भारत शासन अधिनियम 1919 ( Bharat Shasan Adhiniyam 1919 )

bharat shasan adhiniyam 1919

माण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधार 1919 (Bharat Shasan Adhiniyam 1919 in hindi) –

 
वस्तुतः Bharat-shasan-adhiniyam-1919 में 1909 के प्रावधानों को यदि की स्पष्ट एवं व्यापक रूप को प्रदान किया गया इस अधिनियम ने पहली बार भारत में दोहरा शासन और प्रत्यक्ष निर्वाचन की व्यवस्था को प्रारंभ किया!
20 अगस्त 1917 को ब्रिटिश सरकार ने प्रथम बार यह घोषित किया कि उनका उद्देश्य क्रमिक रूप से भारत में  उत्तरदाई सरकार की स्थापना करना था! जिसके लिए  क्रमिक रूप से भारत शासन अधिनियम 1919 (bharat shasan adhiniyam 1919 ) बनाया गया, जो 1921 से लागू हुआ! 
इस समय माण्टेग्यू भारत के राज्य सचिव थे जबकि चेम्सफोर्ड भारत के वायसराय थे, इसलिए इस अधिनियम को माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार भी कहा जाता है! भारत शासन अधिनियम 1919 के प्रमुख प्रावधान इस प्रकार है –

भारतीय शासन अधिनियम 1919 की प्रमुख विशेषताएं ( bharat shasan adhiniyam 1919 ki pramukh visheshta)  –

(1) इस अधिनियम के माध्यम से केंद्र में द्विसदनात्मक विधायिका की स्थापना की गई, जिसमें प्रथम राज्य परिषद तथा दूसरी केंद्रीय विधान सभा थी! 
 
(2) Bharat Shasan Adhiniyam 1919 के द्वारा लोगों को वोट देने का अधिकार प्रदान किया गया, परंतु यह अधिकार निष्पक्ष ना होकर शिक्षा, संपत्ति और कर के आधार पर दिया गया! 
 
(3) प्रत्यक्ष निर्वाचन इस व्यवस्था द्वारा प्रांत मे आंशिक कम उत्तरदाई सरकार की स्थापना प्रारंभ हो गई, जिससे भारत में  उत्तरदाई सरकार की अवधारणा का विकास हुआ! 
 
(4) केंद्र और प्रांतों के संबंध में कानून बनाने के विषयों का अधिक स्पष्ट  विभाजन कर दिया गया. प्रांतों को और ज्यादा शक्तियां प्रदान की गई तथा उन पर केंद्र का नियंत्रण कम कर दिया गया! 
 
(5) इस अधिनियम के द्वारा पहली बार राज्यों का बजट केंद्र के बजट से अलग कर दिया गया तथा राज्य विधानमंडल को राज्य का बजट पारित करने का अधिकार मिल गया! 
 
(6) इस अधिनियम के द्वारा एक वैधानिक आयोग की स्थापना की गई, जिसका कार्य 10 वर्ष के पश्चात जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना था! 
 
(7) Bharat Shasan Adhiniyam 1919 अधिनियम के द्वारा सिक्खों, भारतीय ईसाइयों, आंग्ल भारतीयों और यूरोपीयों के लिए अलग से निर्वाचन की व्यवस्था की गई, जिससे सांप्रदायिक निर्वाचन का विस्तार हुआ
 
(8) इस अधिनियम के अनुसार वायसराय की कार्यकारी परिषद के 6 सदस्यों में से 3 सदस्यों का भारतीय अनावश्यक था, कमांडर इन चीफ को छोड़कर! 
 
(9) Bharat Shasan Adhiniyam 1919 के द्वारा भारत सचिव को यह अधिकार प्रदान किया गया कि वह भारत में महालेखा परीक्षक की नियुक्ति कर सकता है! 
 
(10)  इस अधिनियम में एक लोक सेवा आयोग का प्रावधान किया गया और 1926 में सिविल सेवाओं की भर्ती के लिए केंद्रीय लोक सेवा आयोग का गठन किया गया! 
 
(11)  इस अधिनियम के द्वारा भारत के उच्चायुक्त के कार्यालय का लंदन में सृजन किया गया और अब तक भारत सचिव द्वारा किए जा रहे कुछ कार्य को उच्चायुक्त को स्थानांतरित कर दिए गए! 
 
(12) इसअधिनियम के द्वारा प्रांतीय विषयों को दो उपवर्गों में विभाजित किया गया, हस्तांतरित विषय तथा आरक्षित विषय! 
 
(13) हस्तांतरित विषयों पर कानून बनाने की शक्ति गवर्नर के पास थी यद्यपि इन विषयों पर अपनी विधायिका की सहायता से कानून बनाता था! 
 
(14) आरक्षित विषयों पर गवर्नर कार्यपालिका परिषद की सहायता से कानून बनाता था, जो विधान परिषद के प्रति उत्तरदाई नहीं थे! 
 
 
 
 
  
 
 
 

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