ठोस किसे कहते हैं? (solid) ठोस की परिभाषा, प्रकार और विशेषताएं

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ठोस किसे कहते हैं (solid kise kahate hain) –

पदार्थ की वह भौतिक अवस्था जिसका आकार एवं आयतन दोनों निश्चित हो, ठोस (solid) कहलाता है! ठोसों में अन्तराणुक बल काफी प्रबल होते हैं जिससे कण आपस में प्रबलता से बंधे होते हैं! इसलिए इनकी आकृति निश्चित होती है! ठोसों के कण आपस में अत्याधिक निकट होते हैं, जिससे उनमें उच्च घनत्व और असंपीड्यता होती है! ठोस के उदाहरण – लोहे की छड़, लकड़ी की कुर्सी, बर्फ का टुकड़ा आदि! 

ठोस solid thosh

ठोसों के गुण या विशेषता (properties of solids in hindi) – 

(1) ठोस पदार्थों में आयतन एवं आकार निश्चित होते हैं! 

(2) ठोसों में अभिलाक्षणिक गुण असम्पीडयता, अत्यंत कम विसरण, दृढ़ता तथा यांत्रिकीय सामर्थ्य होते हैं! 

(3) ठोसों में अवयवी कण परमाणु, अणु या आयन आपस में घनिष्ठ एवं संकुचित होते हैं! 

(4) अवयवी कण आपस में एक-दूसरे से प्रबल आकर्षण बलों द्वारा बॅंधे होते हैं, जिससे यह इधर-उधर अव्यवस्थित गति नहीं कर सकते हैं! 

(5) ठोसों में अंतराआण्विक बल प्रबल होता हैं!

ठोसों के प्रकार (types of solids in hindi) – 

अवयवी कणों की व्यवस्था के आधार पर ठोस पदार्थों को दो भागों में बांटा जाता है – (1) क्रिस्टलीय ठोस (2) अक्रिस्टलीय ठोस!

(1) क्रिस्टलीय ठोस किसे कहते हैं (what is Crystalline solid in hindi) – 

वे ठोस जिनमें अवयवी कणों (जैसे परमाणु, अणु या आयन) का नियमित क्रम होता है क्रिस्टलीय ठोस (Crystalline solid) कहलाते हैं! 

क्रिस्टलीय ठोस के गुण (properties of crystalline solids in hindi) –

(1)  इनकी निश्चित ज्यामिति होती है! 
(2) इनका का गलनांक निश्चित होता है! 
(3) इन कणों के मध्य प्रबल आकर्षण बल होता है! 

(4) ये विषम दैशिक होते हैं अर्थात इनके भौतिक गुणका सभी दिशाओं में बिना बिना होते हैं! 

(5) ये बल वाण्डर वाल्स बल, स्थिर विद्युत आकर्षण बल (आयनिक बंध) सहसंयोजक बंध या अधात्विक बंध होते हैं! 

क्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण (examples of crystalline solids in hindi) – 

ग्रेफाइट, क्वार्ट्ज, हीरा, सामान्य लवण, कैल्साइट, नमक, सुक्रोज, नेफ़्थेलीन, बेंजोइक, कॉपर, सल्फर आदि क्रिस्टलीय ठोस उदाहरण है! 

क्रिस्टलीय ठोस के प्रकार (types of crystalline solids) –

क्रिस्टलीय ठोस में उसके अवयवी कणों के मध्य उपस्थित बंधों के अनुसार उन्हें 4 वर्गों में बांटा गया है – (A) आयनिक ठोस, (B) सहसंयोजक ठोस, (C) धात्विक ठोस, (D) आण्विक ठोस आदि! 

(A) आयनिक ठोस किसे कहते हैं (what is an ionic solid in hindi) –

आयनिक ठोसों के अवयवी कण आयन होते हैं! ऐसे ठोसों का निर्माण धनायनों और ऋणायनो के त्रिविमीय विन्यासों में प्रबल कूलॉमी बलों से बॅंधने पर होता है! यह ठोस कठोर और भंगुर प्रकृति के होते हैं! इनके गलनांक और क्वथनांक उच्च होते हैं! चूंकि इसमें आयन गमन के लिए स्वतंत्र नहीं होते, अत: ये ठोस अवस्था में विद्युतरोधी होते हैं! तथापि गलित अवस्था में अथवा जल में घुलने पर, आयन गमन के लिए मुक्त हो जाते हैं और वे विद्युत का संचालन करते हैं! 

