भारत के तटीय मैदान (Coastal plain of india in hindi) –
पश्चिम में रन आफ कच्छ से पूर्व में स्थित गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा तक भारत की तट रेखा लगभग 6,000 किमी. की लंबाई में स्थित है! पश्चिमी तट पर अरब सागर एवं पूर्वी तट पर बंगाल की खाड़ी का सागरी भाग स्थित है!
भारत के तटीय मैदान का निर्माण सागरीय लहरों के अपरदन तथा नदियों के निक्षेपण के परिणामस्वरूप हुआ है! भारत के तटीय मैदान को दो भागों में बांटा जाता है!

(1) पश्चिम तटीय मैदान –
भारत के पश्चिमी तट को निम्न भागों में बांटा गया है! गुजरात से गोवा तक का तटीय क्षेत्र, कोकण तट. गोवा से कर्नाटक के मंगलूर तक का तटीय क्षेत्र कन्नड तट तथा मंगलूर से कन्याकुमारी तक का तटीय क्षेत्र मालाबार तट कहलाता है!
भारत के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह कांडला (गुजरात), कोच्चि (केरल),मुंबई (महाराष्ट्र), मंगलूर (कर्नाटक), मार्मगोवा (गोवा) न्हावाशोवा (महाराष्ट्र) है!
मालाबार तट पर अनेक पश्च जल है, जिसे स्थानीय भाषा में कयाल कहते है! नर्मदा तथा ताप्ती नदियों के मुहाने के समीप पश्चिमी तट के सर्वाधिक चौड़ाई 80 किमी. है! कोकण तटीय भागों पर बहने वाली नदियां डेल्टा का निर्माण नहीं करती बल्कि इस एश्चुयरी तथा जलप्रपात निर्मित कर अरब सागर में गिरती है! मालाबार तट पर अनेकों लैगून तथा शांत पश्च जल मिलते हैं!
(2) पूर्वी तटीय मैदान –
भारत के पूर्वी समुद्री तट को निम्न भागों में बांटा गया है – कन्याकुमारी से कृष्णा डेल्टा तक का तट, कोरोमंडल तट. कृष्णा डेल्टा से गोदावरी डेल्टा तक का तट, गोलकुंडा तक. गोदावरी डेल्टा से लेकर उत्तरी तटीय भाग, उत्तरी सरकार तट या काकीनाडा तट कहलाताता है!
यह पश्चिमी तट की तुलना में अधिक चौड़ा तथा साथ ही इस तट पर अनेक डेल्टा भागों की उपस्थिति भी मिलती है! पूर्वी तट पर कोलकाता (पश्चिम बंगाल),चेन्नई, तूतीकोरिन एवं एन्नोर (तमिलनाडु) पारादीप (उड़ीसा) विशाखापत्तनम (आंध्रप्रदेश) आदि प्रमुख बंदरगाह है!
भारत के तटीय मैदान का महत्व –
भारत के तटीय मैदान का महत्व इस प्रकार हैं –
(1) भारत के प्रमुख बंदरगाह इन्हीं तटो पर स्थित है! इन बंदरगाह द्वारा देशी एवं विदेशी व्यापार संपन्न होता है!
(2) केरल के तटीय भाग में मोनाजाइट जैसा बहुमूल्य खनिज प्राप्त होता है जबकि गुजरात राज्य के निम्न तटीय क्षेत्र नमक उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है!
(3) नदियों का डेल्टाई भाग मत्स्य उद्योग के लिए उपयुक्त है!
(4) पूर्वी तटीय मैदान कृषि की दृष्टि से उपजाऊ है नारियल, काजू, सुपारी, रबर, गरम मसाले, फल तथा ताड़ के वृक्ष भी यहां बहुतायत में मिलते हैं!
प्रश्न :- पश्चिमी तटीय मैदान को किन भागो मे बाटा गया है
उत्तर :- भारत के पश्चिमी तट को निम्न भागों में बांटा गया है! गुजरात से गोवा तक का तटीय क्षेत्र, कोकण तट. गोवा से कर्नाटक के मंगलूर तक का तटीय क्षेत्र के अंदर आज तक तथा मंगलूर से कन्याकुमारी तक का तटीय क्षेत्र मालाबार तट कहलाता है!
प्रश्न :- पूर्वी तटीय मैदान को किन भागो मे बाटा गया है
उत्तर :- भारत के पूर्वी समुद्री तट को निम्न भागों में बांटा गया है – कन्याकुमारी से कृष्णा डेल्टा तक का तट, कोरोमंडल तट. कृष्णा डेल्टा से गोदावरी डेल्टा तक का तट, गोलकुंडा तक. गोदावरी डेल्टा से लेकर उत्तरी तटीय भाग, उत्तरी सरकार तट या काकीनाडा तट कहलाताता है!