सौर ऊर्जा क्या है? सौर ऊर्जा की आवश्यकता, उपयोग, लाभ, चुनौतियां

सौर ऊर्जा क्या है (saur urja kya hai) –

संलपन को प्रक्रिया के कारण कभी न समाप्त होने वाली ऊर्जा के विशाल स्रोत सूर्य से प्राप्त ऊर्जा सौर ऊर्जा कहलाती है। पृथ्वों वायुमण्डल द्वारा प्राप्त सौर ऊर्जा की औसत मात्रा लगभग 1353 किलोवॉट प्रति वर्ग मोटर है। 

सौर ऊर्जा को 2 प्रकार से प्राप्त किया जाता है-

फोटोवोल्टिक ऊर्जा- 

इसमें फोटोवोल्टिक सेल का उपयोग किया जाता है, जो सौर प्रकाश को सौंधे अवशोषित करके विद्युत उत्पन्न करते हैं।

उष्मीय ऊर्जा – 

इसमें एक सोलर कलेक्टर का उपयोग किया जाता है, जिसकी सतह पर काँच लगा होता है, जो उस पर पढ़ने वाले सौर विकिरण को परावर्तित करता है। फलस्वरूप जल गर्म होता है। इस गर्म जल का प्रयोग भाप बनाने में किया जाता है, जिससे टरबाइन घूमता है एवं उसमें यांत्रिक ऊर्जा उत्पन्न होती है।

टरबाइन से जुड़ा हुआ जनरेटर इस यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। भारत में 31 अक्टूबर, 2021 तक सोलर एनर्जी उत्पादन की स्थापित क्षमता 47.7 गीगावॉट थी औसत 10 महीने सूर्य प्रकाश प्राप्त होने के कारण भारत में सौर ऊर्जा के विकास की अपार संभावनाएं हैं।

सौर ऊर्जा की आवश्यकता (Saur urja ki aavaskta) –

(1) ऊर्जा सुरक्षा की संकल्पना को मूर्तरूप देने हेतु।

(2) आर्थिक विकास की गति को तीव्र करने हेतु।

(3) सामाजिक विकास की संकल्पना को जमीनी स्तर पर लाने हेतु।

(4) पर्यावरण अवनमन को रोकने हेतु ।

(5) ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने हेतु।

(6) ऊर्जा उत्पादन के विकेन्द्रीकरण हेतु।

(7) भारत के भविष्य को ऊर्जा संकट से बचाने हेतु ।

सौर ऊर्जा का उपयोग (saur urja ke upyog) –

(1) सौर ऊर्जा को संग्राहकों और रिसीवरों की सहायता से ताप ऊर्जा में बदलकर विद्युत उत्पन्न की जाती है।

(2) सौर ऊर्जा को संग्राहकों और रिसीवरों की सहायता से ताप ऊर्जा में बदला जाता है, जिसका उपयोग पानी को गर्म करने में किया जाता है।

(3) खाना बनाने के लिए सूर्य की ऊर्जा का उपयोग सोलर कुकर के माध्यम से किया जाता है 

(4) सोलर एनर्जी का उपयोग फोटोवोल्टिक सेल की सहायता से वाहनों को चलाने के लिए भी किया जाता है। 

(5) सोलर एनर्जी का उपयोग ईमारतों (भवन, घर) के अंदर प्रकाश की व्यवस्था करने के लिए किया जाता है।

भारत में सौर ऊर्जा के उपयोग में चुनौतियां (saur urja ke upyog me chunotiya) –

(1) भारत की सौर ऊर्जा आवश्यकता काफी हद तक आयात पर निर्भर है।

(2) सोलर एनर्जी उत्पादन हेतु भारत निर्मित उपकरणों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के समक्ष कानूनी चुनौती का सामना करना पड़ता है।

(3) भारत को अपने घरेलू लक्ष्यों को प्राथमिकता देने और विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रतिबद्धताओं के मध्य चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। 

(4) उत्पादों की डंपिंग स्थानीय निर्माताओं के लिए नुकसानदायक है।

(5) चीनी कम्पनियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए भारतीय घरेलू निर्माता, तकनीकी और आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है।

(6) उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण भारत में सौर संयंत्र को स्थापित करने हेतु भूमि की उपलब्धता कम है।

(7) वर्ष 2050 तक भारत में सौर कचरे का अनुपात 1.8 मिलियन के आसपास होने की संभावना है।

सौर ऊर्जा के लाभ (saur urja ke labh) –

(1) कभी न समाप्त होने वाली ऊर्जा का स्रोत ।

(2) कार्बन उत्सर्जन की समस्या नहीं।

(3) पर्यावरण हितैषी ऊर्जा।

(4) ग्लोबल वार्मिंग का खतरा नहीं।

(5) सभी जगह आसानी से उपलब्ध।

सौर ऊर्जा के विकास में चुनौतियां (Saur urja ke vikas me chunotiya) –

(1) खराब मौसम के समय इसका दोहन संभव नहीं है।

(2) रात्रि के समय सोलर ऊर्जा उत्पादन नहीं किया जा सकता।

(3) सौर उपकरण आकार में बड़े होने के कारण अधिक बड़े भू-भाग की आवश्यकता पड़ती है।

(4) सस्ती बैटरियों की उपलब्धता का अभाव है।

(5) सौर पैनलों का रखरखाव अधिक खर्चीला होता है।

(6) सौर सेल बनाने के लिए विशिष्ट सिलिकॉन की सीमित उपलब्धता है।

सौर ऊर्जा के सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास –

(1) अंतर्राष्ट्रीय सोलर अलायंस वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रयास है।

(2) इसे COP-21, पेरिस में लाया गया, जिसमें कर्क रेखा व मकर रेखा के मध्य स्थित वे देश सम्मिलित हैं, जहां सौर ऊर्जा उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं, इसका मुख्यालय गुरुग्राम में है।

(3) भारत ने 2022 तक 60 शहरों को ‘सौर शहर के रूप में विकसित करने का लक्ष्य रखा है। 

(4) भारत द्वारा ‘राष्ट्रीय सौर मिशन के तहत 2022 तक सौर ऊर्जा से 100 गीगावॉट उत्पादन का लक्ष्य रखा गया

(5) राष्ट्रीय सौर कार्यक्रम के अन्तर्गत 60 हजार मेगावॉट ऑनग्रिड एवं 40 हजार मेगावॉट ऑफग्रिड द्वारा उत्पादन शामिल है।

(6) मध्य प्रदेश के रीवा में 750 मेगावॉट उत्पादन क्षमता वाला सौर ऊर्जा प्लाष्ट स्थापित किया गया है।

(7) सौर ऊर्जा उत्पादन में भारत द्वारा प्रारंभिक लक्ष्य 2022 तक 20 गीगावॉट रखा गया था। इस लक्ष्य को समय से पूर्व ही प्राप्त कर लेने के कारण इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2022 तक 100 गीगावॉट किया गया।

(8) इस लक्ष्य को समय से पूर्व ही प्राप्त कर लेने के कारण इस लक्ष्य को बढ़ाकर 2022 तक 100 गीगावॉट किया गया।

(9) भारत में अब तक 42 सोलर पॉवर स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं, जो वस्तुतः फोटोवोल्टिक पॉवर स्टेशन हैं, जिनसे बड़े स्तर पर सौर ऊर्जा का उत्पादन व आपूर्ति हो रही है।

(10) भारत सरकार द्वारा सौर ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सौर ऊर्जा सब्सिडी स्कीम लागू की गई है।

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