बादल या मेघ किसे कहते हैं (Clouds in hindi) –
बादल (Clouds) मुख्यतः हवा के रुद्धोष्म प्रक्रिया द्वारा ठंडे होने पर उसके तापमान के ओसांक से नीचे गिरने से बनते हैं! यह अल्प घनत्व के कारण वायुमंडल में तैरते रहते हैं!
बादल कैसे बनते हैं (Badal kaise bante hain) –
मेघ जल अथवा हिम के अत्यंत सूक्ष्म कणों के पुंज होते हैं! आर्द्रतायुक्त वायु के आरोहण की प्रक्रिया द्वारा शीतल होकर, संघनन की प्रक्रिया से गुजरने पर वायु में उपस्थित जलवाष्प जल बूंदों और हिम कणों में रूपांतरित हो जाता है! इन संघनित जल अथवा हिम कणों को ही बादल (Clouds) कहा जाता है!
बादल या मेघों के प्रकार (Types of Clouds in hindi) –
मेघ अथवा बादल विभिन्न प्रकार के होते हैं! बादलों का वर्गीकरण उनकी ऊंचाई तथा आकार अथवा स्वरूप के आधार पर किया जाता है! ऊंचाई के अनुसार मेघों को उच्च, मध्य तथा निम्न तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है, जो निम्नलिखित है –

(1) उच्च मेघ (High Clouds) –
यह बादल मुख्यतः पृथ्वी की सतह से 6 से 12 किमी. की ऊंचाई के मध्य पाए जाते हैं! यह निम्न प्रकार के होते हैं –
(A) पक्षाभ मेघ (Pakshabh megh) –
वायुमंडल में सबसे अधिक ऊंचाई पर पाए जाने वाले इन मेघों की रचना हिमकणों से होती है! ये सफेद रेशम की भांति आकाश में अनियमित क्रम में फैले रहते हैं तथा इनसे वर्षा नहीं होती हैं! चक्रवात के आगमन के क्रम में सबसे पहले यही मेघ दिखाई पड़ते हैं, इसलिए ये मेघ चक्रवात के आगमन का सूचक होते हैं!
(B) पक्षाभ स्तरी मेघ (Cirro-Stratus) –
यह महीन और सफेद चादर के समान संपूर्ण आकाश में छाए रहते हैं! इन मेघों से दिन में सूर्य और रात्रि में चंद्रमा के चारों और आभामंडल (Halo) का निर्माण होता है! पक्षाभ मेघों के तुरंत बाद यही मेघ दिखाई देते हैं! यह भी चक्रवात के आगमन के सूचक होते हैं!
(C) पक्षाभ-कपासी मेघ (Cirro-Cumulus) –
यह मेघा समूह में छोटे-छोटे खोलो के रूप में दिखाई पड़ते हैं या पराया हीन होते हैं इन्हें मेंकेरल स्काई (Mackerel Sky) भी कहा जाता है
(2) मध्य मेघ (Middle Clouds) –
मध्य मेघों की औसत ऊंचाई 2 से 6 किमी.के मध्य होती है! यह निम्न प्रकार के होते हैं-
(A) स्तरी-मध्य मेघ (Alto-Stratus) –
ये मेघ भूरे अथवा नीली चादर जैसे छोटे-छोटे स्तरों के रूप में बिखरे रहते हैं! इनकी छाया रहने से कभी-कभी सूर्य अथवा चंद्रमा धुंधला दिखाई पड़ता है! इनसे विस्तृत क्षेत्रों पर लगातार वर्षा की संभावना रहती है!
(B) कपासी मध्य मेघ (Alto-Cumulus) –
यह मेघ सफेद और भूरे रंग के होते हैं, जो गोलाकार धब्बों की तरह दिखाई देते हैं! ये मेघ छायादार होते हैं, जो आसमान में महीन चादर के रूप में बिखरे रहते हैं!
