लेजर क्या है? (LASER) लेजर की संरचना, प्रकार, उपयोग

लेजर क्या है (What is LASER in hindi) – 

लेजर (LASER) एक ऐसी युक्ति है जो उद्दीप्त उत्सर्जन की प्रक्रिया का प्रयोग कर प्रकाश का प्रवर्तन करती है! लेजर  (LASER) का निर्माण ‘लाइट एमप्लीफिकेशन बाई स्टिम्युलेटेड एमिशन ऑफ़ रेडिएशन‘ से संक्षिप्तीकरण से हुआ है, इसका अर्थ होता है कि विकिरण के उद्दीप्त उत्सर्जन के द्वारा प्रकाश का प्रवर्तन! लेजर एक ऐसी युक्ति है जिसमें विकरण ऊर्जा के उत्सर्जन के द्वारा एकवर्णी प्रकाश प्राप्त किया जाता है! 

लेजर का अविष्कार संयुक्त राज्य अमेरिका के हाजूस अनुसंधान प्रयोगशाला में थिएटर मैमेन द्वारा 1960 में की गई थी! यद्यपि इसके आधारभूत सिद्धांत का उल्लेख परमाणु बम एवं दूरबीन के आविष्कारक महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1917 में ही कर दिया था!   

लेजर की संरचना (Structure of laser in hindi) – 

जिस पदार्थ का प्रयोग लेजर उत्पन्न करने के लिए किया जाता है, उसे प्राप्ति माध्यम कहते हैं! यह ठोस, द्रव, गैस या प्लाज्मा अवस्था में हो सकता है! लेजर प्रकाश उत्पन्न करने के लिए पदार्थ को उत्तेजित अवस्था में एक चेंबर में रखा जाता है जिसका एक भाग 100% परावर्तक तथा दूसरा कुछ कम परावर्तक होता है! 

जैसे एक फोटॉन किसी उत्तेजित परमाणु से टकराता है तो उसी आवृत्ति का फोटॉन उत्सर्जित होता है; यह दोनों फोटॉन कलासंबद्भ होते हैं! परावर्तक तलों से टकराकर ये फोटॉन पुनः उसी चेंबर में अन्य उत्तेजित परमाणुओं से टकराते हैं जिससे उसी आवृत्ति के अनेक फोटॉन उत्पन्न होते हैं! इस प्रकार एक ही आवृत्ति के अनेक कलासंबद्भ फोटॉन दूसरे कुछ कम परावर्तक तल से बाहर निकलकर लेजर बीम का निर्माण करते हैं!  

लेजर के प्रकार (Type of laser in hindi) – 

लेजर निम्न 7 प्रकार के होते हैं

(1) ठोस अवस्था लेजर (solid state laser)

(2) डाई लेजर (Dye laser)

(3) गैस लेजर (Gas laser)

(4) एक्साइमर लेजर (Excimer Laser)

5) अर्धचालक लेजर! 

(6) मुक्त इलेक्ट्रॉन लेजर! 

(7) रासायनिक लेजर! 

(1) ठोस अवस्था लेजर (Solid State Laser) –

ठोस अवस्था लेजर की प्राप्ति का माध्यम ठोस पदार्थ होता है! ठोस अवस्था लेजर का प्रयोग विभिन्न पदार्थों को काटने, ड्रिलिंग और वेल्डिंग जैसे कार्यों में किया जाता है! प्राप्ति माध्यम के रूप में रूबी, नियोडिमियम doped YAG आदि का प्रयोग किया जाता है! 

(2) डाई लेजर –  

डाई लेजर में कार्बनिक डाई का प्रयोग प्राप्ति माध्यम के रूप में किया जाता है! डाई के प्रयोग द्वारा एक विस्तृत रेंज में साथ ही साथ बहुत कम समय के लिए लेजर तरंगे उत्पन्न की जा सकती है! इसलिए इसका प्रयोग ट्यूनेबल लेजर और प्लस्ड लेजर के रूप में किया जाता है! 

लेजर के उपयोग या अनुप्रयोग (Laser applications or uses in hindi)-

(1) रसायन विज्ञान –  

रसायन विज्ञान के क्षेत्र में लेजर का उपयोग उपचार, उपकरण तथा रासायनिक अभिक्रिया में अभिप्रेरणा और उत्प्रेरण के माध्यम के रूप में किया जाता है! किसी तत्व विशेष के विभिन्न आइसोटोप के प्रकरण में भी लेजर सहायता करता है! हिलियम-नियॉन लेजर, कार्बन डाइऑक्साइड लेजर, आदि लेजरों का उपयोग सामान्यता रासायनिक क्षेत्र में किया जाता है!  

