भारत का उपराष्ट्रपति (Bharat ka uprashtrapati) –
उपराष्ट्रपति (uprashtrapati) का पद देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है! अधिकारिक रूप से उसका पद राष्ट्रपति के बाद आता है! संविधान के अनुच्छेद 63 के अनुसार भारत का एक उपराष्ट्रपति होगा! संविधान में उपराष्ट्रपति पद से संबंधित प्रावधान संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान से ग्रहण किया गया है!
इस प्रकार भारत के राष्ट्रपति का पद अमेरिका राष्ट्रपति के पद की कुछ परिवर्तन सहित अनुकृति है! भारत का उप राष्ट्रपति राज्यसभा का पदेन सदस्य होता है अर्थात – जो व्यक्ति उपराष्ट्रपति के पद पर आसीन होता है व राज्यसभा का सभापति होता है!
उपराष्ट्रपति का निर्वाचन (uprashtrapati ke nirvachan ki prakriya) –
उपराष्ट्रपति का निर्वाचन भी राष्ट्रपति की तरह अप्रत्यक्ष रूप से होता है! उपराष्ट्रपति का निर्वाचन एक ऐसे निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जो संसद के दोनों सदनों से मिलकर बनता है. अर्थात उपराष्ट्रपति का निर्वाचन राज्यसभा तथा लोकसभा के सदस्यों द्वारा किया जाता है! राज्य विधानमंडल के सदस्य इसमें भाग नहीं लेते हैं! यह निर्वाचन आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत तथा गुप्त मतदान द्वारा होता है!
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल (uprashtrapati ka karyakal ) –
उपराष्ट्रपति अपने पद ग्रहण की तिथि से 5 वर्ष तक अपने पद पर बना रहेगा और यदि उसका उत्तराधिकारी 5 वर्ष की अवधि के दौरान नहीं सुना जाता है तो तब तक अपने पद पर बना रहेगा, जब तक कि उसका उत्तराधिकारी निर्वाचित होकर पद ग्रहण नहीं कर लेता! राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के निर्वाचन संबंधी विवादों पर निर्णय उच्चतम न्यायालय द्वारा किया जाता है!
वह अपनी पदावधि में किसी भी समय अपना त्यागपत्र राष्ट्रपति को दे सकता है उसे अपने पद से पद अवधि पूर्ण होने से पूर्व हटाया जा सकता है! उसे हटाने के लिए औपचारिक महाभियोग की प्रक्रिया की आवश्यकता नहीं है!
उसे राज्यसभा द्वारा संकल्प पारित कर पूर्ण बहुमत द्वारा हटाया जा सकता है! और इसे लोकसभा की सहमति आवश्यक है! परंतु ऐसा कोई प्रस्ताव तब तक पेश नहीं किया जाता हैं, जब तक 14 दिन पूर्व उपराष्ट्रपति को सूचना नहीं दी गई हो! संविधान में उपराष्ट्रपति को हटाने संबंधित कोई प्रावधान नहीं है!
यदि किसी कारणवश राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अनुपस्थित है तो उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या उसके नहीं रहने पर उसी न्यायालय का वरिष्ठता न्यायाधीश, जो उस समय पर उपलब्ध हो, राष्ट्रपति के कृत्यों को संपादित करेगा
उपराष्ट्रपति का वेतन (uprashtrapati ka vetan) –
वर्तमान में उपराष्ट्रपति (Vice President) का वेतन ₹4,00,000 प्रतिमाह है! राष्ट्रपति के पद खाली रहने पर उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति की हैसियत से कार्य करता है! उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति के रूप में कार्य करने की अधिकतम अवधि 6 माह की होती है! इस दौरान राष्ट्रपति का चुनाव करवाना अनिवार्य होता है! राष्ट्रपति के रूप में कार्य करते समय उपराष्ट्रपति को राष्ट्रपति की सभी शक्तियां उन्मुक्तियों, उपलब्धियां, भत्तों और विशेषाधिकारों का अधिकार प्राप्त होता है!
उपराष्ट्रपति के कार्य एवं शक्तियां (uprashtrapati ke karya evam shaktiyaan) –
उपराष्ट्रपति (Vice President) को संविधान द्वारा निर्देशित कार्य व शक्तियां प्रदान की गई है –
कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में –
अनुच्छेद 65 के अनुसार राष्ट्रपति की मृत्यु या उसके त्यागपत्र दे देने या महाभियोग की प्रक्रिया के दौरान उसे पदमुक्त होने या उसकी अनुपस्थिति के कारण जब राष्ट्रपति का पद रिक्त हो जाता है, तब उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन करता है तथा राष्ट्रपति की शक्तियों का प्रयोग करता है! उपराष्ट्रपति जब राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है या राष्ट्रपति कृत्यों का निर्वहन करता है, उस अवधि के दौरान राज्यसभा के कर्तव्यों का पालन नहीं करता है!
