गैर सरकारी संगठन क्या है? अर्थ, परिभाषा, उददेश्य,, महत्व, प्रकार, कार्य, भूमिका

गैर सरकारी संगठन क्या है (Ngo in hindi) –

सामूहिक उद्देश्य से बिना किसी लाभ की भावना से गठित कोई संस्था जो लोकतांत्रिक आधार पर पारदर्शिता के साथ बिना किसी भेदभाव के जनहित में कार्य करें तो उसे गैर सरकारी संगठन या एनजीओ (Ngo) कहते हैं!  

भारत जैसे अनेक देशों में समाज सुधारकों एवं उनके मिशनों से प्रेरित होकर गैर सरकारी संगठनों की अवधारणा अस्तित्व में आई हैं! शक्ति के आधार पर संचालित राज्य तथा लाभ की भावना से प्रेरित निजी क्षेत्र दोनों के द्वारा मानव अधिकारों की रक्षा करने में अक्षमता को देखते हुए सबसे कमजोर वर्ग के सहायतार्थ एनजीओ की स्थापना की गई!

एनजीओ का फुल फॉर्म (ngo full form in hindi) –

NGO का फुल फॉर्म “Non Governmental Organization” होता है, जिसे हिंदी में “गैर सरकारी संगठन” कहा जाता है! 

गैर सरकारी संगठन का अर्थ (gair sarkari sangathan ka arth) –

गैर-सरकारी संगठनों से तात्पर्य उन संगठनों से हैं जो समाज सेवा के भाव से प्रेरित होकर समाजसेवी और तथा बुद्धिजीवियों के द्वारा निर्मित किए जाते हैं तथा जिनका उद्देश्य समाज के पिछड़े वर्गों के कल्याण तथा विकास के लिए कार्यक्रमों का निर्माण करके तथा स्थानीय जनता की पूर्ण सहभागिता प्राप्त करके कार्यक्रमों को क्रियान्वयन करना है! भारत में स्वैच्छिक संस्थाओं की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है! ये संगठन सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह कर रहे हैं! 

गैर सरकारी संगठन की परिभाषा (gair sarkari sangathan ki paribhasha) –

स्मिथ एवं फ्रेडमैन – स्वैच्छिक संगठन औपचारिक रूप से संगठित तथा तुलनात्मक दृष्टि से स्थायी द्वितीयक समूह है जो उन् औपचारिक, अस्थाई एवं प्राथमिक समूहों से भिन्न (जैसे – मंत्रिमंडल) है जिन्हें हम प्रायः देखते हैं! 

संयुक्त राष्ट्र संघ – स्वैच्छिक संगठन वह है जो अपने स्वायत्तशासी मंडल के द्वारा संचालित होता है, वित्तीय संसाधन जुटाने हेतु मूलतः निजी स्रोतों पर निर्भर होता है जन कल्याण हेतु वैतनिक या अवैतनिक क्रमिक रखते हुए सामाजिक कार्यक्रम क्रियान्वयन, जनमत निर्माण, अनुसंधान क्रियायें, विधान निर्माण सहायता तथा सामाजिक विकास में स्वैच्छिक सहयोग प्रदान करता है!  

इस प्रकार स्पष्ट है कि स्वैच्छिक संगठन कुछ व्यक्तियों द्वारा निर्मित किए जाते हैं! प्रायः मानव सेवा तथा समाजिक विकास उनका ध्येय होता है! ऐसा संगठन अपने कार्यकरण तथा प्रशासन में सरकारी या अन्य बाहरी दबाव से मुक्त होते हैं! ये सामाजिक कल्याण संगठन अभिकरण लोकतंत्र के आधार स्तंभों में से एक हैं! लोक कल्याण के निमित्त व्यापक दायित्वों की पूर्ति मात्र राज्य के प्रयासों से ही संभव नहीं है बल्कि स्वैच्छिक संगठन उत्पादन में सार्थक भूमिका निर्वाह कर सकते हैं! 

गैर सरकारी संगठन के उद्देश्य (ngo ke uddeshya) –

gair sarkari sangathan ke uddeshya इस प्रकार हैं –

(1) समस्या से पीड़ित लोगों में चेतना जगाना और सहायता प्रदान करना ताकि वे आत्मनिर्भर बनें तथा एक दूसरे के सहयोग के प्रति अभिप्रेरित हो सके! 

(2) सरकारी कल्याणकारी कार्यक्रम के अंतर्गत मिलने वाली सुविधाओं के प्रति जरूरतमंद व्यक्तियों को सूचना एवं सहायता मुहैया करवाना! 

(3) परिस्थितियों के अनुरूप अपने आप को डालते हुए कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना! 

(4) गैर सरकारी संगठन का उद्देश्य विभिन्न वर्गों की सामाजिक समस्या एवं जरूरतमंद लोगों की आवश्यकता का सर्वेक्षण करना तथा स्थानीय सहयोग को चिन्हित करना! 

(5) इनका प्रमुख उद्देश्य सेवा करना होता है न कि लाभ कमाना! 

(6) इनका उद्देश्य सामाजिक समस्याओं का समाधान करना तथा विभिन्न क्षेत्रों में विकास की गतिविधियों को प्रोत्साहन देना होता है!

गैर सरकारी संगठन की विशेषताएं या महत्व (importance of ngo in hindi) – 

Ngo ki visheshta इस प्रकार हैं –

(1) इनका कार्य संचालन बाहरी नियंत्रण से मुक्त होता है! संगठन के सदस्य ही संगठन की व्यवस्था बनाते हैं और वह निर्णय लेने में स्वतंत्र होते हैं! 

