जनहित याचिका क्या है? इसके उद्देश्य एवं विशेषताएं

भारत में जनहित याचिका (Bharat me Janhit yachika kya hai) – 

भारत में जनहित याचिका की शुरुआत पारंपरिक अधिकारिता शासन एवं नियमों में छूट के फलस्वरूप हुई! इस कानून के अनुसार केवल वही व्यक्ति संवैधानिक उपचार के लिए न्यायालय में जा सकता है जिसके अधिकारों का हनन हुआ है! वही पीएलआई इस पारंपरिक नियम-कानून के अपवाद स्वरूप है! 

पीएलआई यानी जनहित याचिका के अंतर्गत कोई भी जनभावना वाला व्यक्ति या सामाजिक संगठन किसी भी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह के अधिकार दिलाने के लिए न्यायालय जा सकता है, अगर ये व्यक्ति/समूह निर्धनता, अज्ञान अथवा अपनी सामाजिक-आर्थिक रूप से प्रतिकूल दशाओं के कारण न्यायालय में उपचार के लिए नहीं जा सकते हैं! 

जनहित याचिका के उद्देश्य (Janhit yachika ke Uddeshy)- 

पीएलआई के वास्तविक उद्देश्य इस प्रकार है –

(1) कानून के शासन की रक्षा! 
(2) मौलिक अधिकारों को सार्थक रूप में प्राप्त करना! 
(3) सामाजिक आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों कि न्याय तक प्रभावकारी पहुंच बनाना!  


जनहित याचिका की विशेषताएं या लाभ (Janhit yachika ki visheshta) –

जनहित याचिका की विशेषताएं इस प्रकार है-

(1) जनहित याचिका कानूनी सहायता आंदोलन का रणनीतिक अंग है और इसका आशय है कि गरीब जनता तक न्याय को सुलभ बनाना!

 (2) सामान्यवाद की तरह पीएलआई न्यायालय में किसी एक व्यक्ति के अन्य व्यक्ति के खिलाफ अपने अधिकार का दावा और उसे लागू करने के लिए दाखिल नहीं किया जाता है, बल्कि इसका आशय सार्वजनिक हित को आगे बढ़ाना रक्षा करना होता है! 

(3) Janhit yachika की मांग है कि उन लोगों के संविधानिक अथवा कानूनी अधिकारों के उल्लंघन की अनदेखी नहीं होनी चाहिए जिनकी संख्या बहुत बड़ी है, जो गरीब और अशिक्षित हैं और सामाजिक-आर्थिक रूप से साधन विहीन है! 

(4) पीएलआई में पारंपरिक विवाद समाधान प्रक्रिया से अलग वैयक्तिक अधिकारों का न्याय निर्णय नहीं होता! अर्थात जनहित को ध्यान दिया जाता है! 

(5) पीएलआई में न्यायालय पारंपरिक निजी विधि वादों के अंजान लचीलापन का प्रयोग करता है, न्यायालय द्वारा चाहे जो भी प्रक्रिया अपनाई जाए यह वह प्रक्रिया होनी चाहिए जो कि न्यायिक मत एवं न्यायिक कार्रवाई के लिए जाना जाता हो! 

(6) Janhit yachika गरीब एवं उपेक्षित व्यक्ति तक न्याय पहुँचाने का एक बहुत अच्छा मानवीय तरीका है!

प्रश्न :- जनहित याचिका क्या है? (janhit yachika kya hai)

उत्तर :- भारत में जनहित याचिका की शुरुआत पारंपरिक अधिकारिता शासन एवं नियमों में छूट के फलस्वरूप हुई! इस कानून के अनुसार केवल वही व्यक्ति संवैधानिक उपचार के लिए न्यायालय में जा सकता है जिसके अधिकारों का हनन हुआ है! वही पीएलआई इस पारंपरिक नियम-कानून के अपवाद स्वरूप है

प्रश्न :- भारत में जनहित याचिका की शुरुआत कब हुई

उत्तर :- भारत में इसकी शुरुआत 1980 के दशक के मध्य में हुई! भारत में जनहित याचिका की शुरुआत पारंपरिक अधिकारिता शासन एवं नियमों में छूट के फलस्वरूप हुई! इस कानून के अनुसार केवल वही व्यक्ति संवैधानिक उपचार के लिए न्यायालय में जा सकता है जिसके अधिकारों का हनन हुआ है!

प्रश्न :-भारत में जनहित याचिका का जनक किसे कहा जाता है

उत्तर :- भारत में इसकी शुरुआत 1980 के दशक के मध्य में हुई! न्यायमूर्ति वी.आर. कृष्ण अय्यर तथा न्यायमूर्ति पी.एन. भगवती पीएलआई की अवधारणा के प्रवर्तक रहे हैं! 

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