आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन क्या हैं upsc (what is supply chain management in hindi) –
आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, व्यवसाय से संबंधित नेटवर्क की प्रक्रिया है, जो उत्पादों के बेहतर प्रबंधन, पैकेजिंग, गुणवत्ता तथा उपभोक्ता की आवश्यकता एवं प्रवृति को समझकर उत्पादों के निर्माण को सम्मिलित करता है! आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की क्रियाओं का विस्तार कच्चे माल के भंडारण, प्रसंस्करण तथा अंतिम उत्पाद (प्रारंभिक बिंदु से उपयोग तक के स्तर) तक होता है!
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के अंतर्गत कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद को उपभोक्ता तक पहुंचाने की पूरी प्रक्रिया अथवा श्रृंखला को शामिल किया जाता है! आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के अंतर्गत कच्चे माल की आपूर्तिकर्ता अर्थात किसान, खाद्य प्रसंस्करणकर्ता इकाई अर्थात कंपनी, खाद्य प्रसंस्करण उत्पादों के भंडारकर्ता एवं विपणनकर्ता अर्थात थोक विक्रेता एवं खुदरा विक्रेता इत्यादि शामिल होते हैं! आपूर्ति श्रृंखला में कच्चे माल के उत्पादकता, आपूर्तिकर्ता, निर्माण तथा उत्पादकों को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने वाले शामिल होते हैं!
खाद्य प्रसंस्करण के विभिन्न स्तरों को प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक के रूप में देखा जा सकता है! प्राथमिक प्रसंस्करण कच्चे कृषि उत्पाद, दूध, मांस और मछली का एक ऐसी वस्तु में परिवर्तन से संबंधित है जो मानव उपभोग के लिए उपयुक्त हो! इसमें सफाई, ग्रेडिंग, छटाई, पैकिंग इत्यादि जैसे कदम शामिल है! खाद्य प्रसंस्करण उद्योग समान्यतः प्रसंस्करण के क्षेत्र में पड़ता है जहां पर नहीं अथवा अधिक मूल्य वाले खाद्य उत्पाद निर्मित किए जाते हैं!
आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के तत्व –
(1) खाद्य संघटक और कच्चा
(2) खाद्य उत्पादन
(3) परिवहन एवं भंडारण
(4) आपूर्ति श्रृंखला की कुशलता
आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन के उद्देश्य –
(1) विश्लेषणात्मक एवं समन्वित दृष्टिकोण द्वारा राणनीतिक निर्णय में वृद्धि!
(2) आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की मूल धारणा आ समझना, जो खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में उपयोगी हो!
(3) घरेलू एवं निर्यात के संबंध में उपभोक्ताओं के बदलती आवश्यकताओं को समझना!
(4) व्यापार क्षेत्र और आपूर्ति श्रंखला के समन्वय के मुद्दों को समझना!
(5) रसद आपूर्ति पैकेजिंग, परिवहन, वस्तु सूची का प्रबंधन करना!
आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन की चुनौतियां –
(1) उपभोक्ता सेवाए
(2) मूल्य नियंत्रण
(3) खाद्य उत्पादन
(4) प्रतिभाओं का निर्माण एवं प्रशिक्षण
(5) योजना एवं जोखिम नियंत्रण
खंडित आपूर्ति श्रृखंला संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए संविदा खेती महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है! संविदा खेती के माध्यम से खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी कंपनियां किसानों से प्रत्यक्ष संपर्क स्थापित कर सकती है और विभिन्न प्रकार की आगत संबंधी कमजोरियों को दूर किया जा सकता है! कुछ राज्य सरकारों द्वारा संविदा खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा हैं!
भारत में खाद्य आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (supply chain management in India in hindi upsc) –
भारत स्वयं को विश्व के खाद्य आपूर्तिकर्ता देश के रूप में स्थापित कर सकता है, क्योंकि यहां कृषि योग्य भूमि पर विभिन्न मौसमों में विभिन्न प्रकार के फल तथा सब्जियों का उत्पादन होता है, जो इस उद्योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं! खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में किसानों एवं उपभोक्ताओं के बीच एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है!
कोल्ड चैन की पर्याप्त आधारीय संरचना का विकास एवं भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था न होने से देश में फल तथा सब्जी की भारी मात्रा में हानि होती है! अत: भारत में आर्थिक एवं प्रभावी आपूर्ति प्रबंधन की निर्मित करने की आवश्यकता है, क्योंकि भारत के खाद्य श्रृंखला का बुनियादी ढांचा कमजोर है!
भारत में खाद्य क्षेत्र तीव्र और सवृद्धि तथा संरचनात्मक सुधार की ओर अग्रसर है! यह क्षेत्र उत्पादन में वृद्धि, प्रसंस्करण तथा प्रबंधन, वितरण तथा खुदरा व्यापार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से सार्वजनिक एवं निजी निवेश को आकर्षित कर रहा है! खाद्य क्षेत्र की कंपनियां आने वाले वर्षों में गुणवत्ता, क्षमता, प्रभावकारिता में सार्थक सुधार करेगी! भारत की अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप अपने मानकों को निर्मित करने की आवश्यकता है! खाद्यान्न वितरण की मजबूत करने के लिए अपन को मजबूत करने की आवश्यकता है!
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