मध्यप्रदेश में यातायात विकास –
किसी भी देश अथवा प्रदेश के विकास में उसकी यातायात व्यवस्था का बड़ा योगदान होता है! मध्यप्रदेश में प्रमुख रूप से यातायात के तीन साधन सड़क, रेलवे तथा वायु परिवहन के इन परिवहन के साधनों को महत्व देखते हुए प्रदेश सरकार ने परिवहन विभाग को प्राथमिकता प्रदान की विशेषकर, सड़क परिवहन को!
सड़कों के निर्माण एवं उन्नयन के कार्य को गति प्रदान की है, जिसके कारण राज्य में नए उद्योगों की स्थापना, पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों के आने की संख्या में बढ़ोतरी के साथ व्यापार को बढ़ावा मिला है! निसंदेह परिवहन क्षेत्र का विकास अर्थव्यवस्था के विकास में सहायक है, परंतु प्रदेश में तहसील का संरक्षण समस्या विद्यमान हैं, मध्यप्रदेश में यातायात विकास की कुछ प्रमुख समस्या इस प्रकार हैं –
मध्यप्रदेश में यातायात विकास की समस्यायें –
मध्यप्रदेश में यातायात विकास की कुछ प्रमुख समस्या इस प्रकार हैं –
(1) भ्रष्टाचार –
भ्रष्टाचार रोकने के तमाम प्रयासों के बावजूद भी यह एक गंभीर समस्या बनी हुई है जो किसी भी विकास योजना को उसका परिणामतक पहुंचाने के मार्ग में बड़ी बाधा है! इससे यातायात विकास का मार्ग भी अवरुद्ध हुआ है!
(2) उच्च स्तरीय तकनीक का अभाव –
आधुनिकीकरण और परिवहन प्रणाली की नवीनतम तकनीकी उपयोग की आवश्यकता है! मध्यप्रदेश के यातायात विकास के मार्ग में उच्च स्तर की तकनीक का अभाव भी एक समस्या बना हुआ है! इस कारण उच्च स्तर की सड़कें या परिवहन के अन्य आधारभूत ढांचे का विकास नहीं हो पाया है!
(3) वित्त की कमी –
यातायात विकास में सबसे बड़ी समस्या विक्की है पर्याप्त वित्त के अभाव में आवश्यक यातायात परियोजनाएं कार्यरूप नहीं ले पाती या फिर अधूरी रह जाती है क्योंकि सड़क विकास में काफी खर्च आता है!
(4) कानूनी पेचीदगियाॅ –
अत्यधिक कानूनी पेचीदगियो के कारण भी यातायात विकास प्रभावित होता हैं! राष्ट्रीय राजमार्गों, रेलवे लाइनों के बिछाने तथा वायुमार्गों के विकास में केंद्रीय सरकार का भी हस्तक्षेप रहता है! रेलवे अपने नियमों के हिसाब से कार्रवाई करता है, जिससे राज्य का स्तर से बहुत कम रहता है जिससे प्रोजेक्ट को पूरा होने में वर्षों लग जाते हैं! इसी तरह राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास में भी केंद्र-राज्य के बीच में टकराव बना रहता है!
(5) कार्य की धीमी गति –
मध्यप्रदेश में यातायात विकास के मार्ग में कार्य की अत्यधिक धीमी गति भी बड़ी समस्या है कई बार सड़कों के निर्माण में ब्रिज निर्माण की तय सीमा से तीन से चार गुना अधिक समय लग जाता है जिससे न केवल प्रोजेक्ट लागत बढ़ जाती है, बल्कि विकास की गति मंद हो जाती है!
इसके अलावा यातायात विचार के निर्माण में शासकीय विभागों में समन्वय की कमी, प्रशासनिक मशीनरी का ढुलमूल रवैया जन सहभागिता का अभाव आदि ऐसी अनेक समस्या भी विद्यमान है जो प्रदेश के यातायात विकास को बाधित करती है! अत: आवश्यक हो गया कि उपरोक्त समस्याओं के प्रभावी निराकरण के तरीके अपनाकर में उन्हैं गति प्रदान की जाए ताकि राज्य के विकास की गति प्रदान की जा सके!
Very helpful for preparation,
Thank you🙏🙏