अपनी प्रजा की सुख-शांति में ही राजा की सुख-शांति का वास है; उनके कल्याण में ही उसका अपना कल्याण है। (कौटिल्य)
“अपनी प्रजा की सुख-शांति में ही राजा की सुख-शांति का वास है; उनके कल्याण में ही उसका अपना कल्याण है” – कौटिल्य उत्तरः – राज्य के सात अंगों में कौटिल्य ने …