मध्य प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण (madhya pradesh ke vanya jeev abhyaran) –
मध्यप्रदेश वन संपदा की दृष्टि से राज्यों की श्रेणी में आता है, इसलिए यहां राष्ट्रीय उद्यान एवं वन्य जीव अभ्यारण्य बड़ी मात्रा में पाए जाते हैं! मध्य प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण (madhya pradesh ke vanya jeev abhyaran) इस प्रकार है –
वन्यजीव अभ्यारण का नाम |
स्थान |
राष्ट्रीय गांधी सागर |
मंदसौर/नीमच |
बोरी |
होशंगाबाद |
पंचमढ़ी |
होशंगाबाद |
सरदारपुर (खरमौर) |
धार |
रालामंडल |
इंदौर |
खिवनी |
देवास |
नरसिंहगढ़ |
राजगढ़ |
रातापानी |
रायसेन/सीहोर |
सिघोंरी |
रायसेन |
ओरछा |
निवाडी |
घाटीगॉव |
ग्वालियर |
फेन |
मंडला |
बगदरा |
सिंगरौली |
पनपथा |
उमरिया |
सैलाना (खरमौर) |
रतलाम |
गगंऊ |
पन्ना |
पेंच |
सिवनी/छिंदवाड़ा |
राष्ट्रीय चंबल |
मुरैना/भिंड |
केन (घडियाल) |
छतरपुर/पन्ना |
सोन (घडियाल) |
सीधी/शहडोल/सतना/सिंगरौली |
नौरादेही |
सागर/दमोह/नरसिंहपुर |
डुबरी |
सीधी |
कामधेनु गौ अभ्यारण्य |
आगर-मालवा |
दुर्गावती |
दमोह |
कालीभीत |
बैतूल |
सुरमैनिया |
खंडवा |
मांधाता |
खंडवा |
कट्ठीवाडा |
अलीराजपुर |
मयूर |
झाबुआ |
मध्य प्रदेश के वन्य जीव अभ्यारण (madhya pradesh ke pramukh vanya jeev abhyaran) –
(1) नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण्य –
नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अभयारण्य है, इसकी स्थापना 1975 में की गई थी! इसका मुख्य क्षेत्र सागर जिले में स्थित है तथा इसके अलावा इसका कुछ भाग दमोह, रायसेन और नरसिंहपुर जिले में भी आता है!
इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 1195 वर्ग किमी. है! इस अभयारण्य से होकर बहने वाली बामनेर नदी मगरमच्छों और ऊदबिलाव का घर है! यहां पर क्रोकोडाइल प्वाइंट तथा चेओला झील भी है
(2) रालामण्डल वन्यजीव अभ्यारण्य –
रालामंडल वन्य जीव अभ्यारण मध्य प्रदेश का सबसे छोटा अभ्यारण है! इसकी स्थापना 1989 में की गई थी! इसका कुल क्षेत्रफल 2,345 वर्ग किमी. है! मध्य प्रदेश का पहला वन्य जीवन जागरूकता केंद्र यहां पर स्थापित किया गया है! वर्ष 2017 में देश का पहला लोमड़ी संरक्षण केंद्र भी रालामंडल में स्थापित किया गया था!
(3) राष्ट्रीय गांधी सागर वन्यजीव अभ्यारण्य –
गांधी सागर वन्य जीव अभ्यारण मध्यप्रदेश के नीमच और मंदसौर जिले की उत्तरी सीमा पर स्थित है! इसका क्षेत्रफल लगभग 368.62 वर्ग किमी. से भी अधिक है! इस अभ्यारण्य को वर्ष 1974 में अधिसूचित किया गया था जिसमें 1983 में कुछ और क्षेत्रों को शामिल किया गया!
इस अभ्यारण का पश्चिमी भाग के नीमच जिले में तथा पूर्वी भाग मंदसौर जिले में स्थित है! इसके मध्य से गुजरने वाली चंबल नदी ही इसे पूर्वी और पश्चिमी भागों में विभाजित करती है! इस अभ्यारण्य के अंदर अनेक दर्शनीय और पर्यटन स्थल है, इसमें से एक महत्वपूर्ण स्थल चतुर्भुज नाथ का प्राचीन मंदिर है!
(4) राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य –
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में स्थित राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य भारतीय घडियालों के लिए प्रसिद्ध है! राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य की स्थापना 1978 में की गई थी! इसका क्षेत्रफल लगभग 435 वर्ग किमी. है!
घडियालों के संरक्षण के लिए राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण में गंगा नदी की डॉल्फिन का संरक्षण किया गया है! इसके अलावा मगरमच्छ, कछुआ, उदबिलाव आदि भी यहां पाए जाते हैं!
(5) घाटीगॉव अभ्यारण्य –
घाटीगांव वन्यजीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के ग्वालियर के निकट स्थित है! इसका क्षेत्रफल 398.91 वर्ग किमी है! इस अभ्यारण की स्थापना 1981 में विलुप्त प्राय ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (सोन चिड़िया) के संरक्षण के लिए की गई थी! सोन चिड़िया के अलावा यहां चिंकारा, सांभर, नीलगाय आदि वन्यजीव भी पाए जाते हैं!
(6) करेरा वन्यजीव अभ्यारण्य –
करेरा वन्यजीव अभ्यारण मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में स्थित है, इसके 202 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में लगभग 245 पक्षियों की प्रजाति पाई जाती है! यहां पर कई लुप्तप्राय प्रजातियों के पक्षी भी देखे जाते हैं !यहां की वनस्पति मुक्तिपथ झाड़ा दोनों के साथ नमी युक्त है!
प्रश्न :- मध्य प्रदेश का सबसे छोटा अभ्यारण कौन सा हैं?
उत्तर :- रालामंडल वन्य जीव अभ्यारण मध्य प्रदेश का सबसे छोटा वन्यजीव अभ्यारण है! जिसकी स्थापना वर्ष 1989 में की गई थी! इसका कुल क्षेत्रफल 2,345 वर्ग किमी. है!
प्रश्न :- मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा अभ्यारण कौन सा है?
उत्तर :- नौरादेही वन्यजीव अभ्यारण मध्यप्रदेश का सबसे बड़ा अभयारण्य है, इसकी स्थापना 1975 में की गई थी!इसका कुल क्षेत्रफल लगभग 1195 वर्ग किमी. है! इसका मुख्य क्षेत्र सागर जिले में स्थित है!
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