मध्यप्रदेश में मंद औद्योगिक विकास या औद्योगिक रग्णता के कारण लिखिए

मध्यप्रदेश में मंद औद्योगिक विकास या औद्योगिक रग्णता (Slow industrial development in Madhya Pradesh in hindi)-

औद्योगिकरण एक सामाजिक तथा आर्थिक प्रक्रिया का नाम है! जिसमें मानव- समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें उद्योग-धंधों का बोलबाला होता है! वस्तुतः यह आधुनिकीकरण का अंग है! बड़े-पैमाने की ऊर्जा खपत, बड़े पैमाने पर उत्पादन, धातुकर्म की अधिकता आदि औद्योगीकरण के लक्षण हैं! 

एक प्रकार से यह निर्माण कार्यों को बढ़ावा देने के हिसाब से अर्थ-प्रणाली का बड़े पैमाने पर संगठन है! दूसरे शब्दों में औद्योगिकरण एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक विकास की प्रक्रिया का केंद्रीय बल है! 

मध्यप्रदेश को देश का विकसित और औद्योगिक दृष्टि से अग्रणी राज्य बनाने का संकल्प है! इसके केंद्रीय भौगोलिक स्थिति और यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों को देखते हुए यह संभव भी है! यही कारण है कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में निवेश आकर्षित करने का अभियान विगत वर्षों से निरंतर चलाया जा रहा है! 

मध्यप्रदेश में उद्मोग काफी हद तक प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है यहां चूना पत्थर, कोयला, तिलहन, दाले, बॉक्साइट, लोहा अयस्क,  हीरा, तांबा  मैगनीज, रॉक फॉस्फेट सिलिका, सोया, कपास और अन्य प्राकृतिक संपदा प्रचुर मात्रा में है!

मध्यप्रदेश में कपड़ा, सीमेंट, इस्पात, खाद्य प्रसंस्करण, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट, फार्मा और ऑप्टिकल फाइबर जैसे क्षेत्रों के लिए मजबूत औद्योगिक नीव बनी हुई है! राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए मध्यप्रदेश संसाधनों से समृद्ध राज्य है! प्रगतिशील नीतियों और सक्रिय उपायों के माध्यम से सरकार लगातार कारोबारी माहौल का निर्माण का प्रयास कर रही है! 

मध्यप्रदेश में मंद औद्योगिक विकास या औद्योगिक रग्णता के कारण –

इन सभी के बावजूद अभी भी मध्यप्रदेश औद्योगीकरण की दृष्टि से पिछड़ा राज्य है! प्रदेश के उद्योग क्षेत्र में कमी या मध्यप्रदेश में मंद औद्योगिक विकास होने के कारणों को निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से स्पष्ट किया जा सकता है! 

(1) वित्त की कमी – 

मध्यप्रदेश के औद्योगिक रूप से पिछड़े होने में वित्त की कमी एक प्रमुख कारण है! इसमें कमजोर इक्विटी आधार, संपत्ति के गरीब उपयोग, अक्षम कार्यशील पूंजी प्रबंधन और अनुचित उपयोग या धन का अभाव शामिल हैं! 

(2) उत्पादन नीतियां – 

पिछड़ेपन के लिए एक और बहुत ही महत्वपूर्ण कारण उत्पादन से संबंधित हैं, जो साइट के गलत चयन, अनुचित संयंत्र और मशीनरी, संयंत्र और मशीनरी, गुणवत्ता नियंत्रण की कमी, मानक अनुसंधान एवं विकास आदि की कमी है! 

(3) निवेश की कमी – 

प्रदेश में औद्योगिकरण के लिए अपेक्षित निवेश की कमी है! हालांकि सरकार द्वारा औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, बावजूद इसके इस क्षेत्र में निवेश की कमी बनी हुई है! 

(4) परिवहन व्यवस्था – 

प्रदेश में सुव्यवस्थित परिवहन व्यवस्था का विकास नहीं हो पाया हैं! जहाँ प्राकृतिक संसाधन उद्मोग की दृष्टि से उपलब्ध हैं वहां रेल या सड़क मार्गो का अभाव है! परिवहन की इस लाचार व्यवस्था का उद्योगों के विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है!  (मध्यप्रदेश में मंद औद्योगिक विकास)

(5) अप्रभावी कारपोरेट –

लघु उद्योगों की बीमारी के लिए एक अन्य कारण अनुचित कारपोरेट योजना है, जिसमें शामिल है, शीर्ष प्रबंधन ईमानदारी की कमी, समंवय की कमी और नियंत्रण आदि!

(इस पोस्ट में आपने मध्यप्रदेश में मंद औद्योगिक विकास के कारण को जाना )

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