मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां (Madhay pradesh ki pramukh nadiya)

 

Madhay pradesh ki pramukh nadiya

मध्यप्रदेश को नदियों का मायका कहा जाता है. क्योंकि मध्यप्रदेश में भारत की सर्वाधिक नदियां प्रवाहित होती है! मध्यप्रदेश गान मे 5 प्रमुख नदियों का वर्णन किया गया है! मध्यप्रदेश में प्रवाहित होने वाली प्रमुख नदियां Madhay pradesh ki pramukh nadiya) इस प्रकार है –

 

मध्यप्रदेश की प्रमुख नदियां (Madhay pradesh ki pramukh nadiya) –

नर्मदा नदी –

Madhay pradesh pramukh nadiya Narmada

नर्मदा मध्य प्रदेश (Madhay pradesh pramukh nadiya) की सबसे बड़ी तथा भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है इसकी लंबाई 1312 किलोमीटर है, जिसमें से 1077 किलोमीटर मध्यप्रदेश में प्रवाहित होती है! नर्मदा नदी का उदगम अमरकंटक में स्थित नर्मदाकुण्ड से हुआ है! 
 
नर्मदा नदी का अपवाह प्रतिरूप वृक्षाभ प्रणाली प्रकार का है, नर्मदा अपनी 41 नदियों के साथ मध्य प्रदेश के एक बड़े भूभाग को पोषित करती है, इसकी दो सहायक नदियां गुजरात में स्थित है! नर्मदा नदी का अपवाह क्षेत्र लगभग 93180 वर्ग किलोमीटर है जिसमें लगभग 90% भाग मध्यप्रदेश में 2016 7% भाग महाराष्ट्र में 8.3% भाग गुजरात में स्थित है! 
 
नर्मदा नदी को रेवा (रामायण),सोमादेवी, शंकरी, मेकलसूता नामोदासो, अमरकंठी, शिवतयना आदि नामों से भी जाना जाता है
 
इंदिरा सागर (खंडवा),सरदार सरोवर (नवेगांव बड़ोद.गुजरात) महेश्वर (खरगोन) , बरगी (जबलपुर), ओकारेश्वर (खंडवा) आदि नर्मदा नदी पर स्थित प्रमुख बांध एवं परियोजनाएं हैं
अमरकंटक, मंडला ,ओकारेश्वर, महेश्वर, नेमावर, बड़वाह, जबलपुर, होशंगाबाद, नरसिंहपुर,बड़वानी और अलीराजपुर आदि नर्मदा नदी के किनारे पर स्थित प्रमुख शहर है
 
नर्मदा नदी द्वारा कपिलधारा, दुग्धधारा, धुआंधार, सहस्त्रधारा, मंधार, दर्दी आदि जलप्रपात का निर्माण किया जाता है! (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 

चंबल नदी – 

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चंबल नदी मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नदी(Madhay pradesh pramukh nadiya) है इसे प्राचीन काल में चर्मावती नाम से जाना जाता था! महाभारत के अनुसार राजा रंतिदेव द्वारा अतिथियों का सत्कार के लिए बलिदान की गई गायों के चरणों से जो खून बहा उससे ही चर्मावती नदी का उदगम हुआ
 
चंबल नदी का उद्गम इंदौर जिले के महू के निकट जानापाव की पहाड़ी से हुआ है यह समुद्र तल से 554 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है
 
चंबल नदी की कुल लंबाई 965 किलोमीटर है उत्तर प्रदेश के इटावा में यह यमुना नदी में मिल जाती है! यह मध्य प्रदेश राजस्थान उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से होकर बहती है
 
कालीसिंध, पार्वती, बनास, क्षिप्रा, आदि चंबल की प्रमुख सहायक नदियां हैं! चंबल कोटा में भैंसरोडगढ़ के निकट 18 मीटर ऊंचा प्रसिद्ध चूलिया जलप्रपात बनाती है ! महू, रतलाम, धार, श्योपुर और मुरैना आदि चंबल नदी के किनारे पर स्थित प्रमुख नगर है! (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 

(3) सोन नदी – 

सोन नदी का उदगम अनूपपुर जिले के अमरकंटक (सोनमुड़ा) नर्मदा के ठीक विपरीत दिशा से हुआ है! सोन नदी की कुल लंबाई 780 किलोमीटर है! यह लगभग मध्य प्रदेश में लगभग 500 किलोमीटर बहती है! यहां मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार आदि राज्यों से होकर बहती है और पटना के निकट गंगा नदी में समाहित हो जाती है!
 
