जीन चिकित्सा क्या है? (Gene therapy) जीन चिकित्सा के लाभ, सीमाएँ, तर्क, वितर्क

जीन चिकित्सा क्या है ( What is Gene therapy in hindi) –

हमारे शरीर में अनेक बीमारियां ऐसी है जो या तो किसी जीन की संरचना में आए परिवर्तन के परिणामस्वरूप होती है या फिर किसी आवश्यक जीन की अनुपस्थिति के कारण जैव प्रौद्योगिकी की सहायता से ऐसी बीमारी का उपचार संभव हो पाया है! 

जीन चिकित्सा (Gene therapy) के माध्यम से अनुपस्थित अथवा विकृत जीन की पहचान करके उसे काटकर उसकी जगह दोषमुक्त जीन को प्रतिस्थापित कर दिया जाता है, जिससे बीमारियों को ठीक किया जा सकता है! जीन चिकित्सा के अंतर्गत तीन प्रकार की विधियां प्रयोग में लाई जाती हैं –

(1) जीन प्रतिस्थापन (gene replacement)

(2) जीन सुधार (gene correction) 

(3) जीन ऑग्मेटेंशन (gene augmentation) 

जीन चिकित्सा के लाभ (Benefits of gene therapy in hindi) – 

(1) पार्किंसंस रोग का उपचार करने में! 
(2) माइलाॅयड कोशिकाओं को प्रभावित करने वाले रोगों के उपचार मे! 
(3) चुहिया में सिकलसेल रोग का सफलतापूर्वक उपचार किया गया! 
(4) थैलेसीमिया, सिस्टिक फाइब्रोसिस और कैंसर के कुछ प्रकारों के उपचार में लाभदायक! 
(5) सीवियर कंबाइंड इम्यूनो डिफिशिएंसी या ‘बबल ब्वाय’ रोग (एससीआईडी) के उपचार का विकास 2002 में किया गया है! 

जीन चिकित्सा की सीमाएँ (Limitations of gene therapy in hindi) –

इस चिकित्सा तकनीक के जरिए भविष्य में उन्नत मानसिक और बौद्धिक क्षमताओं से युक्त “सुपर मानव” तैयार किए जा सकते हैं, परंतु वर्तमान में प्रयुक्त जीन चिकित्सा तकनीक के महत्वपूर्ण कमियां भी है! जीन चिकित्सा के महत्वपूर्ण कमियाँ इस प्रकार है –

(1) शरीर के अंदर संकलित डी.एन.ए. के जरिए किसी प्रकार का सतत दीर्घावधिक लाभ मुश्किल है, क्योंकि अनेक कोशिकाओं की प्रकृति तीव्र विभाजन की होती है! किसी भी प्रकार के उपचार के लिए अक्सर जीन चिकित्सा के अनेक चक्रों की आवश्यकता पड़ती है! 

(2) अक्रियाशील विषाणु वाहकों के उपयोग को लेकर विभिन्न प्रकार की समस्याएं है, जैसे प्रतिरक्षी और उत्तेजनशील प्रक्रियाओं की संभावना, जीन नियंत्रण और विशिष्ट ऊतकों को लक्षित करने में कठिनाई तथा रोगजन्यता को बनाए रखने, उसे प्राप्त करने या उपचारित करने की विषाणुओं की क्षमता!  

(3) शरीर अक्सर ऐसे वाहकों की पहचान करता है जो बाहय पदार्थ के रूप में परिवर्तन योग्य जीन का वहन करते हैं और इस पर आघात करने के लिए एंटीबॉडी उत्पन्न करते हैं! 

(4) जीन बहुल विकृति की प्रकृति और उपचार संबंधी जानकारी के अभाव में जीन चिकित्सा के जरिए “एकल जीन विकृति” का उपचार ही उपयुक्त समझा जाता है, परंतु अनेक सामान्य बीमारियों जैसे – हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, जोड़ों का दर्द और मधुमेह आदि बकुल जनसंपर्क के कारण हो सकती है वस्तुतः जब तक इन बीमारियों के अनुवांशिकी अवयव से संबंध हमारी तकनीक और समझ विकसित नहीं हो जाती तब तक जीन चिकित्सा के जरिए उनका उपचार नहीं किया जा सकता! 

जीन चिकित्सा के पक्ष में तर्क (Arguments in favor of gene therapy in hindi) – 

(1) व्यक्ति में रोग के लक्षण दिखने से पूर्व ही इसकी रोकथाम की जा सकती है! 
(2) रोग उपचारों की नई विधियों का पता लगाने में उपयोगी है! 

जीन चिकित्सा के विपक्ष में तर्क (Arguments against gene therapy in hindi) – 

(1) यदि अविकसित भ्रूण यया बच्चों पर शोध किया जाना हो तो पूर्व सूचना युक्त सहमति का प्रश्न सामने दिखाई पड़ता है! 

(2) वैज्ञानिक अनिश्चितता, चिकित्सा जोखिम और दीर्घावधि में अज्ञात प्रभाव जैसे अवरोध भी दृष्टिगत होते हैं! 

प्रश्न :- जीन चिकित्सा किसे कहते हैं

उत्तर :- जीन चिकित्सा (Gene therapy) के माध्यम से अनुपस्थित अथवा विकृत जीन की पहचान करके उसे काटकर उसकी जगह दोषमुक्त जीन को प्रतिस्थापित कर दिया जाता है, जिससे बीमारियों को ठीक किया जा सकता है!

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