कौटिल्य और प्लेटो में तुलना (Kautilya aur plato me tulna kijiye)

कौटिल्य और प्लेटो में समानता (kautilya aur plato me samanta) –

कौटिल्य और प्लेटो अपने समय के महान विचारक थे! कौटिल्य और प्लेटो में तुलना इस प्रकार हैं –

(1) दोनों ही अपनी राजनीतिक विचारों की स्थापना के लिए पुस्तक का सहारा लेते है. प्लेटो ने रिपब्लिक, तो कौटिल्य ने अर्थशास्त्र लिखा! 

(2) दोनो ही राजनीतिक सिद्धांत और आदर्श राज्य की स्थापना करते हैं।

(3) दोनों ही स्वीकार करते हैं कि राजा को ज्ञानी और सदगुणी होना चाहिए! 

(4) दोनो ही आदर्श राजा के लिए शिक्षा को सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण मानते है।

(5) दोनो ही राज्य को साध्य मानते हैं।

(6) दोनो ही राजा के व्यक्तिगत जीवन की समाप्ति की बात करते हैं।

(7) दोनों ही राज्य के भौगोलिक स्थिति का वर्णन करते है। 

(8) दोनो ही सैद्धांतिक शिक्षा के साथ-साथ व्यवहारिक शिक्षा को भी महत्व देते है अर्थात दोनों राजा का प्रशिक्षण चाहते हैं।

कौटिल्य और प्लेटो में असमानता (kautilya aur plato me asamanta) –

(1) प्लेटो राजनीतिक दार्शनिक है, जबकि कौटिल्य स्वयं राजनीतिज्ञ हैं! 

(2) प्लेटों राज्य को स्वभाविक संस्था मानता है, जबकि कौटिल्य समझौतावादी और कृत्रिम! 

(3) प्लेटो का आदर्श राजा पूरी तरह से स्वतंत्र है, उस पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं जबकि कौटिल्य का राजा स्त्री एवं परधन से सीमित हैं।

(4) प्लेटो की शिक्षा अधिक व्यापक और दीर्घावधि वाली है, जबकि कौटिल्य की शिक्षा कम अवधि वाली और व्यवहारिक हैं। 

(5) प्लेटो परिवार और संपत्ति को शासन से पूर्ण रूप में अलग कर देता हैं, जबकि कौटिल्य ऐसा नही करते हैं। 

(6) प्लेटो के कार्यों में इन पहलुओं का अधिक उल्लेख नहीं मिलता है, जबकि कौटिल्य ने कूटनीति और विदेश नीति के क्षेत्र में पर्याप्त योगदान दिया है!

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