कौटिल्य और मनु के राजनीतिक विचारों में तुलना कीजिए

कौटिल्य और मनु दोनों ही भारतीय राजनीतिक विचारक हैं! दोनों के विचार में कुछ समानता और असमानताएं पायीं जाती हैं! जो इस प्रकार हैं –

कौटिल्य और मनु के राजनीतिक विचारों में समानता (kautilya aur manu ke rajnitik vicharon me samanta) –

(1) दोनो ही शासक के गुणों पर जोर देते है। 

(2) दोनो ने ही अपने विचार में मनु को ही पहला राजा स्वीकार किया है। 

(3) दोनो मंडल सिद्धांत, पडगुण्य नीति और सप्तांग सिद्धांत की स्थापना करते है! 

(4) दोनो ने ही अपने राज्य को विजिगीषु राज्य स्वीकार किया है।

(5) दोनों ही विचारक कर लेने का आधार प्रजा की रक्षा स्वीकार करते है 

(6) दोनों ही भारतीय विरासत के रूप में सामाजिक संहिता की स्थापना की। 

(7) दोनों का ही उद्देश्य चार पुरुषार्थ है।

कौटिल्य और मनु के राजनीतिक विचारों में असमानता (kautilya aur manu ke rajnitik vicharon me asamanta) –

(1) कौटिल्य का राज्य सिद्धांत समझौतावादी है, जबकि मनु का राज्य सिद्धत दैवीय हैं। 

(2) कौटिल्य अत्याधिक स्पष्ट दण्ड नीति की स्थापना करते हैं, जबकि मनु की दण्ड नीति अस्पष्ट एवं जटिल है।

(3) कौटिल्य राजा के शिक्षा को अत्याधिक अनिवार्य मानता है, अर्थात मनु ने ऐसा कोई विचार नहीं दिया।

(4) कौटिल्य का विचार देशकाल परिस्थितियों से संकीर्ण एवं स्वहित परियोजना पूर्ण लगता है, जबकि मनु का राजनीतिक सिद्धांत समाज की आवश्यकता और सार्वभौमिक उद्देश्य से युक्त लगता है।  

आपको यह भी पढना चाहिए –

अरस्तू और कौटिल्य में तुलना कीजिए

कौटिल्य और प्लेटो में तुलना कीजिए

Leave a Comment

error: Content is protected !!