निर्वाचन आयोग की संरचना, कार्य, लक्ष्य लिखिए

निर्वाचन आयोग (nirvachan aayog) –

निर्वाचन आयोग (nirvachan aayog) एक स्थाई एवं स्वतंत्र निकाय है! इसका गठन भारत के संविधान द्वारा देश में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराने के उद्देश्य से किया गया है! संविधान के अनुच्छेद 324 के अनुसार संसद, राज्य विधानमंडल, राष्ट्रपति एवं उपराष्ट्रपति के पदों के निर्वाचन के लिए संचालन, निर्देशन एवं नियंत्रण की जिम्मेदारी चुनाव आयोग की है! 

अतः चुनाव आयोग एक अखिल भारतीय संस्था है, क्योंकि यह केंद्र और राज्य सरकार दोनों के लिए समान है! राज्यों में होने वाले पंचायत एवं निगम चुनावों से चुनाव आयोग का कोई संबंध नहीं है! इसके लिए भारत के संविधान में अलग से राज्य निर्वाचन आयोग की व्यवस्था की गई है! 

निर्वाचन या चुनाव आयोग की संरचना एवं कार्यकाल (nirvachan aayog ki sanrachna) –

निर्वाचन आयोग (Chunaav aayog), मुख्य निर्वाचन आयुक्त व अन्य आयुक्त से मिलकर बना होता है! मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य आयुक्त की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है!

राष्ट्रपति चुनाव आयोग की सलाह पर प्रादेशिक आयुक्त की नियुक्ति करता है, जिसे वह निर्वाचन आयोग की सहायता के लिए आवश्यक समझे! निर्वाचन आयुक्त एवं प्रादेशिक आयुक्त की सेवा शर्ते, पदावधि राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित की जाती है! 

उनका कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक, जो पहले हो तक होता है! वे किसी भी समय त्यागपत्र दे सकते हैं या उन्हें कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व भी पद से हटाया जा सकता है! 

चुनाव या निर्वाचन आयोग के कार्य एवं शक्तियां (nirvachan aayog ke karya avn shaktiyan) – 

(1) संसद के परिसीमन आयोग अधिनियम के आधार पर समस्त भारत के निर्वाचन क्षेत्रों के भू-भागों का निर्धारण करना! 

(2) समय-समय पर निर्वाचक नामावली तैयार करना और सभी योग्य मतदाताओं को पंजीकृत करना! 

(3) निर्वाचन की तिथि और समय-सारणी का निर्धारण करना एवं नामांकन पत्रों का परीक्षण करना! 

(4) राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करना एवं उन्हें निर्वाचक चिन्ह आवंटित करना! 

(5) राजनीतिक दलों को मान्यता प्रदान करने और चुनाव चिन्ह देने के मामले में हुए विवाद के समाधान के लिए न्यायालय की तरह काम करना! 

(6) निर्वाचन के समय राजनीतिक दलों की नीतियों के प्रचार के लिए रेडियो और टी.वी. कार्यक्रम की सूची निर्मित करना! 

(7) रिगिंग, मतदान केंद्र लूटना, हिंसा एवं अन्य अनियमितताओं के आधार पर निर्वाचन रद्द करना! 

(8) राष्ट्रपति को सलाह देना कि राष्ट्रपति शासन वाले राज्य में 1 वर्ष समाप्त होने के पश्चात निर्वाचन कराए जाएं या नहीं! 

(9) निर्वाचन के मद्देनजर राजनीतिक दलों को पंजीकृत करना तथा निर्वाचन में प्रदर्शन के आधार पर उन्हें राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दल का दर्जा देना! 

(10) निर्वाचन के समय दलों एवं उम्मीदवारों के लिए आचार संहिता निर्मित करना! 

(11) राष्ट्रपति को यह सलाह देना कि राष्ट्रपति शासन वाले राज्य में 1 वर्ष समाप्त होने के पश्चात निर्वाचन कराए जाएं या नहीं

(12) निर्वाचन के समय राजनीतिक दलों की नीतियों के प्रचार के लिए रेडियो और टेलीविजन कार्यक्रम की सूची तैयार करना! 

निर्वाचन आयोग की सहायता उप निर्वाचन आयुक्त करते हैं! राज्य स्तर पर, राज्य निर्वाचन आयोग की सहायता मुख्य निर्वाचन अधिकारी करते हैं, जिनकी नियुक्ति मुख्य निर्वाचन आयुक्त राज्य सरकार की सलाह पर करता है! इसके नीचे जिला स्तर पर कलेक्टर, जिला निर्वाचन अधिकारी होता है! वह जिले के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के लिए निर्वाचन अधिकारी व प्रत्येक मतदान केंद्र के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त करता है! 

निर्वाचन आयोग का लक्ष्य (Objectives of the Election Commission in hindi) –

भारत का चुनाव आयोग स्वतंत्रता, स्वायत्तता तथा अखंडता को बनाए रखता है! यह की उपलब्धता, समाहिता तथा नैतिक भागीदारी को सुनिश्चित करता है! यह स्वतंत्र, दोषमुक्त तथा पारदर्शी चुनाव को संपन्न कराने के लिए उच्चतम पेशेवर मानदंडों का पालन करता है ताकि सरकार एवं चुनावी लोकतंत्र में विश्वास मजबूत हो! 

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