इसे शोण,सुवर्ण, शोणभद्र, स्वर्ण नदी, हिरण्यबाहु और सुभागधी आदि नामों से भी जाना जाता है इस नदी की रेत में सोना मिलता है इसलिए इसे सोन नदी कहा जाता है (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 
जोहिला, गोपद, रिहंद, उत्तरी कोईल आदि की प्रमुख सहायक नदियां हैं अनूपपुर, शहडोल, उमरिया  सतना, रीवा, सीधी सिंगरौली आदि जिलों में यह नदी बहती है! बाणसागर परियोजना शहडोल सोन नदी पर ही स्थित है!
 

(4) बेतवा नदी –

बेतवा नदी का उदगम विंध्याचल श्रेणी में रायसेन जिले के कुमरागॉंव से होता है! इसकी कुल लंबाई 480 किलोमीटर है, यह  उत्तरप्रदेश में हमीरपुर के पास यमुना नदी में मिल जाती है! इसे मध्य प्रदेश की गंगा (प्रदूषण) कहा जाता है! यह बुंदेलखंड की जीवन रेखा है!
 
पुराणों में बेतवा नदी को वेत्रवती कहा गया है! बाणभट्ट ने कादंबरी में, कालिदास ने मेघदूत में, केशवदास ने रसिकप्रिया में, बेतवा नदी का उल्लेख किया है
 
बेतवा नदी पर माताटीला बांध बनाया गया है जहां से बेतवा नहर निकाली गई है बेतवा की मुख्य सहायक नदियां बीना, जामनी धसान, हलाली आदि है.बेतवा नदी के किनारे पर कंचन घाट स्थित है! 
 

(5) क्षिप्रा नदी – 

क्षिप्रा नदी का उदगम काकरी बरड़ी इंदौर से होता है, इसकी कुल लंबाई 195 किलोमीटर है यह उज्जैन,देवास जिलों से बहती हुई मंदसौर में चंबल नदी में मिल जाती है! खान, गंभीर, और जयजयवंती है! 
 
इसे मालवा की गंगा कहां जाता है! क्षिप्रा नदी के तट पर महाकालेश्वर मंदिर एवं कालियादेह महल स्थित है क्षिप्रा नदी के तट पर सिंहस्थ कुंभ मेले का आयोजन होता है! (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 

(6) ताप्ती नदी – 

ताप्ती नदी का उद्गम सतपुड़ा श्रेणी पर स्थित मुलताई नगर (बैतूल) के समीप 762 मीटर ऊंची पहाड़ी से होता है! ताप्ती नदी की कुल लंबाई 724 किलोमीटर है! यहां मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में प्रवाहित होती है और सूरत के निकट खंभात की खाड़ी में गिरती है!
 
ताप्ती भी नर्मदा की भांति डेल्टा नहीं बनाती,बल्कि एक एस्चुरी (ज्वारनदमुख) बनाती है! 
पूर्णा, बाहुद, गिरना, बोरी, पांछरा और शिवा ताप्ती की सहायक नदियां हैं! बुरहानपुर और सूरत आदि जैसे ऐतिहासिक शहर ताप्ती नदी के किनारे पर स्थित है! (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 

(7) सिंध नदी – 

सिंध नदी का उदगम मध्य प्रदेश के विदिशा जिले के सिरोंज के निकट से होता है इसकी कुल लंबाई 470 किमी है कुंवारी पाहुज माहुर आदि सिंधु की सहायक नदियां हैं सिंध अपने उद्गम से प्रदेश के गुना शिवपुरी, दतिया और भिंड जिले से बहती हुई उत्तर प्रदेश के इटावा के पास यमुना में मिल जाती है यह गंगा बेसिन के अंतर्गत आती है!
सिंध नदी सनकुआ जलप्रपात का निर्माण करती है यह गुना जिले को लगभग 2 बराबर भागों में बांटती है
 

(8) तवा नदी –

तवा नदी का उद्गम होशंगाबाद जिले की पंचमढ़ी में स्थित महादेव की पर्वत की कालीभीत पहाडियों से होता है इसकी लंबाई 172 किलोमीटर है! तवा नर्मदा की सबसे बड़ी सहायक नदी है, यह नर्मदा में दक्षिण दिशा की ओर से मिलती है! 
तवा की प्रमुख सहायक नदियां मालिनी, सप्तवा, देनवा है! 
 

(9) टोंस नदी – 

टोंस नदी का उद्गम सतना जिले के मैहर तहसील के झुलेरी के पास कैमूर की पहाड़ियों से तमसा कुण्ड नामक जलाशय से हुआ है! तमसा नदी की कुल लंबाई लगभग 320 किमी है और यह मध्य प्रदेश में लगभग 238 किमी बहती है! टोंस नदी सिरसा (उत्तरप्रदेश) के पास गंगा में समाहित हो जाती है! 
 
