत्र का हिस्सा 50% से अधिक हो तथा इसी अनुपात में इस क्षेत्र पर लोगों की आजीविका के लिए निर्भरता हो तो इस अर्थव्यवस्था को ‘औद्योगिक अर्थव्यवस्था’ कहा जा सकता है! जैसे – चीन!
(3) सेवा अर्थव्यवस्था –
यदि किसी अर्थव्यवस्था के सकल घरेलू उत्पाद में तृतीयक क्षेत्र तथा सेवा क्षेत्र का हिस्सा 50% से अधिक हो तथा इसी अनुपात में इस क्षेत्र में लोगों की आजीविका के लिए निर्भरता हो तो उस अर्थव्यवस्था को ‘सेवा अर्थव्यवस्था‘ कहा जा सकता है जैसे अमेरिका, जापान, ब्रिटेन आदि
नियोजन के आधार पर अर्थव्यवस्था का वर्गीकरण –
(1) योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (planned economy in hindi) –
योजनाबद्ध व्यवस्था से अभिप्राय ऐसी अर्थव्यवस्था से हैं, जो आर्थिक संवृद्धि एवं विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए व्यापक आयोजना एवं रणनीति का निर्माण करती है! ऐसी अर्थव्यवस्थाओं में पहले लक्ष्य निर्धारण किया जाता है, उसके बाद उन्हें प्राप्त करने के लिए योजना का निर्माण किया जाता है!
(2) गैर-योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था (Unplanned economy in hindi) –
गैर-योजनाबद्ध अर्थव्यवस्था से अभिप्राय ऐसी अर्थव्यवस्था से है, जो आयोजन की संकल्पना को स्वीकार नहीं करती हैं! ऐसी अर्थव्यवस्था में प्रायः एक निश्चित अवधि में क्या-क्या आर्थिक संवृद्धि एवं विकास के लक्ष्य प्राप्त किए जाने हैं, यह पूर्व निर्धारित नहीं होता है! इस प्रकार की अर्थव्यवस्था में आर्थिक विकास से संबंधित रणनीतियों का अभाव पाया जाता है!
प्रश्न :- किस प्रकार की जनसंख्या अर्थव्यवस्था पर बोझ होती है?
उत्तर :- निरक्षर और अस्वस्थ जनसंख्या अर्थव्यवस्था पर बोझ होती है और वही साक्षर और स्वस्थ जनसंख्या परिसंपत्तियाँ होती हैं। एक बड़ी आबादी एक बड़ा कार्यबल प्रदान करती है, यह एक बोझ भी पैदा करती है। ज़रुरी नहीं। एक बड़ी आबादी को हमेशा गरीबी का मूल कारण माना गया है और दुनिया के अधिकांश सबसे गरीब देशों में बड़ी आबादी है। ..
आपको यह भी पढ़ना चाहिए-
1 thought on “अर्थव्यवस्था किसे कहते हैं? Economy की परिभाषा एवं प्रकार”