ग्रीन केमिस्ट्री क्या होता है (what is green chemistry in hindi) –
हरे रंग की रसायन विज्ञान (ग्रीन केमिस्ट्री), जिसे टिकाऊ रसायन विज्ञान कहा जाता है, रसायन और रसायन इंजीनियरी का एक क्षेत्र है जो उत्पादों और प्रक्रियाओं के डिजाइन पर केंद्रित है जो खतरनाक पदार्थों के उपयोग और पीढ़ी को कम करता है!
ग्रीन केमिस्ट्री या हरित रसायन में उद्योग रसायन से प्रकृति में हो रहे विनाशकारी बदलाव को कम करने और उनसे प्राप्त रासायनिक उत्पादों को अच्छा और उपयोगी बनाने की कोशिश की जाती है! ग्रीन केमिस्ट्री धरती और पर्यावरण को रसायनों के दुष्प्रभाव से मुक्त करने में विश्वास करती है! ग्रीन केमिस्ट्री शब्द का पहली बार इस्तेमाल पॉल अनस्तस ने सन 1991 में किया था! ग्रीन केमिस्ट्री शब्द का उपयोग हमेशा रसायन शास्त्र और उद्योग के लिए किया जाता हैं!
ग्रीन केमिस्ट्री के स्तंभ (pillars of green chemistry in hindi) –
हरित रसायन के निम्नलिखित मूल स्तंभ है –
(1) उत्प्रेरित अभिक्रियाएं
(2) कार्बनिक विलायकों के स्थान पर अन्य विलायक
(3) नवीकरणीय संसाधनों का प्रयोग
(4) परमाणु मितव्ययिता
(5) उत्पादकों का प्रकृति का अपघटन!
ग्रीन केमिस्ट्री में प्रयोग की जाने वाली महत्वपूर्ण तकनीक (Important technology used in green chemistry in hindi) –
मुख्यता निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग हरित रसायन में किया जाता है –
(1) हरित अभिकर्मकों, हरित विलायकों एवं हरित उत्प्रेरकों का रासायनिक निर्माण में उपयोग!
(2) पराध्वनि की सहायता से निर्माण!
(3) जलीय माध्यम में निर्माण!
(4) ठोस अवस्था में कार्बनिक निर्माण!
(5) सूक्ष्म तरंगों की मदद से निर्माण!
(6) आयनिक द्रवों का विधायकों के रूप में प्रयोग!
(7) कार्बनिक निर्माण में जैव उत्प्रेरण!
(8) प्रावस्था स्थानांतरण उत्प्रेरण!
ग्रीन केमिस्ट्री के सिद्वांत (principles of green chemistry) –
ग्रीन केमिस्ट्री के 12 सिद्धांत है, इसमें से कुछ प्रमुख सिद्धांत इस प्रकार है –
(1) क्षय बनने के बाद उसे साफ करने से अच्छा है कि उसे बनने से पहले ही रोक दिया जाए!
(2) अंतिम उत्पादन की प्रक्रिया में सारी चीजों की मंडली को बढ़ाने के लिए कृत्रिम तरीकों का निर्माण करना चाहिए!
(3) रासायनिक उत्पादनो को इस तरह से बनाना चाहिए जो ज्यादा समय तक चले हो और जिससे विषाक्तता भी कम हो!
(4) जहां तक व्यावहारिक हो तब तक कृत्रिम तरीकों का निर्माण कर ऐसी चीजों को बनाना चाहिए जिससे मानवता और प्रकृति को कोई हानि ना हो!
(5) सहायक चीजों का उपयोग कम कर देना चाहिए!
(6) ऊर्जा की उपलब्धियों का ध्यान रखना चाहिए जिससे उससे द्वारा हो रहे प्राकृतिक और आर्थिक प्रभाव का ख्याल रखा जा सके!
(7) अक्षय(कभी खत्म न होने वाले) कच्चे माल के इस्तेमाल पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए!
(8) साधित और व्युत्पन्न वस्तुओं का इस्तेमाल कर कर देना चाहिए!
ग्रीन केमेस्ट्री से हमेशा इस बात का ख्याल रखा जाता है कि किसी भी रसायन के निर्माण में कम से कम खर्च हो, सरलता से बनाने की विधि का उपयोग हो, रसायन को कम से कम हानिकारक बनाना या बिल्कुल भी हानिकारक न होना, उस रसायन को किस चीज से संभाल कर रखा जा सकता है!
उसका पता लगाना और निर्माण करना फिर उस रसायन को इस तरह से शुद्ध करना कि उससे किसी भी तरह का खतरा न हो और सबसे जरूरी हैं कि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो धरती हरियाली, खुशहाली से संपन्न रहें!