पुराणों में टोंस नदी को तमसा नाम से जाना जाता है तमसा का उल्लेख मारकंडेय, मत्स्य, वाल्मीकि रामायण, वामन एवं वायु पुराणों में भी किया गया है इसे ताओन भी कहा जाता है! बीहर, बबई, सोनकर, बेलाज महान और सतना आदि इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है! (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 

(10) केन नदी –

केन नदी का उद्गम कटनी जिले से एक धारा के रूप में होता है! केन नदी की कुल लंबाई 427 किमी है जिसमें से लगभग 292 किमी के मध्य प्रदेश में बहती है! इसका जल ग्रहण क्षेत्र 24,785 वर्ग किमी.है! यह चिल्ल के निकट यमुना नदी में मिल जाती है! 

 
केन नदी को कर्णावती, श्वेनी, कैनास और शुक्तिमति के नाम से भी जाना जाता है! इसकी प्रमुख सहायक नदियों में सनार, गुर्वे  पर्वा, सेमेरी मिर्शान, और उर्मीलकाली प्रमुख है  
 

(11) पार्वती नदी –

पार्वती नदी का उद्गम विंध्याचल कगार के उत्तरी पार्श्व में स्थित सीहोर जिले के सिद्दीगंज के रामकुण्ड से होता है! इसकी कुल लंबाई लगभग 360 किलोमीटर है! या कोटा के पास से राजस्थान में प्रवेश करती है राजस्थान के बूंदी जिले से बहती हुई पालिया गांव के निकट चंबल में मिल जाती है! पार्वती नदी को पारा नाम से भी जाना जाता है. अंधेरी, बिलास, बरनी, ल्हासी एवं बेथॅंली पार्वती की प्रमुख सहायक नदियां हैं! (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 

(12) काली सिंध – 

कालीसिंध नदी का उद्गम देवास जिले के बागली से होता है इसकी कुल लंबाई 150 किमी है, यह देवास जिले से होते हुए शाजापुर, आगर-मालवा, राजगढ़ जिला में प्रवाहित होते हुए राजस्थान के झालावाड़ तथा कोटा जिले में बहती हुई नोनेरा नामक स्थान पर चंबल में मिल जाती है! (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 

(13) माही नदी – 

माही नदी का उद्गम धार जिले के सरदारपुर कस्बे के मुंडा ग्राम की विंध्याचल पर्वत मालाओं के बीच से होता है! इस नदी की कुल लंबाई 583 किमी है! यह कुक्षी,धार,रतलाम से होते हुए राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में बहती हुई गुजरात में प्रवेश कर खंभात की खाड़ी में गिरती है! (Madhay pradesh pramukh nadiya)
 
माही नदी विश्व एवं भारत की एकमात्र नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है! बांसवाड़ा में माही नदी पर बांध का निर्माण किया गया है! माही परियोजना धार में तिथि इस परियोजना से धार और झाबुआ जिले लाभान्वित होते हैं
 

(14) बैनगंगा नदी – 

बैनगंगा नदी का उद्गम स्थल पारसवाडा पठार पर स्थित ग्राम मुंडारा (सिवनी) है, इसकी कुल लंबाई लगभग 570 किलोमीटर है यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में बहती है! बेनगंगा और वर्धा नदी का संगम प्राणहिता के नाम से जाना जाता है और प्राणहिता नाम से बहते हुए बैनगंगा नदी गोदावरी में समा जाती है! (Madhay pradesh ki pramukh nadiya)
 
बेनगंगा की सहायक नदियां पेच,वर्धा,बाघ, कन्हान, धॅंवर, और बावनथड़ी आदि है! बेनगंगा को पुराणों में वेण्या, वामन वेणा, वेन्वा आदि नामों से जाना जाता है! मध्य प्रदेश की पहली नहर 1923 में बालाघाट जिले में बेनगंगा नहर बनाई गई थी (Madhay pradesh ki pramukh nadiya)
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

प्रश्न :- मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी नदी कौन सी है

उत्तर :- नर्मदा मध्य प्रदेश (Madhay pradesh pramukh nadiya) की सबसे बड़ी तथा भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है इसकी लंबाई 1312 किलोमीटर है, जिसमें से 1077 किलोमीटर मध्यप्रदेश में प्रवाहित होती है! नर्मदा नदी का उदगम अमरकंटक में स्थित नर्मदाकुण्ड से हुआ है!

प्रश्न :- मध्य प्रदेश की दक्षिणी सीमा कौन सी नदी बनाती है

उत्तर :- मध्यप्रदेश की दक्षिणी सीमा का निर्धारण ताप्ती नदी द्वारा किया जाता है! ताप्ती नदी का उद्गम सतपुड़ा श्रेणी पर स्थित मुलताई नगर (बैतूल) के समीप 762 मीटर ऊंची पहाड़ी से होता है! ताप्ती नदी की कुल लंबाई 724 किलोमीटर है! यहां मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में प्रवाहित होती है और सूरत के निकट खंभात की खाड़ी में गिरती है! 

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