राज्य लोक सेवा आयोग के कार्य, संरचना, निष्कासन, सीमाएँ

राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission in hindi) –

केंद्र के लोक सेवा आयोग के समान राज्यों में राज्य लोक सेवा आयोग हैं! संविधान के भाग 14 में अनुच्छेद 315 से 323 में राज्य लोक सेवा आयोग की स्वतंत्रता एवं शक्तियों के अलावा इसके गठन तथा सदस्यों की नियुक्तियों एवं उनके बर्खास्तगी इत्यादि का उल्लेख किया गया है!

राज्य लोक सेवा आयोग की स्थापना (rajya lok seva aayog ki sthapna) –

भारत सरकार अधिनियम, 1935 में प्रांतीय स्तर पर लोक सेवा आयोग की स्थापना की गई जिसे राज्य लोक सेवा आयोग के रूप में जाना जाता है तथा भारत के संविधान ने इसे स्वायत्त निकायों के रूप में संवैधानिक दर्जा दिया है|

नियुक्ति –

राज्य लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य होते हैं! जिन्हें राज्य का राज्यपाल नियुक्त करता है! संविधान में आयोग की संख्या का उल्लेख नहीं है, यह राज्यपाल विवेक पर छोड़ा गया है! साथ ही संविधान में उनकी योग्यता का उल्लेख भी नहीं है परंतु आयोग के आधे सदस्यों को भारत या राज्य सरकार के अधीन कम से कम 10 वर्ष काम करने का अनुभव हो! 

पदावधि –

आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य पद ग्रहण करने की तारीख से 6 वर्ष की अवधि तक या 62 वर्ष की आयु तक अपना पद धारण कर सकते हैं! वह कभी भी राज्यपाल को त्यागपत्र देकर पद मुक्त हो सकते हैं!

सेवा शर्तें व वेतन – 

राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या और उनकी सेवा शर्तों का निर्धारण राज्यपाल द्वारा किया जाता है! आयोग की सेवा शर्तों में उनकी नियुक्ति के बाद कोई अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जा सकता हैं! उनका वेतन-भत्ता व पेंशन राज्य की संचित निधि भारित होता हैं! 

निष्कासन –

सदस्यों की नियुक्ति भले ही राज्यपाल करते हैं परंतु उन्हें केवल राष्ट्रपति ही हटा सकता है! राष्ट्रपति उन्हे उसी आधार पर हटा सकता है जिन आधार पर यूपीएससी के अध्यक्ष एवं सदस्यों को हटाया जाता है! अतः उन्हें निम्न आधारों काटा जाता है! 

(1) अगर उसे दीवालिया घोषित कर दिया गया हो

(2) अपनी पदावधि के दौरान अपने पद के कर्तव्य से बाहर किसी का वेतन नियोजन में लगा हो! 

(3) अगर राष्ट्रपति या समझता है कि वह मानसिक व शारीरिक शैथिल्य के कारण पद पर बने रहने योग्य नहीं है! 

राज्य लोक सेवा आयोग के कार्य (Functions of State Public Service Commission in hindi) – 

राज्य लोक सेवा आयोग राज्य सेवाओं के लिए वही कार्य करता है जो यूपीएससी केंद्रीय सेवाओं के लिए करता है –

(1) राज्य सेवाओं में नियुक्ति के लिए परीक्षाओं का आयोजन करता है!  

(2) राज्य सरकार के अधीन काम के दौरान किसी व्यक्ति को हुई हानि को लेकर पेंशन का दावा करना और पेंशन की राशि का दावा करना! 

(3) अपने कर्तव्यों के निष्पादन के लिए उसके विरुद्ध विधिक कार्रवाईयों की प्रतिरक्षा में उसके द्वारा खर्च की अदायगी का दावा करना! 

(4) सिविल सेवा और सिविल से पदों के लिए भर्ती की पद्धतियों से संबंधित सभी विषय पर परामर्श देना!

(5) सिविल सेवाओं और पदों पर नियुक्त करने में तथा सेवा प्रोन्नति व एक सेवा से दूसरी सेवा में तबादले के लिए अनुसरण किए जाने वाले सिद्धांत के संबंध में परामर्श देना! 

(6) सिविल सेवाओं और पदों पर स्थानांतरण करने में, प्रोन्नति, या एक सेवा से दूसरे सेवा में तबादला या प्रतिनियुक्ति के लिए अभ्यर्थीयो की उपयुक्तता पर! संबंधित विभाग प्रोन्नति की अनुशंसा करता है और राज्य लोक सेवा आयोग से अनुमोदित करने का आग्रह करता है! 

(7) कर्मिक प्रबंधन से संबंधित अन्य विषय! 

राज्य लोक सेवा आयोग की सीमाएँ – 

(1) पिछड़ी जातियों की नियुक्तियो या पदों के आरक्षण के मामले पर! 

(2) सेवा व पदों पर नियुक्ति के लिए SC/ST के दावों को ध्यान में रखने के मसले पर! 

राज्यपाल SPSC के दायरे से किसी पद, सेवा या विषय को हटा सकता हैं! राज्यपाल राज्य सेवाओं व पदों से संबंधित नियम बना सकता है, जिसके लिए SPSC से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं है, परंतु इन नियमों को कम से कम 14 दिनों तक राज्य विधानमंडल के समक्ष रखना होगा! राज्य विधानमंडल इसे संशोधित या खारिज कर सकता है!  

संयुक्त लोक सेवा आयोग (Sayukt lok sewa aayog) – 

दो या दो से अधिक राज्यों के लिए संविधान में संयुक्त राज्य लोक सेवा आयोग की स्थापना की व्यवस्था की गई है! संयुक्त लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है! संयुक्त लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष का सदस्य 6 वर्ष की अवधि तक या 62 वर्ष की आयु तक, इनमें जो भी पहले हो ,अपना पद धारण करते हैं!

वह कभी-भी राष्ट्रपति को त्यागपत्र देकर पद मुक्त हो सकते हैं! इसके अलावा राष्ट्रपति उन्हें उसी आधार पर हटा सकता है, जिन आधार पर संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों को हटाया जाता है! संयुक्त लोक सेवा आयोग के सदस्यों की संख्या और उनकी सेवा शर्तों का निर्धारण राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है! 

प्रश्न उत्तर :-

प्रश्न :- राज्य लोक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति कौन करता है

उत्तर :- राज्य लोक सेवा आयोग में एक अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य होते हैं! जिनकी नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है!

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