ब्रह्मोस मिसाइल क्या है? ब्रह्मोस मिसाइल की कार्यप्रणाली एवं प्रमुख विशेषताएं

brahmos missile

ब्रह्मोस मिसाइल क्या है (Brahmos Missile in hindi upsc) –

ब्रह्मोस मिसाइल (brahmos missile) का निर्माण भारत के डीआरडीओ और रूस के एनपीओ मैशिनोस्ट्रोनिया ने मिलकर किया है! यहां एक सुपरसोनिक क्रूज एवं गाइडेड मिसाइल है! इस मिसाइल का नाम भारत की ब्रह्मपुत्र एवं रुस की मास्कोवा नदियों के नाम पर रखा गया है। 

ब्रह्मोस के निर्माण की शुरुआत 1998 में हुई थी और 2001 में इसका सफल परीक्षण किया गया ! यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल है। इसकी अधिकतम रफ्तार 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा से भी ज्‍यादा है। यह मिसाइल बेहद पोर्टेबल है यानी इन्‍हें लॉन्‍च करना आसान है।
 
इसे भूमि, समुद्र, आकाश एवं समुद्र के अंदर से लांच किया जा सकता है! प्रारंभ में इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी परंतु भारत के एमटीसीआर की सदस्यता लेने के बाद इसकी रेंज 450 किलोमीटर तक कर दी गई ! भविष्य में इसकी रेंज 600 किलोमीटर तक करने का प्रयास चल रहा है ! इसकी लंबाई 8.4 मीटर है।
 

इसमें भारत की सीकर तकनीक का उपयोग किया गया है.इस का वजन लगभग 2.5 टन तक है! यह छोड़ो और भूल जाओ के सिद्धांत पर आधारित है! इसकी रफ्तार ध्वनि की रफ्तार से तिगुनी है! 2.73 मिलियन $ इसकी लागत है. ! 

ब्रह्मोस मिसाइल की कार्यप्रणाली upsc (methodology of  brahmos Missile in hindi upsc)

ब्रह्मोस मिसाइल क्रूज़ तकनीक पर आधारित है। इसके लांच होने और कुछ दूरी तय करने के बाद इसके आगे हिस्सा अलग हो जाता है, इसे बूस्ट फेस कहते हैं! इसमें मिसाइल रफ्तार को बढ़ाया जाता है! 
जब मिसाइल पर्याप्त दूरी तय कर लेती है तो इसके पीछे का भाग जो इसे पावर देता है,अलग हो जाता है.इसके बाद मिसाइल का क्रूज़ फेस प्रारंभ होता है जिसमें एक गाइडेड आन बोर्ड कंप्यूटर की मदद से टारगेट की स्थिति के अनुसार मिसाइल को मैन्युवर किया जाता है यह मिसाइल एस प्रोफाइल में मैन्युवर होती है! 
इसकी मैन्युवरिंग क्षमता के कारण टारगेट का इससे बचना मुश्किल हो जाता है और यह मिसाइल पूरी सटीकता से अपने टारगेट को हिट करती है! 

ब्रह्मोस मिसाइल की विशेषताएं या खासियत (quality of brahmos Missile in hindi) – 

  • ब्रह्मोस मिसाइल की अधिकतम गति Mach 2.8 (लगभग 3,000 किमी/घंटा) तक हो सकती है, जिससे यह दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइलों में से एक है।  (Brahmos is the Fastest missile in India ) 
  • इसे हवा, जमीन, समुद्र और पानी के नीचे आदि जगह से लॉन्च किया जा सकता है
  • उड़ान प्रक्षेप वक्र की विस्तृत श्रृंखला होती है।  
  • “दागों और भूलो” ऑपरेशन सिद्धांत पर आधारित है।  
  • अधिक गति के परिणामस्वरूप न्यूनतम लक्ष्य फैलाव और जल्दी जुड़ाव।
  • इसकी गतिज ऊर्जा होने के कारण यह बहुत ज्यादा विनाश करती है ! 
  • यह उच्चतम सटीकता के साथ अपने लक्ष्य को भेद सकती है!
  • इसे वॉर्टिकल और क्स्टरल लॉन्च के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो इसके तैनाती को लचीला बनाता है।
  • यह मिसाइल 200 से 300 किलोमीटर के पारंपरिक और परमाणु वारहेड्स ले जाने में सक्षम है।

भारत के लिए Brahmos Missile का महत्व (Importance of Brahmos Missile for India in hindi) –

  • देश की सुरक्षा को मजबूती मिलेगी 
  • निर्यात के जरिए धन की प्राप्ति होगी 
  • दूसरे देशों के आयात पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा 
  • मेड इन इंडिया को बल मिलेगा
  • ब्रह्मोस के निर्माण के दौरान भारत ने स्वयं की सीकर तकनीक विकसित कर ली, जो अन्य मिसाइल उत्पादन में सहायक होगी
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