(2) अधिकांश संगठन किसी क्षेत्र या विषय विशेष अथवा समस्या विशेष पर ध्यान केंद्रित करते हैं और इनका उद्देश्य तथा लक्ष्य निश्चित होता है! 

(3) इन संगठनों द्वारा संचालित कार्यक्रमों को सामाजिक मान्यता तथा सामुदायिक सहयोग प्राप्त होता है! इनकी वित्तीय सहायता सरकार तथा जनता द्वारा की जाती है! 

(4) इन संगठनों का कार्यक्षेत्र भौगोलिक तथा सामाजिक दृष्टि से एक सीमित दायरे में होता है! बहुत कम संगठनों का कार्य क्षेत्र विस्तृत होता है! 

(5) इन संगठनों का निर्माण प्रायः जनकल्याण के लिए किया जाता है! 

(6) इन संगठनों का निर्माण स्वेच्छा पर निर्भर करता है! इनके निर्माण के पीछे सरकारी प्रयास के बजाय किन्हींं व्यक्तियों की अपनी प्रेरणा उत्तरदाई होती है! 

गैर सरकारी संगठन के प्रकार (ngo ke prakar) – 

(1) विकास से संबंधित संगठन जिनका कार्यक्षेत्र सरकारी एवं अन्य विकास परियोजनाओं से संबंधित होता है! 

(2) जन जागरूकता से संबंधित स्वैच्छिक संगठन जिसमें सामाजिक परिवर्तन संबंधित कार्य आते हैं जैसे – शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, पर्यावरण, सामाजिक कुरीतियां आदि! 

(3) समाज कल्याण से संबंधित संगठन जो दलितों, पिछड़े वर्गो, वृद्धो, महिलाओं, बच्चों, निराश्रितों तथा निशक्त जनों के कल्याण के लिए कार्य करते हैं! 

(4) नियामक के कार्य से संबंधित स्वैच्छिक संगठन जिसमें पुलिस, उपभोक्ता, कारागार, संरक्षण या कर प्रशासन के साथ मिलकर जनकल्याण के कार्य करते हैं! 

(5) पुनर्वास कार्य में लगे स्वैच्छिक संगठन जैसे – बाढ़, भूकंप, तूफान, आतंकवाद, दंगे आदि के समय  पुनर्वास से संबंधित कार्य करते हैं! 

(6) रोजगार, उन्नति एवं व्यवसाय शिक्षा देने वाले स्वैच्छिक संगठन में शिक्षण संस्थान, प्रौढ़ शिक्षा सहयोग, महिला मंडल इत्यादि आते हैं! 

(7) विविध की श्रेणी में वैसे संगठन आते हैं जिनका मुख्य कार्य कला – संस्कृति संरक्षण, पशु अत्याचार निवारण एवंव वन्य विकास एवं वन्य जीव संरक्षण आदि! 

गैर सरकारी संगठन के कार्य (ngo work in hindi) – 

गैर सरकारी संगठन एक निजी संगठन होता है जो मानवाधिकारों, लैंगिक मुद्दों, स्वास्थ्य, श्रम अधिकारों, पर्यावरण की रक्षा, शिक्षा, कानूनी सहायता तथा अनुसंधान से संबंधित विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से नागरिकों की सहायता करते हैं तथा लोगों के दुख-दर्द को दूर करने का कार्य, निर्धनों के हितों का समर्थन करने का कार्य करते हुए बुनियादी एवं सामाजिक सेवाएं प्रदान करके सामुदायिक विकास के लिए गतिविधियों को आगे बढ़ाते रहते हैं! 

गैर सरकारी संगठन जनता को शिक्षित करने, जनता को स्वास्थ्य संबंधी सुविधा के विस्तार में योगदान करने के साथ-साथ सार्वजनिक नीतियों पर दबाव बनाने का कार्य करते हुए लोकतंत्र में महत्वपूर्ण दबाव समूह के रूप में कार्य करते हैं! यह गुणवत्ता सेवाओं की मांग के लिए गरीबों को एकजुट करते हुए उन्हें संगठित करने का कार्य भी करते हैं!   

गैर सरकारी संगठन की कार्यप्रणाली (gair sarkari sangathan ki karyapranali) – 

भारत में सोसाइटी एक्ट के तहत पंजीकृत कोई भी संस्था गैर सरकारी संगठन का दर्जा प्राप्त करती है! देश में ग्रामीण विकास में कार्यरत एनजीओ को एक साथ लाने के लिए भारत सरकार ने 1986 में ‘कार्यक्रम एवं ग्रामीण प्रौद्योगिकी विकास परिषद’ (CAPART) नामक संस्था की स्थापना की! कोई भी एनजीओ (CAPART) में अपना पंजीयन करके सरकारी विभागों से सहायता प्राप्त कर सकता है! एनजीओ को सरकारी सहायता देने वाली सबसे बड़ी संस्था ‘केंद्रीय समाज कल्याण बोर्ड’ है! 

गैर सरकारी संगठन की भूमिका (gair sarkari sangathan ki bhumika) – 

(1) समाज के सबसे निचले तबके के लोगों में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि से संबंधित सेवाएं प्रदान करना! 

(2) गरीबों को सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए संगठित एवं गतिशील करना! 

(3) स्थानीय विकास हेतु स्थानीय संस्थाओं की पहचान एवं उनके उपयोग में सहायता करना! 

(4) जन कल्याण एवं विकास हेतु सरकार द्वारा प्रारंभ की गई योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देना! 

(5) समाज में जागरूक प्रहरी के रूप में कार्य करना! 

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