(3) निम्न मेघ (Low Clouds) –
यह मेघ सामान्यतः धरातल से 2 किमी की औसत ऊंचाई तक पाए जाते हैं! यह निम्न प्रकार के होते हैं-
(A) स्तरी मेघ (Stratus) –
यह मेघ धरातल के निकट कोहरे के समान बादल है, जिनमें कई परतें पाई जाती है! शीतोष्ण कटिबंध क्षेत्रों में दो विपरीत स्वभाव वाली वायु राशियों के मिलने से इनका निर्माण होता है!
(B) स्तरी कपासी मेघ (Strato-Cumulus) –
यह मेघ गोलाकार राशियों के रूप में समूहों या पंक्तियों के रूप में दिखाई पड़ते हैं! सामान्यता जाड़े के मौसम में यह संपूर्ण आसमान को घेर लेते हैं!
(C) कपासी मेघ (Kapasi megh) –
कपासी मेघ आकाश में गुंबदाकार रूप में फूलगोभी की भांति होते हैं! इनके आधार का रंग यद्यपि काला होता है, किंतु इनका ऊपरी भाग सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित रहता है और चमकीला दिखाई पड़ता है! यह भी साफ मौसम की सूचना देते हैं!
(D) वर्षा स्तरी (Nimbo Stratus) –
यह एक प्रकार के निम्न स्तरी मेघ है, जिनका रंग गहरा भूरा या काला होता है! इनसे लगातार जलवृष्टि या हिमवृष्टि होती है! इनके कारण अंधकार-सा छाया रहता है, क्योंकि इनकी अधिक सघनता के कारण सूर्य का प्रकाश धरातल तक नहीं पहुंच पाता!
(E) कपासी वर्षी मेघ (Kapasi varshi megh) –
ये अत्यधिक गहरे, काले एवं लंबवत विकास वाले मेघ होते हैं! कभी-कभी इनकी ऊंचाई 18 किमी. तक होती है! इन मेघों से भारी वर्षा, ओला, तड़ित झंझा आदि उत्पन्न होते हैं! इनमें भयंकर मेंघ गर्जन तथा बिजली की चमक होती है! शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवातों में शीत वाताग्रों के सहारे मुख्यतः इन्ही बादलों से वर्षा होती है!
बादल से संबंधित प्रश्न उत्तर
प्रश्न :- बादल किसे कहते हैं (badal kise kahate hain)
उत्तर :–मेघ जल अथवा हिम के अत्यंत सूक्ष्म कणों के पुंज होते हैं! आर्द्रतायुक्त वायु के आरोहण की प्रक्रिया द्वारा शीतल होकर, संघनन की प्रक्रिया से गुजरने पर वायु में उपस्थित जलवाष्प जल बूंदों और हिम कणों में रूपांतरित हो जाता है! इन संघनित जल अथवा हिम कणों को ही बादल (Clouds) कहा जाता है!
प्रश्न :- बादल के प्रकार बताइए
उत्तर :- बादल विभिन्न प्रकार के होते हैं! बादलों का वर्गीकरण उनकी ऊंचाई तथा आकार अथवा स्वरूप के आधार पर किया जाता है! ऊंचाई के अनुसार बादल को उच्च, मध्य तथा निम्न तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है, जो निम्नलिखित है
प्रश्न :- मेघों के प्रकार बताइए
उत्तर :- – मेघ विभिन्न प्रकार के होते हैं! मेघों का वर्गीकरण उनकी ऊंचाई तथा आकार अथवा स्वरूप के आधार पर किया जाता है! ऊंचाई के अनुसार मेघों को उच्च, मध्य तथा निम्न तीन वर्गों में विभाजित किया जाता है, जो निम्नलिखित है
प्रश्न :- कपासी बादल किसे कहते हैं
उत्तर :- कपासी मेघ आकाश में गुंबदाकार रूप में फूलगोभी की भांति होते हैं! इनके आधार का रंग यद्यपि काला होता है, किंतु इनका ऊपरी भाग सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित रहता है और चमकीला दिखाई पड़ता है! यह भी साफ मौसम की सूचना देते हैं
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