अलाउद्दीन खिलजी के सैनिक सुधारों का वर्णन कीजिए (alauddin khilji ke sainik sudhar ka varnan kijiye)

अलाउद्दीन खिलजी के सैनिक सुधार (alauddin khilji ke sainik sudhar) – 

अलाउद्दीन खिलजी के पूर्व सुल्तान के पास स्थाई दृढ सेना थी! उसे भूपति, प्रांतपति और सामंतों आवश्यकता होने पर सैनिक भेजते थे! जिनमें प्रायः किराए के अनुशासनहीन, अशिक्षित सैनिक होते थे! अलाउद्दीन खिलजी के सैनिक सुधार इस प्रकार हैं –

(1) स्थायी सेना में वृद्धि –

पैदल और अश्वारोही सैनिकों की भर्ती कर अलाउद्दीन ने अपनी सेना की संख्या लगभग 5,00,000 कर ली थी! सेना में मुख्य रूप से वर्दीधारी अश्वारोही पद्धति और हाथी होते थे! सैनिकों के हूलिये दर्ज करने की प्रथा प्रारंभ की गई थी! 

(2) नकद वेतन – 

अलाउद्दीन ने सैनिकों व सेना के अधिकारियों को जागीर देने की अपेक्षा नकद वेतन, अश्व, अस्त्र शस्त्र, युद्ध सामग्री आदि देना प्रारंभ किया! एक पैदल सैनिक को 78 टका वार्षिक वेतन और एक अश्व रखने वाले सैनिक को 230 टका वार्षिक वेतन, दो अश्व रखने वाले सैनिक को 332 टका वार्षिक वेतन दिया जाता था! 

(3) श्रेष्ठ अश्वों की प्राप्ति और दागने की प्रथा – 

ऊंचा अश्व के अभाव को कम करने के लिए अलाउद्दीन ने ऊॅंची नस्ल के पशु बाहर से मंगवाये और नस्ल सुधारने का प्रयास किए! अश्वों को दागने की प्रथा निरीक्षण प्रणाली भी आरंभ की गई! अश्वों के लिए “पायगाह” नामक विभाग भी स्थापित किया गया! 

(4) अनुभवी सेनापतियों की नियुक्ति – 

सुल्तान ने योग्य, अनुभवी और विश्वासपात्र व्यक्तियों को सैनिक अधिकारियों के पद पर नियुक्त किया! सैनिक प्रशिक्षण के लिए उसने युद्धों को जारी रखा और शांति के काल में आखेट के समय उन्हें प्रशिक्षण दिया! 

(5) अस्त्र शस्त्र का निर्माण – 

सैनिक सामग्री और अस्त्र शस्त्र निर्माण के लिए कारखाने खोले गए तथा मंजनीक अरोदा और मगरबी यंत्रों का निर्माण करवाया! प्रत्येक सैनिक के पास दो तलवारें, धनुष-बाण, कटार, गदा और कुल्हाड़िया रहती थी, वही हाथी धातुओं के पत्र से ढके रहते थे! 

(6) दुर्ग एवं छावनिया – 

सीमांत क्षेत्र में प्राचीन दुर्गों की मरम्मत करवाई नवीन दुर्गों का निर्माण करवाया और सैनिक सांवरिया स्थापित की गई! इनमें रणकुशल वीर सैनिकों एवं सेनानायक को रखा जाता था! सीमांत प्रांत की सुरक्षा और व्यवस्था का भार गाजी मलिक को सौंपा गया! 

(7) सैन्य विभाग – 

अलाउद्दीन स्वयं सेना का निरीक्षण करता था और उसने सैनिक कार्यों का केंद्रीकरण कर दिया था! उसने दीवाने ए अर्ज नामक एक सेना विभाग खुला और इसका सर्वोच्च अधिकारी आरिज ए मालिक था! सेनापति का पद स्थायी नहीं था! युद्ध एवं आक्रमण के समय अलाउद्दीन सेनापति नियुक्त करता था! 

अलाउद्दीन खिलजी के सैनिक सुधार के परिणाम (alauddin khilji ke sainik sudhar ke parinaam) –   

(1) विशाल सेना से अलाउद्दीन ने अपने युद्ध एवं अभियान में सफलता प्राप्त कर अपने साम्राज्य का विस्तार किया! 

(2) दृढ़ सेना से अलाउद्दीन मंगोलों के विरुद्ध प्रत्याक्रमण की नीति अपनाकर सफल हो गया और मंगोल आक्रमणों का अंत हो गया! 

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