यदि भारत के राष्ट्रपति का पद अचानक रिक्त हो जाए और कोई उपराष्ट्रपति ना हो तब उच्चतम न्यायालय के मूख्य न्यायाधीश राष्ट्रपति बनते है!
राज्यसभा के सभापति के रूप में –
(1) वह राज्यसभा के किसी सदस्य को सदन में भाषण देने की अनुज्ञा देता है तथा उसकी अनुज्ञा के बिना कोई भी सदस्य सदन में भाषण नही दे सकता!
(2) वह राज्यसभा के कार्यो का संचालन करता है, राज्यसभा में अनुशासन बनाए रखता है तथा आज्ञा का पालन न करने वाले सदस्यों को सदन से निष्कासित करवा सकता हैं!
(3) वह सदन में पेश किए गए विधेयकों पर विचार – विमर्श के बाद मतदान कराता है तथा उसका परिणाम घोषित करता है!
(4) उपराष्ट्रपति सदन में असंसदीय भाषा के प्रयोग को रोकता है तथा यह आदेश दे सकता हैं कि असंसदीय भाषा को अभिलेख से निकाल दिया जाए
(5) वह राज्यसभा द्वारा पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर करता है!
सूचना देने का कर्तव्य –
भारत का राष्ट्रपति जब कभी त्यागपत्र देता है, तो वह अपना त्यागपत्र उपराष्ट्रपति को देता है! जब उपराष्ट्रपति, राष्ट्रपति का त्यागपत्र प्राप्त करें, तो उसका कर्तव्य बनता है कि वह राष्ट्रपति के त्यागपत्र की सूचना लोकसभा अध्यक्ष को दें!
सामाजिक समारोह का प्रतिनिधित्व –
उपराष्ट्रपति (Vice President) अनेक सामाजिक समारोह पर राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करता है! वह समय-समय पर होने वाले शैक्षणिक व सामाजिक समूह में उपस्थित होकर देश की शोभा को बढ़ाता है!
भारत के उप राष्ट्रपति किसी विधेयक के पारित किए जाते समय मतदान में भाग नहीं ले सकती क्योंकि उन्हें केवल निर्णायक मत देने का अधिकार होता है!
उपराष्ट्रपति (uprashtrapati) से संबंधित प्रश्न उत्तर
प्रश्न :- भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति कौन थे?
उत्तर :- भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन थे जिनका कार्यकाल 1952 से 1962 तक रहा
प्रश्न :- वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति कौन हैं?
उत्तर :- एम. वेंकैया नायडू जी वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति है!
प्रश्न :- उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितने वर्षों का होता है?
उत्तर :- भारत के उपराष्ट्रपति का कार्यकाल, पद ग्रहण करने की तारीख से 5 वर्ष की अवधि तक होता है, परंतु वह किसी भी वक्त राष्ट्रपति को अपना त्यागपत्र देकर पद मुक्त हो सकते हैं!
प्रश्न :- उपराष्ट्रपति को शपथ कौन दिलाता है?
उत्तर :- उपराष्ट्रपति को अपना पद ग्रहण करने से पूर्व राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेनी पड़ती है!
उत्तर :- भारत के उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचक मंडल के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा होता है और इसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होता है!
प्रश्न :- भारत के उपराष्ट्रपति के पद पर लगातार दो बार कौन निर्वाचित हुए हैं?
उत्तर :- डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन और हामिद अंसारी लगातार दो बार उपराष्ट्रपति के पद पर निर्वाचित हुए हैं
प्रश्न :- वर्तमान में उपराष्ट्रपति का वेतन कितना है?
उत्तर :- वर्तमान में उपराष्ट्रपति का वेतन ₹400000 मासिक है
प्रश्न :- यदि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अनुपस्थित है तो कायो की जिम्मेदारी कौन लेगा?
उत्तर :- यदि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति अनुपस्थित है तो उच्चतम न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश या उसके नहीं रहने पर उसी न्यायालय का वरिष्ठता न्यायाधीश, जो उस समय पर उपलब्ध हो, राष्ट्रपति के कृत्यों को संपादित करेगा
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