आयुष चिकित्सा क्या है (Ayush chikitsa paddhati in hindi) –
आयुष (AYUSH) का अभिप्राय आयुर्वेद, योगा, युनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी से है! आयुष मंत्रालय इन सभी स्वास्थ्य प्रणाली को संवर्धन एवं विकास प्रणाली के माध्यम से आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना तथा इससे संबंधित चिकित्सा शिक्षा का संचालन का कार्य देखता है! आयुष चिकित्सा पद्धति में सोना रिग्पा पद्धति को शामिल किया गया हैं!
आयुष का इतिहास (history of ayush in hindi) –
1995 में भारतीय चिकित्सा पद्धति और होम्योपैथी विभाग की स्थापना की गई थी! 2003 में इसका नाम आयुष विभाग कर दिया गया! 2014 में आयुष मंत्रालय का गठन किया गया था!
ayush full form in hindi –
आयुष (AYUSH) का फुल फॉर्म आयुर्वेद, योगा, युनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी से है!
आयुष चिकित्सा पद्धति क्या हैं (ayush chikitsa paddhati in hindi) –
(1) आयुर्वेद (Ayurveda in hindi) –
आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ है – जीवन का विज्ञान! पूर्णरूप से प्राकृतिक सिद्धांतों पर आधारित आयुर्वेद विश्व का प्राचीनतम चिकित्सा विज्ञान है! आयुर्वेद के प्राचीनतम ग्रंथों में चरक संहिता, सुश्रुत संहिता एवं अष्टांग हदयम एवं प्रमुख है! आयुर्वेद प्रमुख रूप से त्रिदोष -वात,कफ और पित्त आधारित है!
(2) योग (Yoga in hindi) –
योग का अर्थ है जोड़ना (तन और मन) या समाधि (मन की सर्वोत्तम और संपूर्ण ज्ञान की अवस्था) एवं उचित एक जीवन पद्धति है जिसे पतंजलि ने कंबल ढग से प्रस्तुत किया था! यम, नियम, आसन,प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान एवं समाधि आदि योग के आठ अंग है!
योग का वर्गीकरण – कर्म योग जहां हम शरीर का उपयोग करते हैं, ज्ञान योग जहां हम मन का उपयोग करते हैं, भक्ति योग जहां हम भावना का उपयोग करते हैं और क्रिया योग जहां हम ऊर्जा का उपयोग करते हैं!
(3) यूनानी (Greek) –
इस चिकित्सा पद्धति का उद्भव एवं विकास यूनान में हुआ है! भारत में यूनानी चिकित्सा पद्धति अरबों के द्वारा पहुंची! यहां के प्राकृतिक वातावरण एवं अनुकूल परिस्थितियों के वजह से इस पद्धति का यहां बहुत विकास हुआ!
भारत में यूनानी चिकित्सा पद्धति के महान चिकित्सक और समर्थक हकीम अजमल खान ने इस पद्धति का प्रचार प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया! इस पद्धति के मूल सिद्धांतों के अनुसार, रोग शरीर की एक प्राकृतिक प्रक्रिया है!
(4) सिद्ध (Siddh) –
यह भारत में दवा की सबसे प्राचीन प्रणालियों में से एक है! ‘सिद्ध’ शब्द का अर्थ होता है – उपलब्धियां! सिद्ध संत पुरुष होते थे! कहा जाता है कि अट्ठारह सिद्धू ने चिकित्सा प्रणाली के विकास की दिशा में योगदान दिया!
सिद्ध साहित्य तमिल भाषा में लिखा गया है! यह भारत के तमिल भासी हिस्से तथा विदेश में बड़े पैमाने पर उपस्थित थे सिद्ध प्रणाली काफी हद तक प्राकृतिक चिकित्सा में विश्वास रखती है!
