विश्व की प्रमुख जनजातियां और उनके निवास स्थान (vishv ki pramukh janjatiya aur unke niwas stal)

विश्व की प्रमुख जनजातियां और उनके निवास स्थल (vishv ki pramukh janjatiya) –

मानव जनसंख्या का प्रजातियों में विभाजन लंबे समय से प्रचलित रहा है किंतु आज के संदर्भ में यह विभाजन अप्रासंगिक माना जाता है! कई क्षेत्रों में प्रजातीय आधार पर विभेद की नीतियों ने भी इस विभाजन के विरूद्ध जनमत को बढ़ाया है! अतः आज के संदर्भ में मानवता का प्रजाति विभाजन मान्य नहीं रहा गया है!

संसार के विभिन्न भागों में विभिन्न जन समुदाय निवास करते हैं इनका संबंध भिन्न भिन्न प्रजातियों से है! इन्हें कई बार जनजातीय समूह भी कहा जाता है! विश्व की प्रमुख जनजातियां समुदाय इस प्रकार है –

विश्व की जनजातियां और उनके निवास (vishv ki janjatiya aur unke niwas)

                             जनजातियाँ

                              निवास स्थान

अफरीदी

पाकिस्तान के उत्तर पश्चिम सीमांत प्रदेश

अबाॅरियन 

ऑस्ट्रेलिया

अफ्रीकानर

दक्षिण अफ्रीका

 अमेरिंद

उत्तरी अमेरिका

बांतु

मध्य एवं दक्षिण अफ्रीका के नीग्रो निवासी

बददूं

उत्तरी अफ्रीका तथा दक्षिणी पश्चिमी एशिया

बर्बर

अल्जीरिया ट्यूनीशिया मोरक्को

बुशमैन

कालाहारी मरुस्थल, अफ्रीका

बिंदिबू

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया 

कोसाक

रूस के दक्षिण पूर्वी भाग

क्रोत्स 

क्रोशिया 

एस्कीमों

कनाडा, ग्रीनलैंड, टुंडा प्रदेश

फ्लैमिश

बेल्जियम

फिलिपिनो

फिलीपींस

फिन्न

यूरोपियन टुंडा प्रदेश

गौचो

अर्जेंटीना और उरूग्वे

हैमाइट

उत्तरी पश्चिमी अफ्रीका

होटेनटॉट

उष्णकटिबंधीय अफ्रीका

काफरी

दक्षिण अफ्रीका

किरगी

एशिया के स्टेपी प्रदेश

किकुयु

पूर्वी अफ्रीका

लैप

यूरोपियन टुंडा प्रदेश

मग्यार

हंगरी के निवासी

माओरी

न्यूजीलैंड 

मसाई

पूर्वी अफ्रीका

मसूद

वज़ीरिस्तान (पाकिस्तान) 

मैस्टीजो

दक्षिण अमेरिका

मुलाटो

दक्षिण अमेरिका

पापुअन ( पपुआन्स) 

न्यू गिनी

पिग्मी ( पिग्मीज) 

जायरे बेसिन (अफ्रीका) 

रेड इंडियन

उत्तरी अमेरिका

समोयद

उत्तरी रूस

सैमाइट

इथोपिया

स्लोविनी

पूर्वी युगोस्लाविया

सवाहिली

तंजानिया और कीनिया

तातार

साइबेरिया

वेदा (वेद्दास) 

श्रीलंका

याकूत

 टुंडा प्रदेश, रूस 

जाम्बो

दक्षिणी अमेरिका

जुलु

दक्षिण अफ्रीका

दायक

इंडोनेशिया

डिंका

सूडान

उदूघर

चीन

बास्क

स्पेन

हेमा

कांगो

लेंडु

कांगो

खिरगीज

मध्य एशिया

नीग्रो

मध्य अफ्रीका

यूकाधिर

साइबेरिया

आइनू

जापान

इंकाथा

दक्षिण अफ्रीका

बोरो

ब्राजील

हैदा

अमेरिका

विश्व की जनजातियां –

(1) एस्किमो (eskiemo) –

एस्किमो जनजाति का मुख्य निवास स्थान कनाडा, ग्रीनलैंड एवं टुंडा प्रदेश हैं! यह लोग बर्फ का घर बनाने के लिए जाने जाते हैं, जिन्हें इग्लू कहते हैं! एस्किमो जनजाति के ग्रीष्म काल के आवास को ट्यूपिक (Tupic) कहते हैं.! इनके भोजन का एकमात्र साधन शिकार हैं, ये जलीय एवं धरातलीय दोनों प्रकार के जीवों का शिकार करते हैं!

(2) बुशमैन जनजाति (bushman janjati) –

बुशमैन जनजाति का निवास स्थान अफ्रीका के कालाहारी मरुस्थल एवं उसके आसपास का क्षेत्र हैं! अफ्रीका में इस जनजाति का अस्तित्व 20 हजार वर्ष से भी अधिक पुराना है। इनका मुख्य व्यवसाय शिकार एवं वनस्पति संग्रह हैं! यह अपने आपको सैन (सान) कहलाना ज्यादा पसंद करते हैं! ये लोग नीग्रायाड जाति के मूल निवासियों से समानता रखते हैं।

(3) खिरगीज जनजाति (Khirgij janjati) –

खिरगीज मध्य एशिया की गुमक्कड जनजाति हैं! खिरगीज जनजाति के लोग मुख्य रूप से किर्गिज़स्तान में निवास करते हैं, इसके अलावा ये उज़्बेकिस्तान, चीन, ताजिकिस्तान, अफ़्ग़ानिस्तान और रूस आदि देशों में भी पाए जाते हैं! ये लोग तुर्की भाषा बोलते हैं!

खिरगीज लोगों का जीवन घास के मैदानों पर निर्भर है, इसलिए भेड़ों के झुण्ड, घोड़े, याक एवं ऊँट इनके जीवन के महत्त्वपूर्ण अंग है। खिरगीज लोगों के लिए जल-पूर्ति बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है। अतः अनिश्चित प्रवाह वाली नदियाँ एवं पर्वत पदीय भागों में मिलने वाले जलस्त्रोत इनके जीवन के महत्त्वपूर्ण अंग है।

(4) पिग्मी –

पिग्मी जनजाति का निवास क्षेत्र मध्य अफ्रीका की कांगो नदी घाटी हैं। इनकी औसत हाइट लगभग पांच (5) फीट होती हैं! इन्हें सबसे छोटे कद वाली जनजाति मानी जाता हैं! ये वन क्षेत्रों में शिकार कर यापन-यापन करने वाले हैं! इनके भोजन का मुख्य आधार शिकार, मछली एवं जंगली कन्दमूल या फल है!

(5) मसाई –

मसाई जनजाति दक्षिणी केन्या और उत्तरी तंजानिया में निवास कर रहे अर्द्ध-खानाबदोश लोगों का एक नीलोटिक जातीय समूह हैं! इस जनजाति के लोग घुमंतुओं का जीवन जीते हैं, ताकि इनके जानवरों को चरने के लिए नई जगह मिल सके. इनकी जिंदगी में जानवरों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है, ये मसाई आदिवासियों के खाने का जरिया हैं. इस जनजाति की संपत्ति इनके जानवरों और बच्चों की संख्या से तय होती हैं!

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