इमोशनल इंटेलिजेंस क्या है (what is emotional intelligence in hindi) –
भावनात्मक बुद्धिमत्ता (emotional intelligence) व्यक्ति की वह क्षमता है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपनी एवं दूसरों की भावनाओं को समझ व नियंत्रित कर सकता है! इसके द्वारा व्यक्तियों के गुणों की पहचान कर पाना व परिस्थितियों को समझना आसान होता है!
इनके द्वारा व्यक्ति अपने आचरण, बातचीत करने के ढंग और संबंधों को मजबूत करने में सफलता प्राप्त कर सकता है! किसी व्यक्ति को उसके स्वयं के तथा अपने कार्य क्षेत्र के वातावरण के मध्य अंतसंबंधों को विकसित करने में भावनात्मक बुद्धिमत्ता की महत्वaपूर्ण भूमिका होती है!
भावनात्मक बुद्धिमत्ता की विशेषताएं (Characteristics of emotional intelligence in hindi) –
इमोशनल इंटेलिजेंस की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं –
(1) अपनी भावनाओं और संवेगों को जानना और उसके प्रति संवेदनशील होना!
(2) दूसरे व्यक्तियों के विभिन्न दस्तावेजों को उनके शरीर भाषा आवाज और स्वर्ण तथा अन्य भी व्यक्तियों पर ध्यान रखते हुए जानना और उसके प्रति संवेदनशील होना!
(3) अपने संवेगों को अपने विचारों से संबंद्व करना ताकि समस्या का समाधान तथा निर्णय करते समय उन्हें ध्यान में रखा जा सके!
(4) अपने संवेगों की प्रकृति और तीव्रता के शक्तिशाली प्रभाव को समझना!
(5) अपने संवेगों और उनकी अभिव्यक्तियों को दूसरों से व्यवहार करते समय नियंत्रित करना ताकि शांति और सामंजस्य की प्राप्ति हो सके!
भावनात्मक बुद्धिमत्ता के लाभ (Benefits of emotional intelligence in hindi) –
इमोशनल इंटेलिजेंसके प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं
प्रशासन और नौकरशाही में –
वर्तमान में सिविल सेवाओं में तनाव का स्तर बहुत ऊंचा है जिसका प्रमुख कारण कल्याणकारी राज्य की निरंतर बढ़ती हुई अपेक्षाएँ, गठबंधन की राजनीति के कारण परस्पर विरोधी एवं कठिन दबाव, सीमित बजट किंतु ऊंच उद्देश्य, मीडिया का दबाव, सिविल सोसायटी के आंदोलन इत्यादि है है! इतनी जटिल परिस्थितियों में वही व्यक्ति सफल हो पाएगा, जिसमें तनाव प्रबंधन तथा अपनी व दूसरों की भावना के प्रबंधन की क्षमता अधिक होगी!
राजनीति में –
विभिन्न दबाव समूह के दबावों का प्रबंधन करना, सामाजिक परिवर्तन इस तरह से लाना की सामाजिक समूहों को उससे तनाव न हो, बल्कि परिवर्तन सहजता से हो तथा देश के विभिन्न राज्यों तथा विभिन्न समुदायों को मंत्रिपरिषद में समुचित प्रतिनिधित्व देना ताकि किसी भी समूह में अलगाव की भावना पैदा ना हो!
आर्थिक –
आर्थिक दृष्टि से इसका लाभ यह है कि ऐसे कर्मचारियों का चयन किया जा सकता है जिनमें तनाव झेलने और उनका प्रबंधन करने की अधिक क्षमता हो! ऐसे कर्मचारी संगठन के लिए संपत्ति बनते हैं, बोझ नहीं! वह बाजार के दबावों को आसानी से सहन कर लेते हैं!
शारीरिक एवं मानसिक –
भावनात्मक बुद्धिमत्ता ऊंच होने से व्यक्ति के तनाव में कमी आ जाती है! इससे उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, मधुमेह जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है, प्रतिरोधक तंत्र की क्षमता बढ़ती है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया कम हो जाती है!
सामाजिक संबंधों में –
सामाजिक संबंधों से लाभ की दृष्टि से देखें तो ऐसी भावनाओं को नियंत्रित कर लेना जो संबंधों पर दीर्घकालिक गलत प्रभाव डाल सकती है तथा भावनात्मक बुद्धिमत्ता की मदद से दूसरों की भावनाओं को समझना और सही रास्ते पर मोडना आसान हो जाता है!
भावनात्मक बुद्धिमत्ता का सिद्वांत : डेनियल गोलमेन (Theory of Emotional Intelligence: Daniel Goleman) –
डेनियल गोलमैन एक प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक है! 1950 को उनकी लोकप्रिय पुस्तक (Emotional Intelligence ;Why it can matter more than IQ) के माध्यम से ही भावनात्मक बुद्धिमत्ता की अवधारणा तेजी से प्रचलित हुई! गोलमेन का ज्यादा बल भावनात्मक बुद्धिमत्ता के व्यवहारिक पक्षों पर हैं!
अवधारणात्मक स्तर पर उन्होंने अकादमिक तरीकों का प्रयोग कम किया है! उन्होंने स्पष्ट रूप से भावनात्मक बुद्धिमत्ता को योग्यता या गुण के रूप में परिभाषित नहीं किया है! वे मानते हैं कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता एक अर्जित की जाने वाली योग्यता या क्षमता है, किंतु उसकी परिधि हमारी जैविक संरचनाओं से भी प्रभावित होती है!
उनका दावा है कि व्यावहारिक जीवन में 80% या उससे अधिक भावनात्मक बुद्धिमत्ता से तय होती है जबकि IQ का महत्व 20% से कम है! उनका एक विवादास्पद किंतु रोचक अनुमान यह भी है कि महिलाओं में प्रायः भावनात्मक बुद्धिमत्ता अधिक होती है और वर्तमान परिस्थिति में भावनात्मक बुद्धिमत्ता का तुलनात्मक महत्व बढ़ता जा रहा है इसलिए भविष्य में अधिकांश क्षेत्रों में ऊंचे पदों पर महिलाओं के पहुचने की संभावना बढ़ेगी!
डेनियल गोलमैन ने इमोशनल इंटेलिजेंस को 5 योग्यताओं या क्षमताओं का समूह माना है – (1) स्व जागरूकता (Self Awareness) (2) आत्म नियमन (Self Regulation) (3) आत्म अभिप्रेरण (Self Motivation) (4) समानुभूति (Empathy) (5) सामाजिक दक्षताऍं (Social Skills)
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An interesting thing is happening in the 21st-century workplace: The more technology we have in this digital age, the more we automate tasks and trust machines to take over duties, and the more we realize the importance of emotions; more specifically, the more we recognize the importance of emotional intelligence.
Emotional intelligence is our ability to recognize emotions in ourselves and others, to understand their effects, and to use that knowledge to guide our thoughts and behaviors. Because emotionally intelligent people tend to get along better with others and be more empathetic and compassionate, they are likely to be more successful compared to their counterparts. And that makes emotional intelligence something worth learning more about.
Thank you🙏🙏