(5) होम्योपैथी (Homeopathy in hindi) –
होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति का प्रादुर्भाव एक जर्मन डॉक्टर सैमुअल हैनीमैन द्वारा किया गया! होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से विभिन्न रोगों का बहुत ही कम खर्च में उपचार किया जा सकता है! भारत में यह पद्धति 1810 ई. के आस-पास यूरोपीय मिशनरियों के जरिये आई! 1984 में सविधान सभा और बाद में तत्कालीन संसद द्वारा प्रस्ताव पारित कर इसे सरकारी मान्यता दी गई!
होम्योपैथी के लाभ (homeopathy ke fayde) –
(1) होम्योपैथी की दवा दवाई सुरक्षित होती है और एलोपैथिक की तुलना में इनके कम साइड इफेक्ट होते हैं!
(2) होम्योपैथी की दवाएं नवजात शिशु, बच्चों, गर्भवती महिलाओं, दूधपान करने वाली महिलाओं एवं वृद्ध लोगों के लिए सुरक्षित है और उनके खुराक के चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है!
(3) आयुर्वेदिक और एलोपैथिक दवाओं की तुलना में होम्योपैथिक दवाएं सस्ती होती है!
(4) होम्योपैथी की सहायता से चर्म रोग, किडनी रोग, दमा, मानसिक बीमारी, बवासीर रक्तचाप आदि जैसी अनेकों बीमारियों का उपचार किया जा सकता है!
आयुष मंत्रालय के मुख्य उद्देश्य (ayush mantralaya ke uddeshya) –
(1) देश में इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन और होम्योपैथी कॉलेजों के शैक्षिक मानक को उन्नत करना!
(2) इंडियन सिस्टम्स ऑफ मेडिसिन और होम्योपैथी दवाओं के फार्माकोपियोअल मानकों को विकसित करना!
(3) इन प्रणालियों में उपयोग किए जाने वाले औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने और पुनर्जीवित करने के लिए योजनाएं तैयार करना।
(4) मौजूदा शोध संस्थानों को मजबूत बनाने और पहचान की गई बीमारियों पर समयबद्ध अनुसंधान कार्यक्रमों को सुनिश्चित करने के लिए जिनका इन प्रणालियों के द्वारा प्रभावी उपचार संभव है।
आयुष चिकित्सा पद्धति के लाभ (Benefits of Ayush system of medicine in hindi)
(1) सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को कम लागत में उपलब्ध।
(2) आयुष पद्धति न्यूनतम दुष्प्रभाव के साथ ही इसे प्राकृतिक और लागत अनुकूल है।
(3) योग के माध्यम से आयुष द्वारा तम्बाकू और मादक पदार्थों के सेवन की समस्या का समाधान किया जा सकता है।
(4) जीवनशैली से सम्बन्धित रोग – मधुमेह और उच्च रक्तचाप में आयुर्वेद पद्धति महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आयुष चिकित्सा पद्धति की चुनौतियां (ayush chikitsa paddhati ki chunautiyan)
(1) आयुष को कई देशों में वैज्ञानिक मान्यता प्राप्त नहीं।
(2) मानक गुणवत्ता की दवाएं सभी जगह उपलब्ध नहीं।
(3) मानव संसाधनों की कमी तथा चिकित्सकों हेतु बेहतर अवसरों की अनुपलब्धता।
(4) एकरूपता का अभाव अर्थात आयुर्वेद में चिकित्सा पद्धतियां एक समान नहीं है।
(5) विषम परिस्थितियों में अप्रभावी उपचार
प्रश्न :- आयुष चिकित्सा क्या है
उत्तर :- आयुष (AYUSH) का अभिप्राय आयुर्वेद, योगा, युनानी, सिद्ध एवं होम्योपैथी से है! आयुष मंत्रालय इन सभी स्वास्थ्य प्रणाली को संवर्धन एवं विकास प्रणाली के माध्यम से आमजन को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना तथा इससे संबंधित चिकित्सा शिक्षा का संचालन का कार्य देखता है!