पूर्वाग्रह क्या है (Purvagrah kya hai) –
पूर्वाग्रह (Purvagrah) से तात्पर्य व्यक्ति के किसी वस्तु, तथ्य, घटना तथा अन्य व्यक्ति के बारे में पूर्व निर्णय से होता है! पूर्वाग्रह वे धनात्मक या ऋणात्मक अभिवृत्तिया हैं, जो किसी अभिवृत्ति वस्तु के प्रति सामान्य अस्वीकृति या नापसंद के रूप में व्यक्त होती है! पूर्वाग्रह में अभिव्यक्ति के तीन अवयव सम्मिलित हैं – संज्ञानात्मक अवयव, भावनात्मक अवयव और व्यवहारपरक अवयव!
संज्ञानात्मक अवयव किसी समूह के बारे में सामान्यीकृत विश्वासों एवं प्रत्याशिओं को इंगित करता है! यह रूढियों को व्यक्त करता है! भावात्मक पक्ष किसी जाति, धर्म एवं समुदाय के सदस्यों के प्रति ऋणात्मक सांवेगिक दशा तथा नापसंदगी को व्यक्त करता है! व्यवहारपरक अवयव, उस समूह के प्रति विशिष्ट व्यवहारों की ओर संकेत करता है! लोगों उनसे दूरी बनाते हैं, उस समूह के विपरीत निर्णय लेते हैं या अत्यधिक तीव्र पूर्वाग्रह की स्थिति में उनके प्रति आक्रामक व्यवहार करते हैं!
पूर्वाग्रह की परिभाषा (purvagrah ki paribhasha) –
मेयर्स के अनुसार – किसी समूह या उसके सदस्यों के प्रति नकारात्मक मनोवृत्ति को ही पूर्वाग्रह कहते हैं!
पूर्वाग्रह के प्रकार (purvagrah ke prakar) –
(1) आयु संबंधी पूर्वाग्रह
(2) पृष्ठभूमि संबंधी पूर्वाग्रह
(3) धर्म संबंधी पूर्वाग्रह
(4) यौन संबंधी पूर्वाग्रह
(5) प्रजाति संबंधी पूर्वाग्रह
पूर्वाग्रह की विशेषताएं (Purvagrah ki Visheshta) –
(Purvagrah) पूर्वाग्रह की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं –
(1) पूर्वाग्रह के स्वरूप में विवेक, तर्क एवं संगति का कोई स्थान नहीं होता! उनके प्रकार के विरोधी तथ्य एवं सूचनाओं को व्यक्ति के सामने प्रस्तुत करने पर भी वह अपने पूर्वाग्रह पर अडिग रहता है!
(2) पूर्वाग्रह का स्वरूप कार्यात्मक होता है, क्योंकि इसमें कुछ फायदा भी व्यक्ति को होता है! उदाहरण – पूर्वाग्रह विद्वेष को उचित ठहराने में संतुष्टि प्रदान करता है! इसके द्वारा दमित इच्छाओं की संतुष्टि होती है!
(3) पूर्वाग्रह चाहे अनुकूल हो या प्रतिकूल इसका संबंध वास्तविकता से नहीं होता है! पूर्वाग्रह सुनी- सुनायी बातों एवं पुराने रीति-रिवाजों पर आधारित होती है!
(4) पूर्वाग्रह काफी दृढ एवं स्थिर विचारों पर आधारित होता है!
(5) पूर्वाग्रह में संवेगात्मक रंग होता है और वह किसी समूह, धर्म, जाति के लोगों के या तो अनुकूल होता है या प्रतिकूल होता है!
(6) पूर्वाग्रह की एक विशेषता यह भी है कि इसका निशाना कोई व्यक्ति विशेष नहीं होता है,बल्कि पूरे समूह की ओर संचालित होता है!
(7) पूर्वाग्रह एक तरह की मनोवृत्ति है अतः इसे आधुनिक समाज मनोवैज्ञानिकों ने अर्जित प्रक्रिया माना है
पूर्वाग्रह को कम करने की विधियाँ (Purvagrah ko kam karne ki vidhi) –
अंतर समूह संपर्क, शिक्षा, पूर्वाग्रह विरोधी प्रचार, असंगत भूमिका, सामाजिक विधान, लगाव विरोधी नीति तथा व्यक्तित्व परिवर्तन विधियां, परिवार एवं विद्यालय में सीखने का पुर्नसंगठन, संदर्भ समूह एवं संचार माध्यम, संज्ञानात्मक हस्तक्षेप, सकारात्मक अभिवृत्ति को विकसित करना, पुनः वर्गीकरण आदि की सहायता से पूर्वाग्रह और उससे उत्पन्न भेदभाव को दूर किया जा सकता है!
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