स्वराज्य पार्टी (Swaraj party) –
स्वराज्य पार्टी (Swaraj party) की स्थापना 1 जनवरी 1923 को इलाहाबाद में चितरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू द्वारा की गई थी! जिसके अध्यक्ष चित्तरंजन दास को और मोतीलाल नेहरू को उसका सचिव बनाये गये।
स्वराज्य पार्टी की स्थापना के कारण (Swaraj party ki sthapna ke karan) –
असहयोग आंदोलन की समाप्ति के पश्चात कांग्रेस के सामने यह प्रश्न था कि 1919 ई के एक्ट के द्वारा घोषित विधान परिषदों के निर्वाचन में भाग लिया जाए या नहीं! 1922 ई. के कांग्रेस अधिवेशन में चुनाव में भाग न लेने का निर्णय लिया गया, किंतु चितरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू ने चुनाव में भाग लेने का निर्णय लिया तथा कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया;
मार्च 1923 ई. में इलाहाबाद में इन दोनों नेताओं ने स्वराज पार्टी की स्थापना की! आगे सितंबर 1923 ई. में अबुल कलाम आजाद के अध्यक्षता में दिल्ली में कांग्रेस का विशेष अधिवेशन बुलाया गया जिसमें कांग्रेस ने विधान परिषदों में प्रवेश के कार्यक्रम को स्वीकार कर लिया!
नवंबर, 1923 ई. के चुनाव में स्वराज पार्टी को काफी सफलता मिली! सेंट्रल लेजिसलेटिव असेंबली की 101 निर्वाचित सीटों में से 42 सीटों पर इनकी जीत हुई! इस दौरान स्वराज्य पार्टी ने विधान परिषदों में महत्वपूर्ण कार्य किए!
1925 में चितरंजन दास की मृत्यु, मुस्लिम लीग के सांप्रदायिक प्रचार आदि के कारणों से 1926 ई. के चुनाव में स्वराज्य पार्टी को आशा के अनुरूप सफलता नहीं मिली! आगे 1930 ई. में सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ हो जाने के कारण स्वराज्य पार्टी का महत्व समाप्त हो गया तथा इस पार्टी का अंत हो गया!
स्वराज्य पार्टी की उपलब्धियां (swaraj party ki uplabdhiyan) –
(1) यह बजट को प्रत्येक वर्ष अस्वीकृत कर देते थे! जिससे वायसराय को अपने विशेषाधिकार का प्रयोग कर बजट पारित करना पड़ता था! इस प्रकार इन्होंने ब्रिटिश सरकार का वास्तविक चरित्र उजागर किया!
(2) स्वराज्य पार्टी ने ही सर्वप्रथम उत्तरदाई शासन की स्थापना हेतु गोलमेज सम्मेलन बुलाने का सुझाव दिया था!
(3) 1924 में इनकी मांग के कारण 1979 के अधिनियम की समीक्षा हेतु मुण्डीमैन कमेटी की नियुक्ति की गई थी!
(4) 1925 में यह विट्ठल भाई पटेल को सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली का अध्यक्ष बनवाने में सफल रहे थे!
(5) 1925 में सेना के भारतीकरण के लिए गठित स्क्रीन कमेटी का एक सदस्य मोतीलाल को भी बनाया गया!
इस प्रकार असहयोग आंदोलन के पश्चात जब राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन में कांग्रेस का महत्व कम हो गया था, तब स्वराज्य पार्टी ने व्यापक ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध संघर्ष जारी रखा! वस्तुतः इन्हीं की मांगों का परिणाम था कि भारत में उत्तरदाई शासन की स्थापना हेतु लंदन में 3 गोलमेज सम्मेलनों का आयोजन किया गया!
प्रश्न :-1923 में स्वराज पार्टी का गठन किसने किया था
उत्तर :- स्वराज्य पार्टी (Swaraj party) की स्थापना 1 जनवरी 1923 को इलाहाबाद में चितरंजन दास एवं मोतीलाल नेहरू द्वारा की गई थी!
प्रश्न :- स्वराज पार्टी के अध्यक्ष थे
उत्तर :- जनवरी 1923 ई. में इलाहाबाद में चित्तरंजन दास, नरसिंह चिंतामन केलकर और मोतीलाल नेहरू, बिट्ठलभाई पटेल ने स्वराज्य पार्टी’ नाम के दल की स्थापना की, जिसके अध्यक्ष चित्तरंजन दास को और मोतीलाल नेहरू को उसका सचिव बनाये गये।
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