(B) सहसंयोजक ठोस किसे कहते हैं (what are covalent solids called in hindi) – 

अधात्विक क्रिस्टलीय ठोसों की विस्तृत अनेकरुपता संपूर्ण क्रिस्टल में निकटवर्ती परमाणुओं के मध्य सहसंयोजक बंधों के बनने के कारण होती है! इन्हें विशाल अणु भी कहा जाता है! सहसंयोजक बंध प्रबल और दिशात्मक प्रकृति के होते हैं: इसलिए परमाणु अपनी स्थितियों पर अति प्रबलता संलग्न रहते हैं! ऐसे ठोस अति कठोर और भंगुर होते हैं! 

(C) धात्विक ठोस किसे कहते हैं (what is a metallic solid) –

धातुएं, मुक्त इलेक्ट्रॉन के समुद्र से घिरे तथा उनके द्वारा संलग्नित धनायनों का व्यवस्थित संग्रह है! ये इलेक्ट्रॉन गतिशील होते हैं और क्रिस्टल में सर्वत्र समरूप से विस्तारित होते हैं! प्रत्येक धात्विक परमाणु गतिशील इलेक्ट्रान के समुद्र में एक अथवा अधिक इलेक्ट्रॉनों का योगदान देता है! 

(D) आण्विक ठोस किसे कहते हैं (what is a molecular solid) – 

आणविक ठोसों के अवैध खनन होते हैं! यह तीन प्रकार के होते हैं! ध्रुवीय आणविक ठोस, अध्रुवीय आणविक ठोस और ध्रुवीय आण्विक ठोस आदि! 

(2) अक्रिस्टलीय ठोस किसे कहते हैं (what are amorphous solids called in hindi) –

अक्रिस्टलीय ठोस में अवयवी कणों (परमाणु, अणु एवं आयनों) की कोई क्रमबद्ध संरचना नहीं होती! अक्रिस्टलीय ठोस दैशिक होते हैं तथा इनका गलनांक निश्चित नहीं होता! 

अक्रिस्टलीय ठोस के गुण (properties of amorphous solids in hindi) –

(1) इनकी कोई निश्चित ज्यामिति नहीं होती! 
(2) इनका निश्चित गलनांक भी नहीं होता है! 

(3) यह ठोस समदैशिक होते हैं अर्थात इनके भौतिक गुण का सभी दिशा में समान होते हैं! 

(4) इन पदार्थ में कुछ सीमा तक संपीड्यता तथा दृढ़ता भी पाई जाती है

अक्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण (examples of amorphous solids in hindi) – 

सिलिका, कांच, प्लास्टिक, रबर, रेजिन, स्टार्च, टेफ्लॉन, सेलोफेन, पी.वी.सी. फाइबर ग्लास आदि अक्रिस्टलीय ठोस के उदाहरण है! 

क्रिस्टलीय और अक्रिस्टलीय ठोस में अंतर (difference between crystalline and amorphous solid in hindi) –

क्रिस्टलीय ठोस

अक्रिस्टलीय ठोस

क्रिस्टलीय पदार्थों की संरचना एक निश्चित ज्यामिति वाली होती है! 

अक्रिस्टलीय पदार्थों की संरचना एक निश्चित ज्यामिति वाली नहीं होती है! 

क्रिस्टलीय पदार्थों को ही सही अर्थों में वास्तविक ठोस पदार्थ माना जाता है! 

यह अतिशीतित द्रव अथवा स्यूडो ठोस (छदम ठोस) माने जाते हैं! 

कणों की एक निश्चित क्रम में व्यवस्था होती है! 

कणों की व्यवस्था का कोई निश्चित क्रम नहीं होता है! 

इनका गलनांक निश्चित एवं तीक्ष्ण होता है! 

इनका कोई निश्चित गलनांक नहीं होता है! 

इन्हें काटने पर समतल सतह वाली फलक मिलती है! 

इन्हें काटने पर अनियमित सतह वाली फलक मिलती है! 

इनका शीतलन वक्र असतत होता है! 

इनका शीतलन वक्र सतत होता है! 

इनकी गलन की उष्मा निश्चित एवं अभिलाक्षणिक होती है! 

इनकी गलन की उष्मा निश्चित नहीं होती है! ! 

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