(2) दूरी मापने में –

लेजर की सहायता से लंबाई तथा समय के मात्रकों का अत्यंत शुद्ध एवं स्थाई निर्धारण किया जाता है! इसके द्वारा लंबी दूरियां अत्यंत शुद्धता के साथ नापी जा सकती हैं! इसके अतिरिक्त लेजर की सहायता से अणु एवं परमाणु की आंतरिक संरचनाओं का भी अध्ययन किया जा सकता है!  

(3) सूचना संप्रेषण – 

लेसर में सूचना संप्रेषण की असीमित क्षमता होती है! इस क्षेत्र में यह प्रकाश रेडियो तरंगों एवं सूक्ष्म तरंगों की अपेक्षा बहुत ही उपयोगी साधन सिद्ध हो रहा है! संचार प्रणाली में क्वांटम लूप लेकर ऑप्टिकल फाइबर के माध्यम से साबित होते हुए लंबी दूरी के टेलीफोन कॉलो को दोगुना करने की क्षमता रखते हैं! 

(4) नाभिकीय ऊर्जा –  

आजकल नाभिकीय ऊर्जा निष्पादन के क्षेत्र में भी लेजर का उपयोग हो रहा है! लेजर आइसोट्रॉपिक प्रथक्करण, प्राकृतिक यूरेनियम के परिशोधन का बहुत ही सस्ता साधन है! इसके अतिरिक्त यूरेनियम, थोरियम आदि के भंडारों की खोज में भी लेजर का उपयोग किया जा रहा है!

(5) मौसम संबंधी जानकारी –   

मौसम की जानकारी के लिए लिडार (LIDAR) नामक एक यंत्र प्रयोग किया जाता है जिसमें लेजर बीम का प्रयोग किया जाता है! इस अत्याधुनिक लेजर यंत्र से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर हवा एवं बादलों की गति के बारे में भविष्यवाणी की जाती है! “लेजर मेमोरी” नामक उपकरण से विमानचालक रास्तों का चयन उचित ढंग से कर पाते हैं! 

(6) समुद्री अध्ययन – 

लेजर युक्त कैमरों की मदद से समुद्र की आंतरिक व्यवस्था एवं गहराई का अध्ययन किया जाता है! साथ ही समुद्री भूकंप एवं सुनामी की भविष्यवाणी की जा सकती है! 

रूबी लेजर क्या है (ruby laser in hindi) – 

रूबी लेजर एक ठोस-अवस्था लेजर है जो सिंथेटिक रूबी क्रिस्टल को इसके लेजर माध्यम के रूप में उपयोग करता है। रूबी क्रिस्टल एलुमिनियम ऑक्साइड से बना होता है! इसमें कुछ एलुमिनियम परमाणुओं के स्थान पर क्रोमियम परमाणु होते हैं! 

प्रकाश का प्रवर्धन क्रोमियम परमाणुओं के कारण होता है! रुबी लेजर द्वारा अतिसूक्ष्म में समयांतराल के लिए बहुत ऊंची शक्ति उत्पन्न की जा सकती है! पहला सफल रूबी लेजर 1960 में माईमान द्वारा विकसित किया गया था। 

प्रश्न :- लेजर कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर :- लेजर निम्न प्रकार के होते हैं – (1) ठोस अवस्था लेजर (solid state laser) ! (2) डाई लेजर (Dye laser)! (3) गैस लेजर (Gas laser) ! (4) एक्साइमर (5) अर्धचालक लेजर! (6) मुक्त इलेक्ट्रॉन लेजर! (7) रासायनिक लेजर! 

प्रश्न :- लेजर का आविष्कार किसने किया

उत्तर :- लेजर का अविष्कार संयुक्त राज्य अमेरिका के हाजूस अनुसंधान प्रयोगशाला में थिएटर मैमेन द्वारा 1960 में की गई थी! यद्यपि इसके आधारभूत सिद्धांत का उल्लेख परमाणु बम एवं दूरबीन के आविष्कारक महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने 1917 में ही कर दिया था!   

प्रश्न :- लेजर का फुल फॉर्म क्या होता है

उत्तर :- लेजर का फुल फॉर्म लाइट एमप्लीफिकेशन बाई स्टिम्युलेटेड एमिशन ऑफ़ रेडिएशन होता है!

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