साइबर सिक्योरिटी क्या है (Cyber security Kya hai in hindi upsc) –
साइबर सिक्योरिटी से आशय एक तरह की इंटरनेट सिक्योरिटी से है, जो आपको मैलवेयर, ब्लैक हैट हैकर्स या किसी अन्य तरह के साइबर हमलों से बचाती है।अर्थात साइबर स्पेस में डाटा नेटवर्क तथा साइबर उपकरणों की सुरक्षा व्यवस्था साइबर सुरक्षा है! यह सूचना की चोरी होने, दुरुपयोग होने या उस पर हमले से रोकने के लिए उठाए जाने वाले सुरक्षात्मक कदम भी साइबर सिक्योरिटी के अंतर्गत ही आते हैं!
साइबर हमला किसी व्यक्ति या पूरे संगठन द्वारा आयोजित की गई किसी भी प्रकार की आपराधिक गतिविधि है जो लक्षित कंप्यूटर नेटवर्क या तंत्र को हानि पहुंचाने या नष्ट करने के उद्देश्य से कंप्यूटर सूचना प्रणालियों, अवसंरचनाओं तथा कंप्यूटर नेटवर्क को लक्ष्य बनाती है!
साइबर सिक्योरिटी की आवश्यकता (Cyber security ki aavashyakta) –
वर्तमान में साइबर स्पेस से जुड़े हमलों और खतरों का जोखिम ज्यादा है, जिसमें कोई भी दुश्मन देश अथवा आतंकवादी संगठन सूचना प्रौद्योगिकी नेटवर्क को और सूचना भंडारों पर हमला कर या इन्हें हैक कर सूचनाएं चुराने एवं आधारभूत ढांचे को नुकसान पहुंचाने का कार्य कर सकता है! वर्तमान में किसी भी देश के कंप्यूटर आधारित प्रणाली आपस में तथा अन्य तंत्रों से जुड़े रहती है, जो उपयुक्त प्रकार के हमलों के लिए अति संवेदनशील है!
साइबर सिक्योरिटी की चुनौतियां (Cyber suraksha ki chunotiyon) – –
नई प्रौद्योगिकियों के विकास ने हमें विभिन्न तरीकों से विकसित होने और बढ़ने में मदद करती हैं, परंतु, वे साइबर सुरक्षा के लिए नई चुनौतियां भी पेश करती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि विकास के साथ, सॉफ्टवेयर हर नए अपडेट के साथ लगातार बदलता रहता है।
ये नए संशोधन अक्सर नए मुद्दों को भी पेश करते हैं जो सिस्टम या नेटवर्क को कमजोर करते हैं और साइबर अपराधियों के संपर्क में लाते हैं। आईटी इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में डिजाइन और कार्यान्वयन का एक नया सेट शामिल है। इसके परिणामस्वरूप कमजोरियों के नए रूप सामने आते हैं जिनसे संगठन आमतौर पर अनजान होता है।

साइबर सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण शब्दावली –
(1) फिशिंग क्या है –
पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड का ब्यौरा छलकपट से विश्वास जीतकर एवं इलेक्ट्रॉनिक संचार के द्वारा यूजरनेम प्राप्त करके सूचनाओं को एकत्रित करने का कार्य फिशिंग कहलाता है! फिशिंग सामान्यतः पर ईमेल स्पूफिंग या त्वरित संदेश द्वारा किया जाता है! इसमें पहचान की चोरी भी की जाती है!
(2) विशिंग क्या है –
विशिंग शब्द ‘वायस’ और ‘फिशिंग’ से मिलकर बना हैं! जब टेलीफोन या मोबाइल के माध्यम से फिशिंग की जाती है तो इसे विशिंग कहते हैं!
(3) स्पैमिंग क्या है –
वाणिज्य या अन्य गैर आर्थिक लाभ के लिए बहुत सारे लोगों को एक साथ ई-मेल या मोबाइल पर संदेश भेजना स्पैमिंग कहलाता है यह कई यह कई देशों में गैरकानूनी है!
(4) क्रिप्टो-जैकिंग –
यह एक प्रकार का साइबर हमला है जिसमें क्रिप्टोकरेंसी की अवैध डिजिटल माइनिंग की जाती है! इसमें हैकर द्वारा किसी अन्य इंटरनेट सर्वर, निजी कंप्यूटर या स्मार्टफोन में मालवेयर इंस्टॉल कर क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग की जाती है!
(5) फारमिंग –
यह वह हमला है जिसके अंतर्गत वेबसाइट पर आ रही सूचनाओं को विभिन्न जाली की वेबसाइटों की ओर भेजा जाता है और तब वहां से व्यक्ति की सूचनाओं का प्रयोग करते हुए दिशा-निर्देश दिए जाते हैं!
साइबर हमले के परिणाम (Cyber attack ke parinam) –
याहू, इक्विफैक्स, यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) जैसे बड़े संगठनों के साथ हैकिंग की घटनाएं हुई हैं और मुंबई पावर हैकिंग की घटना के परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है और करोड़ों उपयोगकर्ताओं के डेटा से समझौता किया गया था।
साइबर हमलों के और भी भयानक परिणाम तब हो सकते हैं जब सेना जैसे संगठनों पर साइबर हमले हों। ऐसे में राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में पड सकती है। इसी तरह, किसी देश के वित्त क्षेत्र पर साइबर हमलों से राष्ट्रीय मौद्रिक संपत्ति का भारी नुकसान हो सकता है। हाल के इतिहास में सबसे बड़े साइबर हमलों में से एक का उदाहरण 2017 का Wannacry Ransomware Attack है, जिसने 150 देशों में 2 लाख से अधिक कंप्यूटरों को प्रभावित किया था।
साइबर सिक्योरिटी के तरीके (Cyber security ke tarike) –
(1) हमेशा एक मजबूत पासवर्ड का यूज़ करे, जिसमें नंबर, अपर केस, लोअर केस और सिम्बल हो!
(2) अपने पासवर्ड को समय-समय पर बदलते रहे!
(3) अपने नाम, पता, मोबाइल नंबर, एड्रेस, डेट ऑफ बर्थ आदि का पासवर्ड के रूप में उपयोग नहीं करें!
(4) बिना किसी कारण से अपनी ईमेल आईडी किसी को शेयर ना करें और स्पैम ईमेल पर क्लिक ना करें!
(5) अपने मोबाइल में या लैपटॉप में किसी प्रकार महत्वपूर्ण पर्सनल जानकारी, फोटो या विडियो का कम से कम यूज करे!
(6) अपना डाटा बचाने के चक्कर में पब्लिक वाईफाई का यूज न करे और संभव हो तो एक अच्छी कंपनी का एंटीवायरस यूज करें
(7) अपने मोबाइल में या लैपटॉप में किसी संदिग्ध पेन ड्राइव का उपयोग ना करें!
(8) किसी भी प्रकार की हैकिंग होने पर तुरंत साइबर सेल को सूचित करे!
आपको यह भी पढना चाहिए –
क्लाउड कम्प्यूटिंग क्या हैं? क्लाउड कम्प्यूटिंग के प्रकार एवं लाभ
कम्प्यूटर नेटवर्क क्या हैं? कम्प्यूटर नेटवर्क के प्रकार, लाभ हानि