जीन मैपिंग (Gene mapping) क्या है? जीनोम मैपिंग के प्रकार, लाभ

जीन मैपिंग या जीनोम मैपिंग क्या है (Gene mapping in hindi) –

जीन मैपिंग  (Gene Mapping), कोशिका में पाये जाने वाले गुणसूत्रों में जीन को ढूंढने पुनरक्षित करने की तकनीक है! इस विधि की सहायता से लक्षणों के लिए उत्तरदायी जीनों को ढूंढा जाता हैं, जिससे उन्हें जेनेटिक इंजीनियरिंग के कार्यो में प्रयुक्त किया जाता हैं! 

मानव जीनोम परियोजना का प्राथमिक लक्ष्य प्रत्येक मानव गुणसूत्र का एक श्रृंखलाबद्ध विस्तृत मानचित्र बनाना है! इसके तहत गुणसूत्रों को इस प्रकार छोटे-छोटे खंडों में विभाजित किया जाएगा ताकि इन्हें प्रसारित करके विशेष रूप दिया जाए! 

पुनः गुणसूत्रों पर इनसे संबद्भ अवस्थितियों के अनुरूप बनाने के लिए इन्हें क्रमबद्ध किया जाएगा! मानचित्रण संपन्न होने के बाद अगले चरण में प्रत्येक क्रमबद्ध डी. एन. ए. अंश का आधारिक क्रम सुनिश्चित किया जाएगा!  
जीनोम शोध का प्रमुख लक्ष्य सभी जीनों को डीएनए अनुक्रम में व्यवस्थित करना तथा मानव जीव विज्ञान और औषधि के अध्ययन के लिए इस सूचना के जरिए उपकरणों का विकास करना है! 

एक जीनोम मानचित्रण में जीनों का अनुक्रम या अन्य चिंहांकन तथा प्रत्येक गुणसूत्र के मध्य स्थित रिक्त स्थान की जानकारी निहित होती है! एक जीनोम मानचित्र के जरिए अनुकूल चिन्हों के सापेक्ष की स्थिति स्पष्ट होती है! जिन्हें मानचित्र में दर्शाए गए चिन्ह समग्रत: मार्कर के रूप में कार्य करते हैं और यह जीन और अकूटित अनुक्रम दोनों को समाहित कर सकते हैं! 

जीनोम मैपिंग के प्रकार (types of gene mapping in hindi) –

जीन या जीनोम मैपिंग मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं – अनुवांशिकी मैपिंग और भौतिक मैपिंग! इनमें क्रमशः बेस पेयर और रीकॉम्बिनेशन फ़्रीक्वेंसी के संदर्भ में दूरियों को मापा जाता है।

जीनोम मैपिंग के लाभ या फायदे (Benefits of Genome Mapping in hindi) – 

(1) पादप और जंतुओ के जीनोम मानचित्रण की जानकारी से कृषिगत फसलों और संकर पशुओं का विकास किया जा सकता है! शोधकर्ता वैसे विशिष्ट संकर पौधे तैयार कर सकते हैं जो कचरा निपटान में सहयोगी हो सकेंगे! 

(2) सूक्ष्म जीवों के जीनोम मानचित्रण द्वारा शोधकर्ता जैव ईंधन से ऊर्जा उत्पन्न करने, विषैले अपशिष्ट कम करने, पर्यावरण हितैषी उत्पादों का विकास करने और औद्योगिक प्रक्रियाएं विकसित करने के लिए जीवाणु की क्षमता का दोहन कर सकते हैं! 

(3) जीनोम मानचित्रण (Gene mapping) का उपयोग अपराध, अन्वेषण, पितृत्व जांच और पहचान के लिए किया जाता है! साथ ही, अंग प्रत्यारोपण में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है! 

(4) जीन मानचित्रण के जरिए कैवियार, शराब के मूल तत्वों तथा पशुधन और पशु संकरो की वंशावली को प्रमाणीकृत किया जा सकता है! 

(5) रोगों के मूल कारण का पता लगाने की क्षमता से दवा शोधकर्ता रोगों संबंद्ध शीघ्र प्रतिक्रिया दर्शाने वाली पर्यावरण परिस्थितियों को समाप्त कर सकते हैं, विशिष्ट प्रकार से दवा निर्माण कर सकते हैं और जीन चिकित्सा के लिए तकनीकी विकास कर सकते हैं! 

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